Comments (10)
Ram Krishan Rastogi
Author
30 Aug 2022 05:32 PM
श्री शिवम शर्मा जी धन्यवाद
Ram Krishan Rastogi
Author
7 Apr 2022 07:56 AM
श्री रस्तोगी जी आपने सही कहा आपकी पंक्तियां भी इस रचना के अंत में जोड़ दी है।कृपया पढ़िएगा।
5 Apr 2022 07:38 PM
बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद
Ram Krishan Rastogi
Author
5 Apr 2022 08:09 PM
धन्यवाद जी
5 Apr 2022 07:24 PM
माया की महिमा विचित्र न इसे कोई समझ पाया है और न ही समझ पायेगा
Ram Krishan Rastogi
Author
5 Apr 2022 08:08 PM
आपने बिल्कुल सही है। इसकी महिमा विचित्र है इसको पूरी तरह से कोई समझ नही पाया फिर भी
गरीबी तेरे तीन नाम,लुच्चा गुंडा बेईमान।
माया तेरे तीन नाम, पर्सी परसा परस राम।
5 Apr 2022 06:22 PM
बहुत सुंदर रचना
Ram Krishan Rastogi
Author
5 Apr 2022 08:02 PM
धन्यवाद जी
Ram Krishan Rastogi
Author
5 Apr 2022 05:57 PM
पैसे के बारे में आपके क्या ख्याल है।कृपया इसके अन्य दूसरे रूप बताए ताकि उन रूपो के बारे में मै और अधिक लिख संकू।
श्रीजना चहल जी धन्यवाद