Mugdha shiddharth Language: Hindi 841 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next Mugdha shiddharth 12 Apr 2020 · 1 min read मुहब्बत में डूबी दुनियां वो जो मुहब्बत का सौदाई है न, उसे ही तो मैं याद रखूंगी डर बाटने वालों से मुझे क्या, अगले मोड़ पे भूल जाऊंगी ! मेरा भला उन से क्या... Hindi · कविता 3 235 Share Mugdha shiddharth 12 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक साहेब तेरे राज में आदम नंगा हो गया भूखे पेट भी धर्म के नाम पे दंगा हो गया.? ये कौन है जिस ने नफ़्स नफ़्स में जहर भर दिया मुहब्बत... Hindi · कविता 2 1 400 Share Mugdha shiddharth 12 Apr 2020 · 1 min read मुहब्बत चुटकी भर मुहब्बत आज भी बचा रखा है तुम्हें खबर नहीं क्या तुझे दिल में बसा रखा है मेरी हम नफ़स तुझे यकीं हो के न हो तेरी दीद ने... Hindi · कविता 2 1 464 Share Mugdha shiddharth 12 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक स्वर्ग से उतारे गए लोगों ने रक्त रक्त में भेद करना सिखाया और रक्त के स्वाद को सबसे उम्दा बताया... ~ सिद्धार्थ 2. मेरे कहने और तुम्हारे समझने के बीच... Hindi · कविता 1 234 Share Mugdha shiddharth 12 Apr 2020 · 1 min read अपने घर आंगन नहीं गए अपने घर आंगन गए हमें तो जमाने हो गए कंकड़ के शहर के जब से हम दीवाने हो गए कच्चे रास्तों में अब भी उड़ती होगी क्या धूल धूल में... Hindi · कविता 2 2 280 Share Mugdha shiddharth 11 Apr 2020 · 1 min read आवारगी आंखों से पढ़ा किए सब देखा न अपनी आवारगी अजनबी दिल रहा और आंखों में रही आवारगी बड़ी नफ़ासत से ऐब गिनवाए उसने, देखा किए बस मुझ में मेरी विरानगी... Hindi · मुक्तक 2 5 242 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read उम्र उम्र ही था जो हर शाम सूरज के साथ थोड़ा ढल गया सूरज तो ज्यूं का त्यु रहा उम्र किस्तों में ढल गया. हर शाम एक छटाक बचपन बुढ़ापे के... Hindi · मुक्तक 1 1 242 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read भूखा भूखा सर को उठाए भी तो कहां ये अपने हाल पे रोता है कानों में तेल डाले बैठे सिस्टम अपने खाट पे सोता है कोई जात को रोता है कोई... Hindi · मुक्तक 2 470 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मौत जिंदगी बोझ सी लगे है मौत में यार मेरा दिखे है सफ़र में थे अब तलक अब अंतिम पड़ाव दिखे है बहुत तनहा रहा अब तलक था जो भी सफ़र... Hindi · कविता 1 2 263 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मूर्तियों ने कभी नहीं कहा मूर्तियों ने कभी नहीं कहा जिन हाथों ने गढा मुझे जिन हाथों ने किया खड़ा मुझे उन हाथों को पकड़ो चूम लो बाजुओं को पकड़ अपना सानिध्य दो एक निवाला... Hindi · कविता 2 3 484 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक 1. मुहब्बत यूं ही रह गया दुकान के आले में नफरत हाथों हांथ बिक गया बस दिखाने में ~ सिद्धार्थ 2. मेरे अंदर का इंसान मुझे आज अंधेरे में रहने... Hindi · मुक्तक 2 1 205 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read #सुकून 1. सुकून के तलाश में दिल में भगवान को बिठाए रहा मैं पहर भर सुकून तब मिला जब प्यासे के मुंह में कुछ बूंदे छलका दिए ~ सिद्धार्थ 2. धर्म... Hindi · मुक्तक 4 3 523 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read साहेब के मन की बात कुछ गुफ्तगू अभी भी है तुम से बाक़ी इंतजार रहे हम फिर फिर आयेंगे दूरी बढ़े न जहालत से ताकि...? आवाम तुम्हारे मन के कोने में रहे न सरकार से... Hindi · मुक्तक 1 338 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मै सोचती हुं... मै सोचती हुं... गर किसी दिन आसमान के घने बृक्ष पे फूल लगे और पेड़ों की टहनियों पे चांद सितारे उगे और तुम अचानक सपने से निकल कर सामने आ... Hindi · कविता 2 244 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read वो कौन है 1. वो कौन है जिसने अम्बर से घड़ा उड़ेला दिया है तन को गीला कर मन को सूखा छोड़ दिया है क्या उसे मालूम नहीं बेघर बच्चों ने पत्तों को... Hindi · मुक्तक 1 474 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read दिल लगाए बैठे हैं कोई तुम्हारी गली भी आके फूल फेके हम तो जाना खार से दिल लगाए बैठें हैं अजि महकूमी का तो वाइज़ नहीं दिल मेरा सब्र ये कि फकीरी से हम... Hindi · कविता 3 1 226 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मैंने फिर मैंने आवाज लगाई है अना की धज्जियाँ उड़ा के फिर से इख़लास-ए-मोहब्बत को तो मैंने तनहा देखा कोई आया तो चुप शहर के सीने पे बस मुझे ही बोलता... Hindi · मुक्तक 2 1 576 Share Mugdha shiddharth 2 Apr 2020 · 1 min read बुझता चाराग हूं मेरे हंथों में वो बात ही कहां साथी छुए किसी पत्थर को और बुत तरास दे अब सहरा भी पूछती है मुझ से नमी का पता किस तरह कहें हम... Hindi · कविता 3 2 441 Share Mugdha shiddharth 2 Apr 2020 · 1 min read बूंद थी में... बूंद थी मैं तो तुम ने दरिया समझ लिया ए दोस्त तुम ने ये क्या से क्या समझ लिय बहुत बेचैन थी मैं कि कोई तो गले मिले हाय... जिंदगी... Hindi · कविता 2 1 474 Share Mugdha shiddharth 1 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक यादों में यूं घर तुम न बनाया करो घर की दीवारें उदास होंगी कभी घर का भी दौरा कर आया करो वो जो उसका एक ख्याल टांग रखा है छत... Hindi · मुक्तक 2 1 464 Share Mugdha shiddharth 31 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मुहब्बत पैरहन बदलती है कभी इस गली उछलती है कभी उस गली फुदकती है मुहब्बत सफ़र पे रहती है ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 413 Share Mugdha shiddharth 31 Mar 2020 · 1 min read दिल दिल है ये... दिल क्या तुम खीसे में रखते नहीं हो दिल की बातों को क्या अकसरहां समझते नहीं हो? बस लिय चलते हैं हम तो सीने पे दिल बाजू... Hindi · मुक्तक 3 1 265 Share Mugdha shiddharth 31 Mar 2020 · 1 min read आखरी शख़्स हो क्या ये तुम इतने खुशफ़हम से क्यूं हो दीलजोई को तुम आखरी शख़्स हो क्या? मेरे दिल के दहलीज पे जो धड़का हुआ तुम आज कल मुझ से ख़फ़ा ख़फ़ा हो... Hindi · कविता 2 363 Share Mugdha shiddharth 31 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक खुशबू हो बिखर जाऊं मैं तुम इत्रदान न लाना की कैद हो जाऊं मैं। ~ सिद्धार्थ प्रेम में हो ... बने ही रहो लोग आज कल दूरियां बढ़ाने में मसरूफ़... Hindi · मुक्तक 3 1 407 Share Mugdha shiddharth 31 Mar 2020 · 1 min read चंदू चंदू... मैंने कल एक सपना देखा सपने में तुमको मैंने अपना देखा सपने में जाने तुम क्यूं नांच रहे थे चे - भगत संग कुछ तो बांच रहे थे चंदू... Hindi · कविता 2 2 479 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक तुम क्या मुझको मुझ में मिलोगे? मैं क्या तुमको तुम में कभी मिलूंगी? ये मिलना एक दूसरे को एक दूसरे के अंतर में क्या इसको सम्भव मैं या तुम करोगे?... Hindi · मुक्तक 3 453 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक दुखी दिल से आह के सिवा क्या ही निकलेगा जब भी लब खुलेगा आग के सिवा क्या ही निकलेगा ~ Siddharth पहली बार पैदा हुए थे पहली बार ही मरेंगे... Hindi · मुक्तक 1 484 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read मेरे शब्द मेरे सारे शब्द झर गए उन्हें खिलने थे फूल बनके महकने तो थे उन्हें साथी हम – हम करके मगर भूख से चिल्लाते कंठो की हृदय भेदी चीत्कार में वो... Hindi · कविता 2 455 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read मैं नदी हूं मैं नदी हूं प्रेम हो या घृणा तिनका हो या कंकड़ फुल हो या राख सब को समेट लूंगी खुद में तुम्हें भी बहा ले जाऊंगी दूर तक कि मिल... Hindi · कविता 2 526 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read प्रेम प्रेम परिहास करता है कि दिल है तो दर्द सहो आंखे नम हो फिर भी होठों से हंसते ही रहो? ~ सिद्धार्थ समंदर को सूखने से बचाने के लिए ही... Hindi · मुक्तक 3 417 Share Mugdha shiddharth 29 Mar 2020 · 1 min read उसका नाम उसके नाम से लिपटा एक एक अक्षर मुझे उतना ही प्यारा है जितना सदियों से जागी आंखों को नींद, रेगिस्तान में भटकते राही को पानी, चातक को बारिश की पहली... Hindi · कविता 2 476 Share Mugdha shiddharth 29 Mar 2020 · 1 min read मैं तुम्हें खुद में मरने नहीं दूंगी जब तक तुम सुन नहीं लेते मेरे जी से तुम्हारे जी की पुकार जो लेता है तुम्हारी हिचकियों में आकार कविता फूटती रहेगी मेरी कलम के लोहे कि ज़ुबान से... Hindi · कविता 2 341 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक हम दिल दिल खेलते हैं... हमारे पास दिल है क्या? बिछड़ गए हैं खुद से कब के हम ... इसका हमें इल्म है क्या? ❤️????? ~ सिद्धार्थ दिलबरी, दिलकशी ये... Hindi · मुक्तक 4 375 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक जितने भी रहबर मिले हमें सब जोंक ही मिले खून पिया हमारी और हमारी होठ भी सिले ~ सिद्धार्थ बुलाती हुं, मगर कोई अता ही नहीं कोरोना का डर है... Hindi · कविता 1 194 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read खिल जाती हो... खिल जाती हो तुम कहीं भी क्या तुम्हें शर्म आती नहीं पानी - पत्थर घाम - शाम क्या तुम्हें डराती नहीं एक हम हैं जो हुक्कमों से डरते फिरते हैं... Hindi · कविता 3 262 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read घबराते क्यूं हो...??? मैं ही तो हुं जो सब करा रहा हूं घबराते क्यूं हो ? प्रियजनों को पास बुला रहा हूं मुझ से होकर ही आए थे मुझ से होकर ही लौटोगे... Hindi · कविता 2 562 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read सुनो... कुछ कहूं क्या??? सुनो... कुछ कहूं क्या? मत जाओ... गांवों की तरफ़ मत बोओ मौत खुली वादियों में पेड़ पहाड़ नदी नाला, खेत खलिहान सब मर जाएंगे, सब खारे हो जाएंगे जाना चाहते... Hindi · कविता 1 268 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read मौत यार रह जाएंगे यहीं, हिज्र फिर भी न रुलाएगी याद सब छूटेंगे यहीं रूह अकेली जाएगी मौत से जिंदगी भला कब तलक टकराएगी ...सिद्धार्थ पहली बार पैदा हुए थे पहली... Hindi · मुक्तक 3 1 303 Share Mugdha shiddharth 27 Mar 2020 · 1 min read खुद को राधा करेंगे मैं बावरी भई श्याम धुन में श्रृंगार अब हम सादा करेंगे लोग कहे ये पागल पन है हम कहे में कहां बाधा करेंगे क्या कर लेंगे हम ठीक होके जाना... Hindi · कविता 3 247 Share Mugdha shiddharth 27 Mar 2020 · 1 min read तुम मैं तुम्हे शहर भर में ढूंढ़ आई तुम मेरे धडकनों में थे मिले खेलती क्या में तेरी हाथों से तुम तो मेरी लकीरों में न मिले गैर तो न थे... Hindi · कविता 4 1 294 Share Mugdha shiddharth 27 Mar 2020 · 1 min read दिल जिंदा दफन कर दो इसे कि आज कल ये शोर करने लगा है ये जो दिल है न... उस की ओर से धड़कने लगा है कई दिन हुए उस ने... Hindi · कविता 4 1 203 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक कहां कुछ है ऎसा जिसे चूम लूं मैं मेरी जन्नत तू आ तेरे कदमों को चूम के झूम लूं मैं ~ सिद्धार्थ 2. मेरे चैन का जरा इंतजाम तो करो... Hindi · मुक्तक 2 422 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read उस सुबह हम झूम के नाचेंगे जब भूखे बच्चे भर पेट अन्न को खाएंगे जब माएं अपने बच्चों के जिस्म के चीथड़े न समेटेगी जब घूटी हुई सांसों को लेकर किसान न पेड़ पे लटकेगा स्कूलों... Hindi · कविता 3 226 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read सुखांत सिमट के बैठी है वो एकांत में एक आस है मिलेगा वो एकांत में पंछियों का कलरव कह रहा है कहानी ख़तम नहीं होगी दुखांत में कोपले फूट रही है... Hindi · कविता 2 217 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read मैं शब्द हूं मैं शब्द हूँ मुझे हर बार दफ़नाने की साज़िश होती है जब मैं चुभ जाता हूँ, भीतर तक फिर मैं दबाया जाता हूँ समय के मिट्टी में, अंदर तक फिर... Hindi · कविता 2 2 591 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read मेरी याद क्या मेरी याद में तकिया पकड़ के वो सारी रात सोया होगा तनहाई के आलम में क्या याद मुझे कर के वो भी रोया होगा चुपके सिरहाने अपने क्या विसाल... Hindi · कविता 2 280 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read सुनो... सुनो... जब दुनियां ख़तम होने के मुहाने पे खड़ी होगी तो याद रखना ... कोई पंछी फिर भी आसमां में बिचर रहा होगा कोई बच्चा मां के आंचल में मचल... Hindi · कविता 2 223 Share Mugdha shiddharth 25 Mar 2020 · 1 min read क्या कहा... हमें बचना है ? क्या कहा... हमें बचना है ? खतरे से दूर हमें रहना है ? बताया तो नहीं किस खतरे से ? भूख, लाचारी या... बीमारी कहां जाएं जो बच जाएंगे जीवन... Hindi · कविता 2 512 Share Mugdha shiddharth 25 Mar 2020 · 1 min read औरत महिलाओं ने खुद को होने दिया बाजार का सामान मैं नहीं बता सकती वो पहली महिला कौन थी... कब थी, कहां की थी धरती के किस हिस्से की थी मगर... Hindi · कविता 1 1 461 Share Mugdha shiddharth 24 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक तुम्हें तुम्हारी चालाकियां मारेगी मुझे मेरी ख़ब्तीगी ही ले डूबेगी हम दोनों ही मझधार में हैं, हमें तो जीवन साहिल की धार ही ले डूबेगी ~ पुर्दिल सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 401 Share Previous Page 7 Next