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2 Apr 2020 · 1 min read

बुझता चाराग हूं

मेरे हंथों में वो बात ही कहां साथी
छुए किसी पत्थर को और बुत तरास दे

अब सहरा भी पूछती है मुझ से नमी का पता
किस तरह कहें हम चल अंदर से ही खराश ले

बहुत देर तलक अब न टिम टिमाउगी मैं
बुझता हुआ चराग हूं चल थोड़ी दूर साथ दे
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 419 Views
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