Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2023 · 1 min read

2635.पूर्णिका

2635.पूर्णिका
🌷 लोग कारण बन जाते हैं 🌷
212 22 22 2
लोग कारण बन जाते हैं ।
सच उदाहरण बन जाते हैं ।।
नासमझ भी बनते-बनते ।
यूं निवारण बन जाते हैं ।।
खुदगर्जी का आलम देखो ।
सोच चारण बन जाते हैं ।।
बदल देते फितरत अपनी ।
होश मारण बन जाते हैं ।।
बात दिल की जाने खेदू ।
रोज तारण बन जाते हैं ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-10-2023बुधवार

223 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ख़्वाब सजाना नहीं है।
ख़्वाब सजाना नहीं है।
Anil "Aadarsh"
इतना गुरुर न किया कर
इतना गुरुर न किया कर
Keshav kishor Kumar
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Ram Krishan Rastogi
देश हमरा  श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
देश हमरा श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
DrLakshman Jha Parimal
श्री राम जी अलौकिक रूप
श्री राम जी अलौकिक रूप
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"दिल्लगी"
Dr. Kishan tandon kranti
vah kaun hai?
vah kaun hai?
ASHISH KUMAR SINGH
दो जीवन
दो जीवन
Rituraj shivem verma
खुशी की खुशी
खुशी की खुशी
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
राखी है अनमोल बहना की ?
राखी है अनमोल बहना की ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
Gouri tiwari
आस्था
आस्था
Neeraj Agarwal
"एक नज़्म तुम्हारे नाम"
Lohit Tamta
रहता हूँ  ग़ाफ़िल, मख़लूक़ ए ख़ुदा से वफ़ा चाहता हूँ
रहता हूँ ग़ाफ़िल, मख़लूक़ ए ख़ुदा से वफ़ा चाहता हूँ
Mohd Anas
विनती सुन लो हे ! राधे
विनती सुन लो हे ! राधे
Pooja Singh
" कू कू "
Dr Meenu Poonia
जब-जब मेरी क़लम चलती है
जब-जब मेरी क़लम चलती है
Shekhar Chandra Mitra
कवि को क्या लेना देना है !
कवि को क्या लेना देना है !
Ramswaroop Dinkar
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
दूषित न कर वसुंधरा को
दूषित न कर वसुंधरा को
goutam shaw
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
SPK Sachin Lodhi
मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उन्हें नमन।
मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उन्हें नमन।
Paras Nath Jha
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
Sanjay ' शून्य'
बढ़ चुकी दुश्वारियों से
बढ़ चुकी दुश्वारियों से
Rashmi Sanjay
जीवन का लक्ष्य महान
जीवन का लक्ष्य महान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
मन की कामना
मन की कामना
Basant Bhagawan Roy
#गुलमोहरकेफूल
#गुलमोहरकेफूल
कार्तिक नितिन शर्मा
ना मानी हार
ना मानी हार
Dr. Meenakshi Sharma
Loading...