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16 Apr 2024 · 1 min read

तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,

तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम धरा,गगन की सुंदरता, तुम अमिट अजेय अचंभा हो।

✍️~ SPK Sachin Lodhi

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