Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
329 posts
Page 6
यूँ ही न हुए हम-तुम बदनाम जमाने मे
यूँ ही न हुए हम-तुम बदनाम जमाने मे
कवि संजय कौशाम्बी
सभी के दिल में रहता है
सभी के दिल में रहता है
कवि संजय कौशाम्बी
दोहे
दोहे
कवि संजय कौशाम्बी
जब देखोगे तुम मेरी ऊँचाई को
जब देखोगे तुम मेरी ऊँचाई को
कवि संजय कौशाम्बी
अबकी होली में
अबकी होली में
कवि संजय कौशाम्बी
होली की विदाई
होली की विदाई
कवि संजय कौशाम्बी
करने लगा हूँ शायरी सर्दी-जुकाम पर
करने लगा हूँ शायरी सर्दी-जुकाम पर
कवि संजय कौशाम्बी
अट्ठारह की हुई है वो
अट्ठारह की हुई है वो
कवि संजय कौशाम्बी
मतदान के नाम
मतदान के नाम
कवि संजय कौशाम्बी
बाहर निकाल दो माँ
बाहर निकाल दो माँ
कवि संजय कौशाम्बी
आप रहने दीजिए
आप रहने दीजिए
कवि संजय कौशाम्बी
तुम कहाँ बैठे हुए हो मुँह फुलाए
तुम कहाँ बैठे हुए हो मुँह फुलाए
कवि संजय कौशाम्बी
गद्दार हो गए हम
गद्दार हो गए हम
कवि संजय कौशाम्बी
दीपक जला देता
दीपक जला देता
कवि संजय कौशाम्बी
मुझे वो भुलाने लगे
मुझे वो भुलाने लगे
कवि संजय कौशाम्बी
तुम हो उस पार के
तुम हो उस पार के
कवि संजय कौशाम्बी
चुपके से
चुपके से
कवि संजय कौशाम्बी
छोड़ आए हैं
छोड़ आए हैं
कवि संजय कौशाम्बी
बस कुछ कदम और हैं
बस कुछ कदम और हैं
कवि संजय कौशाम्बी
फिसलती रही जिंदगी
फिसलती रही जिंदगी
कवि संजय कौशाम्बी
झूठी खबर लपेट के
झूठी खबर लपेट के
कवि संजय कौशाम्बी
मैं ही समाज हूँ
मैं ही समाज हूँ
कवि संजय कौशाम्बी
शीशे से पत्थर को तोड़ रहे होंगे
शीशे से पत्थर को तोड़ रहे होंगे
कवि संजय कौशाम्बी
मुश्किल से ये रंग बदलना सीखा है
मुश्किल से ये रंग बदलना सीखा है
कवि संजय कौशाम्बी
इंतजार
इंतजार
कवि संजय कौशाम्बी
तुम ही बाधाओं से लड़े नहीं
तुम ही बाधाओं से लड़े नहीं
कवि संजय कौशाम्बी
लकीरें देख ले पढ़कर
लकीरें देख ले पढ़कर
कवि संजय कौशाम्बी
ये ही रामराज तो नहीं
ये ही रामराज तो नहीं
कवि संजय कौशाम्बी
पागल भी हो सकता था
पागल भी हो सकता था
कवि संजय कौशाम्बी
पढोगे नाम मेरा...
पढोगे नाम मेरा...
कवि संजय कौशाम्बी
रोने नहीं देती
रोने नहीं देती
कवि संजय कौशाम्बी
मजा आ जाए
मजा आ जाए
कवि संजय कौशाम्बी
मेरे ईश्वर तुम ही हो
मेरे ईश्वर तुम ही हो
कवि संजय कौशाम्बी
माँ जैसी थी कभी जो
माँ जैसी थी कभी जो
कवि संजय कौशाम्बी
कान्हा जो रोए
कान्हा जो रोए
कवि संजय कौशाम्बी
अगर न माँ सोई होती (वीर अभिमन्यु )
अगर न माँ सोई होती (वीर अभिमन्यु )
कवि संजय कौशाम्बी
पलकें बिछा दी है
पलकें बिछा दी है
कवि संजय कौशाम्बी
ना तो आया गया ना बुलाया गया
ना तो आया गया ना बुलाया गया
कवि संजय कौशाम्बी
बाण चलाना भूल गया ( महावीर कर्ण )
बाण चलाना भूल गया ( महावीर कर्ण )
कवि संजय कौशाम्बी
चार अँगुलियाँ भी हैं काफी एकलव्य के वास्ते
चार अँगुलियाँ भी हैं काफी एकलव्य के वास्ते
कवि संजय कौशाम्बी
भाती है तेरी खुशबू
भाती है तेरी खुशबू
कवि संजय कौशाम्बी
संजय' अब जुआरी हो चुका है
संजय' अब जुआरी हो चुका है
कवि संजय कौशाम्बी
मुझे बदनाम रहने दो
मुझे बदनाम रहने दो
कवि संजय कौशाम्बी
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
कवि संजय कौशाम्बी
हम पुकारते कैसे
हम पुकारते कैसे
कवि संजय कौशाम्बी
कुछ भी नया नहीं होता
कुछ भी नया नहीं होता
कवि संजय कौशाम्बी
अब पी ओ के की बारी है
अब पी ओ के की बारी है
कवि संजय कौशाम्बी
फिर कोई बेटी हँसी है क्या
फिर कोई बेटी हँसी है क्या
कवि संजय कौशाम्बी
इतवार सा नहीं लगता
इतवार सा नहीं लगता
कवि संजय कौशाम्बी
कैमरे को उधर भी घुमाया करो
कैमरे को उधर भी घुमाया करो
कवि संजय कौशाम्बी
Page 6
Loading...