संजीव शुक्ल 'सचिन' Tag: कविता 319 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jan 2018 · 1 min read बिहार बिहार न रहा आओ यारो आज सुनाये तुम्हें कहानी बिहार की धन सम्पदा से परिपूरित भारत के एक शान की अखण्ड भारत की संरचना कभी जहाँ से आरम्भ हुई हिन्दुस्तान की गौरव गाथा... Hindi · कविता 306 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jan 2018 · 1 min read आतंकी हमला फिर से आतंकी हमले में कई एक जवान सहीद हुए कुछ बहनों ने भाई खोये कई माओं के है कोख लूटे ना जाने कौन सा खेल है यह जो मानवता... Hindi · कविता 208 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Jan 2018 · 1 min read अंग्रेजीयत अंग्रेजीयत..... ------------------------ नाता ए बी सी डी से जोड़ लो क ख ग घ को छोड़ दो एक दो तीन पुराना हैं वन टू थ्री का जमाना है पिताजी बोल... Hindi · कविता 388 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 31 Dec 2017 · 2 min read सत्ता का सुख सत्ता+सुख ********** सत्ता सुख के मद् में देखो , बने हैं सारे अंधे, भूल गये इनको भी जाना, चार जनों के कंधे। यह सत्ता ना सगी किसी की और कभी... Hindi · कविता 378 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Dec 2017 · 1 min read ईमानदारी बेचाता (भोजपुरी) ईमानदारी बेचाता.....!! ------ ------- ------- -------- जेने जाईं ओने, भ्रष्टाचारे भेटाता कौड़ी के मोल, ईमानदारी बेचाता, हाय रे जमाना, अनीतीये के जोर बा नीचे से ऊपर, भरल सगरे घूसखोर बा।।१।।... Hindi · कविता 400 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Dec 2017 · 1 min read नवका जमाना (भोजपुरी कविता) नवका जमाना.....!! ----- ------- ------- आईल घोर कलयुग भरल सगरो हताशा जेने देखीं ओने लऊके बीगड़ल जमाना, कइसन ई जुग आईल कइसन ई जमाना कइसन - कइसन खेल कईसे होत... Hindi · कविता 535 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Dec 2017 · 1 min read भावविहीन आंखें.....!! भावशून्य आंखें..... ...................... रात्री के यहीं कोई ग्यारह बजे का समय कृष्ण पक्ष की वो काली भयावह रात शरीर को कपकपा देनेवाली ठीठुरन में वो फुटपाथ पे सोया था, सर्द... Hindi · कविता 470 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Dec 2017 · 1 min read पेट....!! पेट.... ---------- आंख खुलने से बंद होने तक खुद के लिये रुलाता उल्टे सीधे काम हमसे यह करवाता दिखता बहुत छोटा किन्तु सागर सी गहराई है इंसान तो इंसान विधाता... Hindi · कविता 189 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Dec 2017 · 1 min read नेता बन जाऊं....!! नेता बन जाऊं....!! ------ ----- ----- ----- ----- सोचता हूँ मैं भी अब नेता बन जाऊं कुछ जुमले पढूं कुछ वादे करूं कारण; थोड़ा झूठ तो मैं भी बोल हीं... Hindi · कविता 519 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Dec 2017 · 1 min read स्वागत है नववर्ष तेरा.....!!?? स्वागत है नव वर्ष तेरा आओ खुशीयों का दान लिए, इस महासमर के युग में अब आओ संयम का भान लिए।।१।। स्वागत् है नव वर्ष तेरा आओ एक स्वर्ण विहान... Hindi · कविता 265 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Dec 2017 · 1 min read एक वर्ष नया अब आयेगा एक वर्ष बदलने वाला है एक वर्ष नया अब आयेगा। .कुछ बातें होंगी कल वाली कुछ बात नया यह लायेगा, जीवन सबका हो सुखो भरा कुछ अवसर ऐसे लायेगा, एक... Hindi · कविता 179 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Dec 2017 · 1 min read है बुद्ध तूं, प्रबुद्ध तूं। है बुद्ध तूं, प्रबुद्ध तूं। ******************* हे मानव क्यों निराश तूं मौन बीना; संवाद तूं। नीज क्षमता का तूं भान कर, कर कुण्ठा का संघार तूं। है बुद्ध तूं प्रबुद्ध... Hindi · कविता 320 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Dec 2017 · 1 min read नेता नेता बन खद्दर पहन चुनाव लड़ भ्रष्टाचार कर भाषड़ दे झूठ बोल जीत जा ब्यभिचार कर दुराचार कर टोपी लगा। हवाला कर घोटला कर चारा खा जेल जा वापस आ... Hindi · कविता 261 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Dec 2017 · 1 min read पियक्कड़ों का नववर्ष पियक्कड़ों का नववर्ष ............................. नये साल के ताल पर बीवी गाल बजाये, या साली गरीयाये, हमें नहीं कोई फर्क आया हैं नव वर्ष। अपने मन का काम करेंगे दारू पी... Hindi · कविता 370 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Dec 2017 · 1 min read श्रद्धांजलि [बेटी क्या बोलूं मै आज निरूत्तर हूं लेकिन एक बात अवश्य हीं कहूंगा..... दिवंगत.. ................. तुम्हें इतना जो स्नेह करे नयनो में कभी ना आंशु दे उसपे बोलो क्या बीतेगी... Hindi · कविता 223 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 14 Dec 2017 · 1 min read नववर्ष नववर्ष का संकल्प ........ ...... ....... ....... चलो चलें कुछ नवा करें अबकी इस नववर्ष में संकल्प साधलो हे मानव कही भुल न जाना हर्ष में। कहीं ना कोई भुखा... Hindi · कविता 218 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 13 Dec 2017 · 1 min read विष का प्रभाव........ विष का प्रभाव ....... ........ ........ आज मानवीय स्वभाव जैसे विष का प्रभाव शहर दर शहर नगर दर नगर हर गांव हर गली मर रही संवेदनाएं जैसे विष का प्रभाव।... Hindi · कविता 438 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Dec 2017 · 1 min read मुश्किल मुश्किल .... ................... जाडे की रात हो, अंगीठी में आग हो रजाई भी पास हो, सर चिन्ता का पहाड़ हो जीना होगा मुश्किल। न कोई आस पास हो, न अपनों... Hindi · कविता 391 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Dec 2017 · 1 min read खिन्नता ........खिन्नता...... .......... तुम खिन्न हो मानते नहीं तुम समझते पर जानते नहीं इस समाजिक संरचना से टूटते रीश्तों की याचना से टूटते संयम उसकी प्रकाष्ठा से घृणित स्वार्थसिद्धि मिश्रित सदभाव... Hindi · कविता 504 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Dec 2017 · 2 min read जनाजा जनाजा ..(हास्य कविता) ~~~~~~~~~~~~~~~ अर्थी पर लेटा मैं अपने जनाजे का भरपूर आनंद ले रहा था लोग आते , मुझे गौर से देखते कुछ आंशू बहाते कुछ धीरे से भुनभुनाते... Hindi · कविता 710 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Dec 2017 · 1 min read वेदना-----2 वेदना-----2 ----------------- हाँ जी हाँ पंडित हूँ मैं वेद ही पढऩे आया था, फिर भी वेदनाएं पढने लगा ! धार्मिक अवधारणा के नाम सर्वत्र फैले बहशीपने की, जाती संप्रदाय के... Hindi · कविता 447 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Dec 2017 · 1 min read नारी मैं नारी हूँ ............... तुम मुझे विलखता छोड़ गये सपनों को मेरे तोड़ गये तुम ही तो एक सहारा थे तुम मेरे भाग्य विधाता थे तुम थे जीवन में रौनक... Hindi · कविता 481 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Dec 2017 · 1 min read अभिलाषा नादान की सुन्दर स्वच्छ हो देश हमारा हमको यह प्राणो से प्यारा जग में हम भी नाम करें यह बात राष्ट्र सम्मान की अभिलाष नादान की। स्वक्षता का बनेंगे सूचक शिक्षा का... Hindi · कविता 498 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Dec 2017 · 1 min read खुद पे विश्वास खुद पे विश्वास.... ......................... घुट- घुट कर जीना छोड़ दे हवा के रूख को मोड़ दे उठना है तुझे अम्बर तक भरम गीरने का छोड़ दे हिम्मत को औजार बना... Hindi · कविता 627 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Dec 2017 · 1 min read पीर ....नारी हृदय की पीर..नारी हृदय की .............................. कैसे कर भूलजाऊं मैं उन मधुर स्मृतियों को तेरे संग ब्यतीत सुन्दर पलों को तुम थे तो जिन्दगी रौशन थी तुम थे तो दुनिया हशीन थी... Hindi · कविता 326 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Dec 2017 · 1 min read उड़ान उड़ान ......... ......... चलो महसुस करें अपनी उड़ान को अपेक्षाओं के सुन्दर आसमान को ये ऐसे ही नहीं संघर्ष से आता है यह मात पिता के चरणों का प्रताप है... Hindi · कविता 414 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Dec 2017 · 1 min read वेदना वेदना...... .................... पंडित हू मैं वेद पढने आया था वेदनाएं पढने लगा वेदनाएं समाजिक कुप्रथा की मेधावी के हार्दिक व्यथा की वेदनाएं नैतिकता के पतन की भ्रष्टाचार पीडित वतन की... Hindi · कविता 245 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Dec 2017 · 1 min read रेल आज अभी ये माना मैने भीड़ करीब से जाना मैंने, लोग पे लोग चढे रहते हैं, देश की रेल इसे कहते है, कभी समय से ये ना चलती, अपनी व्यथा... Hindi · कविता 197 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Nov 2017 · 1 min read याचना नहीं अब रण होगा बहुत हुआ अब नहीँ सहेँगे याचना नहीँ अब रण होगा , आरक्षण जो नही हटा तो अब युद्ध भीषण होगा । डीगेँगे अब ना इस पथ से हम मार्ग चाहे... Hindi · कविता 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Nov 2017 · 2 min read काले धन के लोभी राष्ट्र चल रहा तीब्र गति उसे मंद कराने आये है, काले धन के लोभी भारत बंद कराने आये है। हुए घोटाले कल तक जो उस पर ये कुछ कहे नहीं,... Hindi · कविता 1 612 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Nov 2017 · 1 min read कालाबाजारी..... कालाबाजारी......... ......................... नोट बंद हो गये अरमानों की जली चिता धू धू कर सपने सारे खण्ड - खण्ड हो गये। लगी कतार लम्बी पैसों के खातीर कल तक पैसों के... Hindi · कविता 574 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Nov 2017 · 1 min read कितना अच्छा होता..... शहर नहीं मैं आता...... ....... ....... ........ ....... कितना अच्छा होता गर शहर नहीं मैं आता, मित्रजनों के संग में रहता फुला नहीं समाता। करता अपने मन का सबकुछ जो... Hindi · कविता 600 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Nov 2017 · 1 min read ठोकर... ठोकर....... .................... देखता हू मै जहाँ भी हर ठौर हर गली में बेवफाई का नजारा और नहीं कुछ भी , कहीं भी। हर तरफ एक आश सा है मन में... Hindi · कविता 213 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Nov 2017 · 1 min read कविता क्या है....? कविता क्या है.....? ....... ........ ........ कविता कविता शब्दों की शक्ति है कविता ईश्वर की भक्ति है कविता कविता हृदय की वेदना है कविता जन - जन की संवेदना है... Hindi · कविता 216 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Nov 2017 · 1 min read विरह की रात यह रात हुई आधी से अधिक पर इन आँखों में नीन्द नहीं। ये रात यही ऐसे तू ठहर तेरे पदचापों में वो बात नहीं। इन नयनो में जो आश पले... Hindi · कविता 373 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Nov 2017 · 2 min read एकांकीपन एकांकीपन...... ..................... मैं प्रति दिन ढाबे पर भोजन करता हूं लोग कहते है घर पे क्यों नहीं बनाते घर का क्यों नहीं खाते घर का खाना अच्छा होता है होटल... Hindi · कविता 630 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Nov 2017 · 1 min read मास्टर जी मास्टर जी................... ......... ........ यह बात तब की है जब मैं छोटा था मेरे मास्टर जी तब मुझे पढाते थे कभी कोई प्रश्नोत्तर तो कभी पुरा पाढ ही रटाते थे... Hindi · कविता 731 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Nov 2017 · 1 min read मै भी भीग जाऊँ!! मैं भी भीग जाऊँ। ........................ सोचता हूँ एकबार मैं भी भीग जाऊँ। इस बरसात प्रिय के साथ घनी जुल्फों की छाव में प्रियतम की बाहों में फिर से समाजाऊँ सोचता... Hindi · कविता 300 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 14 Nov 2017 · 1 min read शिव और शिवा शिव और शिवा ............... मै दीपक हूँ तूं लव मेरी मैं धर्म ध्वजा तूं भक्ति है जो साथ है तूं तो शिव हूं मैं कारण तूं शिव की शक्ति है... Hindi · कविता 449 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2017 · 1 min read प्रदूषित दिल्ली (भोजपुरी कविता) प्रदूषित दिल्ली.... ................................... छोड़ के अईनी आपन गांव दिल्ली में मिलजाई छांव जीवन बनजाई खुशहाल रहे ईहै तब सोच हमार सोच पे हमरा फीरल पनी ऐह दिल्ली के करुण कहानी... Hindi · कविता 677 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Nov 2017 · 1 min read प्रदूषण प्रदूषण... .............. विषाक्त हैं हवायें, फिजायें अभिषप्त हुई जीना मुहाल हर मानव संतप्त है। मैली हैं नदियाँ और सुख रहे पोखर जहरीला मौसम आज जीवन भी त्रस्त है। खोज रहा... Hindi · कविता 436 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Nov 2017 · 1 min read संकल्प (आरक्षण) संकल्प......... .......................... आओ मिलकर साथ करें हम एकजुट भी हो जाना है अपने भारत की भूमि से आरक्षण को मिटाना है। साथ जो सबका रहा अगर हर लक्ष्य आसान हो... Hindi · कविता 222 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Nov 2017 · 2 min read बचपन की छाँव में आओ चलें बचपन की छाँव में.....? .................................................. बड़े दिनों बाद हमारे तरफ का रूख किया यार, बचपन का लंगोटिया यार आज इतने दिनों बाद कैसा है मेरा यार ? कुछ... Hindi · कविता 439 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Oct 2017 · 1 min read का तूं जान$ तारु......(भोजपुरी कविता) का तूं जान$ तारु....? ........................... मननी तूं हमार पत्नी हऊ ऐह जीवन के सम्पूर्ण स्वामिनी हऊ तोह से ही हमार संसार बा ऐह जीवन में खीलल बहार बा किन्तु ऐह... Hindi · कविता 353 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Oct 2017 · 1 min read आरक्षण एक विघ्न विघ्न मेधावी का ...... ................................. आरक्षण है विघ्न बड़ा मेधा के पथ दुर्भाग्य खड़ा, अब काहे नहीं तुम जाग रहे अपने हक को नहीं मांग रहे रण करने को रणभूमी... Hindi · कविता 1 321 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Oct 2017 · 1 min read आजाओ प्रिय अब तो आओ आजाओ प्रिय अब तो आओ... ..................................... आज बिरह में डूब गया हूँ इस जग से मैं उब गया हूँ तेरे बिन है यह जग सुना सोच सोच कर टूट गया... Hindi · कविता 275 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Oct 2017 · 1 min read आरक्षण का भुत विलुप्त होती प्रतिभा को संजीवनी पीलाओ मेधावी को उसका अधिकार अब दिलाओ राजनीतिक चक्रव्यूह से दक्षता को बचाओ आरक्षण के भूत को इस देश से भगाओ। प्रण साध लोअब हूँकार... Hindi · कविता 1 414 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Oct 2017 · 1 min read पी कर है आया पी कर है आया....... ....................... जवानी का हर सुख यहीं इसने पाया, सम्भालो इसे है ऐ पी कर के आया। नहीं कोई चिन्ता इसे है वतन की न परवाह कुछ... Hindi · कविता 766 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Oct 2017 · 1 min read महंगाई के मार महंगाई के मार.......... (भोजपुरी कविता)......... ऐह दीवाली सगरे हमें अंहार दिखेला। महंगाई के मार महंग समान मिलेला।। सबका हमसे रहला हरदम बहुते आशा लाख जतन करके भी हमरा मिलल निराशा... Hindi · कविता 660 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Oct 2017 · 1 min read दशानन की करुण वेदना मैं पूछता हूँ क्या प्रति वर्ष कागजी पुतले पर कमान साधोगे, कब तक मरे दशानन को युहीं तुम बार - बार मारोगे। क्रोध, कपट, ईर्ष्या, लिए जो तेरे आगे -... Hindi · कविता 1 576 Share Previous Page 5 Next