Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Dec 2017 · 1 min read

श्रद्धांजलि

[बेटी क्या बोलूं मै
आज निरूत्तर हूं

लेकिन एक बात अवश्य हीं कहूंगा…..

दिवंगत..
……………..

तुम्हें इतना जो स्नेह करे
नयनो में कभी ना आंशु दे
उसपे बोलो क्या बीतेगी
जब ऐसे तुम्हें वो देखेगा।
जहाँ प्यार रहे निस्वार्थ रहे
एक दूजे का एहसास रहे
वो छोड़ कभी ना जाते है
हर पल वो साथ ही रहते है
बिटिया उनका तुम ध्यान करो
उन पदचापों का भान करो
उनको कोई दुख ना तुम देना
खुश रहो कभी ना तुम रोना
अब अगर कभी तु रोयेगी
सच मानों उनको खो दोगी
वो हर पल ही तेरे साथ ही हैं
सच मानो हर एहसास में हैं
हर बात में हैं तेरे सांस में है
हद दिन में हैं हर रात में है
तुम श्रवण करो दिल की धड़कन
वो हर धड़कन विश्वास में हैं
माना आंखों से ओझल है
किन्तु हर पल तेरे साथ ही हैं
जो हमको दिल से प्यार करे
ओ कभी छोड़ नहीं जाते है
तुम जब चाहो उन्हें पाने की
खुद में उनको तुम पाओगी
जो दुख इतना तूं मनाओगी
सच मानो उन्हें सताओगी
है पंचतत्व का बना हुआ
ऐ शरीर हमारा नश्वर है
किन्तु जो कभी ना मरती है
वह आत्मा है, हमें देखती है
अब उसका ही तुम भान करो
कभी दुखी ना हो ध्यान रखो।।
©®………………………
पं.संजीव शुक्ल “सचिन”

Language: Hindi
217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
हर पति परमेश्वर नही होता
हर पति परमेश्वर नही होता
Kavita Chouhan
■ कोशिश हास्यास्पद ही नहीं मूर्खतापूर्ण भी।।
■ कोशिश हास्यास्पद ही नहीं मूर्खतापूर्ण भी।।
*Author प्रणय प्रभात*
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो,
धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो,
हिमांशु Kulshrestha
पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए,
पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
काश - दीपक नील पदम्
काश - दीपक नील पदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मारी - मारी फिर रही ,अब तक थी बेकार (कुंडलिया)
मारी - मारी फिर रही ,अब तक थी बेकार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
नहीं बदलते
नहीं बदलते
Sanjay ' शून्य'
राखी की यह डोर।
राखी की यह डोर।
Anil Mishra Prahari
विश्व गौरैया दिवस
विश्व गौरैया दिवस
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
संस्कृतियों का समागम
संस्कृतियों का समागम
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जग कल्याणी
जग कल्याणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम मेरे हो
तुम मेरे हो
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ममतामयी मां
ममतामयी मां
SATPAL CHAUHAN
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
सुंदरता के मायने
सुंदरता के मायने
Surya Barman
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
बसंत का मौसम
बसंत का मौसम
Awadhesh Kumar Singh
2840.*पूर्णिका*
2840.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
मनोज कर्ण
अधीर मन खड़ा हुआ  कक्ष,
अधीर मन खड़ा हुआ कक्ष,
Nanki Patre
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
शेखर सिंह
कब भोर हुई कब सांझ ढली
कब भोर हुई कब सांझ ढली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
gurudeenverma198
नेता
नेता
Raju Gajbhiye
धर्मग्रंथों की समीक्षा
धर्मग्रंथों की समीक्षा
Shekhar Chandra Mitra
"जांबाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...