आर.एस. 'प्रीतम' Tag: कविता 281 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next आर.एस. 'प्रीतम' 4 May 2017 · 1 min read कविता : तुम डाल-डाल,हम पात-पात.....??? गोलियों की बौछार से या तीर तलवार से। जीतना है संग्राम,चाहे किसी भी हथियार से। साम,दाम,दंड,भेद कोई भी नीति अपनाकर, दहलाना शत्रु का कलेजा सिंह की हुंकार से। दो सिर... Hindi · कविता 1k Share आर.एस. 'प्रीतम' 3 May 2017 · 1 min read ??◆सैनिक का धर्म◆?? सैनिक हो चाहे किसी देश का भी। इंसान पहले है किसी वेश का भी।। आमने-सामने लड़ना तो फर्ज़ ठहरा। शहीद होने पर मान सर्वेश का भी।। अंग-भंग करना कोई तालिम... Hindi · कविता 835 Share आर.एस. 'प्रीतम' 2 May 2017 · 1 min read ??◆तेरी यादों का डेरा◆?? तेरे बिना दिल लगता नहीं मेरा। दिल में बसा तेरी यादों का डेरा।। क़ूचे से आए तन्हाई में आहट। दिल में सजे है तेरा ही चेहरा।। ख़्वाब नसीले हैं तेरे... Hindi · कविता 1 309 Share आर.एस. 'प्रीतम' 1 May 2017 · 1 min read ??◆बोले बहुत पर◆?? बोले बहुत मगर प्यार जताना न आया। दिल में फूल थे ख़ुशबू बिखराना न आया।। मन के तसव्वुर बहारों से कम न थे। मंज़िल पता थी सफ़र सुहाना न आया।।... Hindi · कविता 218 Share आर.एस. 'प्रीतम' 1 May 2017 · 1 min read ??◆कितनी लम्बी दूरी है वफ़ा की◆?? मेरा चाँद राहों में खो गया रूठा तो नहीं है। दुनिया हसीं,महफ़िल हसीं दिल तो नहीं है।। ख़ुशी मिले या ग़म दोस्त वही जो साथ चले। ज़रा-सी बात पर बदलना... Hindi · कविता 507 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 Apr 2017 · 1 min read ??◆तुम मिले जो◆?? तेरी मोहब्बत के हम,गुलाम हो गए हैं। दिल के तमाम तुझे,सलाम हो गए हैं।। तू आए तो महके,सूना घर-आँगन सनम। मैं कहूँ सबसे हसीं,सुबहो-शाम हो गए हैं।। तू देखे आइना... Hindi · कविता 1 228 Share आर.एस. 'प्रीतम' 29 Apr 2017 · 1 min read ??◆वो लोग◆?? मेरी शख़्सियत की शिनाख़्त करते हैं जो लोग। मेरी ज़िन्दगी की हिफ़ाज़त करते हैं वो लोग।। छिप-छिप देखते हैं मेरे चालो-चलन को दोस्त। मेरे हयात मेंं एक एहतियात भरते हैं... Hindi · कविता 243 Share आर.एस. 'प्रीतम' 28 Apr 2017 · 1 min read ??◆ये क्या हो रहा है◆?? कोई हँस रहा है,कोई रो रहा है। तृप्त कोई नहीं,ये क्या हो रहा है।। लक्ष्य पता न ख़ुद की ही ख़बर है, लगता है हर कोई,जीवन ढ़ो रहा है।। आगे... Hindi · कविता 212 Share आर.एस. 'प्रीतम' 27 Apr 2017 · 2 min read कविता : हर समस्या का समाधान होता है......??? हे मानव क्यों छोटी-छोटी बातों पर तू परेशान होता है। इस धरती पर तो पगले हर समस्या का समाधान होता है। विधाता ने जीवन के दो पहलू बनाए हैं कभी... Hindi · कविता 5k Share आर.एस. 'प्रीतम' 26 Apr 2017 · 1 min read ??◆परिवर्तन की गुंज़ाइश◆?? हर तरफ़ नफ़रतों की शम्मा जल रही है। स्वार्थे-बुद्धी इंसान की तासीर बदल रही है।। सरेआम होने लगे हैं क़त्ले-आम मुल्क़ में। इंसानियत डर के आग़ोश में पल रही है।।... Hindi · कविता 210 Share आर.एस. 'प्रीतम' 25 Apr 2017 · 1 min read कविता//ओ बहना मेरी ओ बहना ख़ुश रहना , रहे दूर हर ग़म। छूना हर ऊँचाई , जीवन सुंदरतम।। हर हसरत पूरी हो , जीवन नूरी हो। चित-आँगन में ख़ुशियाँ , नाचें छमछमछम।। राखी... Hindi · कविता 2 3 455 Share आर.एस. 'प्रीतम' 24 Apr 2017 · 1 min read ??◆ज़िंदगी◆?? कभी ख़ुशनुमा कभी उदास लगती है ज़िन्दगी। हरपल एक नया इतिहास लगती है ज़िन्दगी।। झाँक कर देखा जब भी इंसान की आँखों में। लिए बैठे वर्षों की प्यास लगती है... Hindi · कविता 366 Share आर.एस. 'प्रीतम' 22 Apr 2017 · 1 min read ??◆भैया मेरे◆?? ख़ुदा की निग़ाहों तले पले भैया मेरे। ग़म के अँधेरों से टल चले भैया मेरे।। तेरी सलामती की दुवा माँगती हरपल। तेरी ज़िंदगी फूल-सी खिले भैया मेरे।। सफलता का ताज़... Hindi · कविता 240 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Apr 2017 · 1 min read ---बेटियाँ चंदा सरीखी हैं--- बेटियाँ चंदा सरीखी हैं,प्यार दीजिए। शीतलता ही सीखी हैं,प्यार दीजिए।। माँ का प्रतिरूप कुल संजीवनी शक्ति। पूरक ये प्रभु लिखी हैं,प्यार दीजिए।। हर साँस मे माँ-बाप का नाम इनके। हरक्षेत्र... Hindi · कविता 467 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Apr 2017 · 1 min read ??◆ यारी यार की◆?? याराना यार का मौसम ये बहार का। फूले-फले दोस्ती मिले सुख प्यार का।। यार तोहफ़ा है ये क़िस्मत से मिलता। दीप उजाला बनता जैसे घर-बार का।। यारी खज़ाना है कुबेर... Hindi · कविता 295 Share आर.एस. 'प्रीतम' 19 Apr 2017 · 1 min read --माँ ममता की मूरत-- माँ ममता की मूरत माँ देवी का अवतार यहाँ। कलेजे के टुकड़े को करती है बहुत प्यार यहाँ।। माँ का हृदय गंगाजल-सरिस प्यार अमृत की धारा। खुद सो गीले में... Hindi · कविता 626 Share आर.एस. 'प्रीतम' 18 Apr 2017 · 1 min read ??◆ दिल कहता है◆?? मेरे ख़्वाबों,ख़्यालों में तेरी यादों का सजना है। ये प्यार नहीं तो क्या है?लोगों का कहना है।। करवट बदल-बदलकर तन्हाई में रातें गुज़रती है। तकिए को लगाकर सीने से अब... Hindi · कविता 262 Share आर.एस. 'प्रीतम' 12 Apr 2017 · 1 min read ??◆व्यवहार ऐसा हो◆?? अपने लिए चाहो,औरों से वैसे करना। देख मुस्क़राएँ तुझे,व्यवहार ऐसे करना।। तारीफ़ चारों दिशा से मिलेगी तब तुझे। प्रेम की बहारों से,फूलों जैसे खिलना।। चर्चे गली,मुहल्ले क्या दुनिया में होंगे।... Hindi · कविता 225 Share आर.एस. 'प्रीतम' 12 Apr 2017 · 1 min read ??◆तेरे नाम का गुल◆?? मेरी वफ़ा से बड़ी तेरी जफ़ा भी नहीं। तेरी हर जिद्द मानी हुआ खफ़ा भी नहीं।। तुझे छोड़कर जाने का मन नहीं था मेरा। तेरे पास रहने की थी पर... Hindi · कविता 239 Share आर.एस. 'प्रीतम' 9 Apr 2017 · 1 min read ??◆उसके दर पर जो आया◆?? अ मालिक तेरी दया,हमपर ज़रा-सी हो जाए। हो उजाला ज्ञान का,ग़म का अँधेरा खो जाए।। सहमे-सहमे से हैं हम,थके-थके-से हैं क़दम। ग़म की घटाएँ हैं छाईं,मंज़िल कहीं न खो जाए।।... Hindi · कविता 259 Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 Apr 2017 · 1 min read ??◆कमसिन उम्र है◆?? कमसिन उम्र है इतना मुस्क़राया न करो। जुल्फ़ें छत पर जाकर सुलझाया न करो।। पड़ोसियों की नज़रें अच्छी नहीं समझो। इतना विश्वास किसी पर जताया न करो।। हम तो हितैषी... Hindi · कविता 382 Share आर.एस. 'प्रीतम' 4 Apr 2017 · 1 min read ??◆ आइना◆?? मेरी रात बीती है हादसे की तरह से। टूटा बिखरा हूँ मैं आइने की तरह से।। क़ातिल बच गया सबूत बटोरकर यार। सच गाता रहा कोई नग़में की तरह से।।... Hindi · कविता 276 Share आर.एस. 'प्रीतम' 4 Apr 2017 · 1 min read ??◆ प्रीत का झूला◆?? हुश्नो-शबाब से दिल मेरा,वो चुराके चली गई। अपनी मीठी बातों से,वो बहलाके चली गई।। फुरसत में तराशा हुआ पूरनूर बदन क़सम से। लता-सी बलखाके दिल वो लिपटाके चली गई।। पास... Hindi · कविता 307 Share आर.एस. 'प्रीतम' 29 Mar 2017 · 1 min read ??◆ चाहे दुश्मन हो जाए सारा आलम◆?? नाज़ो-नखरे भी सहके तेरे हमदम। हम फिर भी तेरे साथ हैं हरक़दम।। गुस्से में वाज़िब है तेरा क़हर ढ़ाना। पर सूर्य भी शाम को होता है नरम।। तेरे दर आया... Hindi · कविता 223 Share आर.एस. 'प्रीतम' 25 Mar 2017 · 1 min read आँचल संभाल कर चलना : कविता आँचल संभाल कर चलना हवाएँ तेज़ हैं। कमसिन उम्र की होती ये अदाएँ तेज़ हैं।। कलियों की रुत पर,भ्रमरों की नज़ाकतें। आने लगी हैं सुनिए,सरेआम ये शिकायतें। नज़रें बचाकर चलना... Hindi · कविता 1 1k Share आर.एस. 'प्रीतम' 17 Mar 2017 · 1 min read ??◆एक रंग है ख़ून का◆?? कुछ लोग हैं जो अहंकार लेकर आए हैं। हम तो अपने दिल में प्यार लेकर आए हैं।। एक रंग है ख़ून का,एक मानव जाति है। फिर भी भेदभाव की दीवार... Hindi · कविता 292 Share आर.एस. 'प्रीतम' 8 Mar 2017 · 1 min read ??◆साहिल◆?? दोनों किनारे डूब गए दिले-दरिया तूफ़ानी में। ऐसी विरह की चोट लगी इस भरी जवानी में।। सावन बदली घिर-घिर बरसे रस्ता देखे साजन। कैसे कटेगी रात हिज़्र की इस भरी... Hindi · कविता 253 Share आर.एस. 'प्रीतम' 8 Mar 2017 · 1 min read तुम्हें रीझाने आएंगे वक़्त आएगा ख़ुशी के खज़ाने आएंगे। एकदिन रूठे भी हमें मनाने आएंगे।। मुँह फेर लेते हैं हमें देखकर जो लोग। चौखट पर हमारी हाज़िरी लगाने आएंगे।। दिल जल रहा है... Hindi · कविता 371 Share आर.एस. 'प्रीतम' 3 Mar 2017 · 1 min read ??लचकी डाली?? झर गया फूल,जो लचकी डाली। कोई नहीं है यहाँ,ग़म से खाली।। तू कहे मेरा कसूर,मैं कहूँ तेरा। एक हाथ से पर,बजे न ताली।। सारा जग अपने दुख में है रोए।... Hindi · कविता 520 Share आर.एस. 'प्रीतम' 25 Feb 2017 · 1 min read ?? दिल जलता है धुआँ उठता नहीं?? आज दिल मेरा कहीं भी लगता नहीं। तेरी यादों में उलझा है निकलता नहीं।। मर्ज़ क्या है?कैसे बताएँ हम किसी को। दर्द ऐसा मिला है हमें जो ढ़लता नहीं।। दोस्तों... Hindi · कविता 341 Share आर.एस. 'प्रीतम' 25 Feb 2017 · 4 min read #भारतरत्न बाबा साहब डॉ.भीमराव आंबेडकर छियासी #श्री आंबेडकर जी छियासी दोहे मानवता का नूर बन,लिया अमर अवतार। बाबा साहिब भीम की,कोटि-कोटि जयकार।। ज्ञान आन की चेतना,रीति-नीति सुलतान। शक्ति शील की प्रेरणा,बाबा आप महान।। चौपाइयाँ जय -... Hindi · कविता 444 Share आर.एस. 'प्रीतम' 23 Feb 2017 · 1 min read ??सीख ले ले यार?? इंसान ज़्यादा इंसानियत कम देखी है। मज़े से अपनों ने आँख नम देखी है।। दूँ किसके प्यार की दुहाई यहाँ दोस्त! हर किसी की टूटती क़सम देखी है।। विश्वाश दिया... Hindi · कविता 259 Share आर.एस. 'प्रीतम' 17 Feb 2017 · 1 min read अपना-अपना नज़रिया दिल दिया जिसको हो गया रक़ीब। वो राजदां था दिल के बहुत क़रीब।। भुला दिया हमें कसमें-वादे तोड़कर। अर्श से गिरा टूट मेरा तारा-ए-नशीब।। कौन जाने किसी को बिन आज़माए।... Hindi · कविता 611 Share आर.एस. 'प्रीतम' 14 Feb 2017 · 1 min read --आज मिलके उनसे-- आज मिलके उनसे ख़ारो-ग़म निकल गये। बदले-बदले उनके मिज़ाज़ हमें बदल गये।। कुछ ऐसी हसरत भरी निग़ाह से देखा हमें। बंद दिल के दरवाज़े उसी वक्त खुल गये।। उठा ली... Hindi · कविता 273 Share आर.एस. 'प्रीतम' 13 Feb 2017 · 1 min read ?? छूकर तेरी यादों को?? इस तरह से अपने ग़म को छिपा लेते हैं हम। दिल तेरा रखने को यार मुस्क़रा लेते हैं हम।। तुझे हँसता हुआ देखें हरपल यही है तमन्ना। तू जहाँ रखे... Hindi · कविता 266 Share आर.एस. 'प्रीतम' 12 Feb 2017 · 1 min read ??घर संसार की बातें?? आओ सिखा दूँ मैं,कुछ व्यवहार की बातें। याद हमेशा तुम रखना,अपने यार की बातें।। माता-पिता की सेवा और सब धर्मों का मान। गुरुजनों का आदर करना,हैं संस्कार की बातें।। जीवन... Hindi · कविता 717 Share आर.एस. 'प्रीतम' 7 Feb 2017 · 1 min read कविता : शिक्षा धन अद्भुत अनुपम घर-घर फैलेगा जब शिक्षा-दीप उजियारा। विश्व-प्रमुख बनेगा उस दिवस राष्ट्र हमारा। पढ़ लिख अपने अधिकार जानेगा हरजन। जीवन मार्ग में आगे बढ़ेगा हो आनंदमग्न। पुष्प खिलेंगे हृदय-चमन,नवीन विचारों के। भिन्न-भिन्न... Hindi · कविता 568 Share आर.एस. 'प्रीतम' 27 Jan 2017 · 1 min read $दोहे #दोहे क़ीमत है हर चीज़ की, रख अतिउत्तम ज्ञान। सही वक़्त दो दे बता, बंद घड़ी भी मान।। कमियाँ खोज़े बात में, मक्खी कर पहचान। ज़िस्म ख़ूबसूरत भुला, बैठे ज़ख्म... Hindi · कविता 354 Share आर.एस. 'प्रीतम' 24 Jan 2017 · 1 min read ?? गणतंत्र-दिवस?? आओ गणतंत्र-दिवस हम,अबके मनाएं ऐसे। दिल में भरलें उमंगें हम,लहराए तिरंगा जैसे।। भेदभाव की दीवारों को,दिल से तोड़ बगाएं। हमसब मिल जाएं ऐसे,फूल और ख़ुशबू जैसे।। सत्य,अहिंसा,त्याग को,दिल का गहना... Hindi · कविता 239 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Jan 2017 · 1 min read ??नज़र से नज़र मिली?? नज़र से नज़र मिली प्यार हो गया है। इश्क़ में दिल गंगा की धार हो गया है।। सजने लगे सपने दिल में रे मिलन के । फूल को ज्यों दीदारे-ए-बहार... Hindi · कविता 257 Share आर.एस. 'प्रीतम' 16 Jan 2017 · 1 min read ?? सीखो प्रकृति से कुछ?? फूलों से तुम हँसना सीखो रे भाई। कलियों से सीखो मुस्क़राना भाई।। पेड़ों से सीखो सर्वस्व लुटाना रे तुम। नदियों से सीखो रफ़्तार लगाना भाई।। पर्वत से ऊपर उठना सीखो... Hindi · कविता 346 Share आर.एस. 'प्रीतम' 15 Jan 2017 · 1 min read ?? प्रेम की गंगा?? तेरा चेहरा है ये मानो प्रेम की गंगा। तुमसे मिल मेरा दिल हो गया चंगा।। तू मेरे हृदय की चाँदनी चन्द्रमुखी-सी। पाकर जिसे पा गया में चाहत-उमंगा।। तू धड़कन में... Hindi · कविता 384 Share आर.एस. 'प्रीतम' 14 Jan 2017 · 1 min read ??कमबख़्त! दिल की वेदना?? दिल को तेरी हाज़िरी अच्छी लगे। नज़र प्यार में सिरफिरी अच्छी लगे।। तू मुस्क़रा बाहों में आ जाओ ज़रा। तेरी ये दिल की बहादुरी अच्छी लगे।। क़सम से तुझे दिल... Hindi · कविता 463 Share आर.एस. 'प्रीतम' 11 Jan 2017 · 1 min read ?? बादल दीवाना हो गया?? धरती की बेचैनी देखी,मानसून का आना हो गया। छमछमाछम बरसा ऐसे,बादल दीवाना हो गया।। प्रेम की बूँदें गिरी जो,धरती का दिल भी डोल गया। ऐसे बिखरी रूप की हरियाली,सारा जग... Hindi · कविता 330 Share आर.एस. 'प्रीतम' 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ छू लूँगी गगन एकदिन न मारो कोख पावन में। फूल-सी खिलने दो मुझको इस दुनिया के चमन में।। देख रिश्तों की लाज की सूरत मैं बसाऊँगी आँखों में। कल्पना की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share आर.एस. 'प्रीतम' 8 Jan 2017 · 1 min read कविता : रिश्ते हैँ कच्चे धागे रिश्ते कच्चे धागे,मोल न इनका कोय। समझे तो ज़न्नत,न समझे तो नरक होय।। सुख-दुख में साथ निभाता सच्चा मीत वही। बात-बात पर मुँह मोडले निज स्वार्थी होय।। ऐसे रहिए मिलजुल... Hindi · कविता 1 1k Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 Jan 2017 · 1 min read ??देती है मज़ा फिर जीत?? मेरी जान ले ले चाहे प्यार की ख़ातिर। बस एकबार मुस्क़रादे यार की ख़ातिर।। अर्श पर देख सूरज कैसे चमक रहा। खुद को जलाकर संसार की ख़ातिर।। चारों दिशाओं में... Hindi · कविता 227 Share आर.एस. 'प्रीतम' 4 Jan 2017 · 1 min read ?? बुलबुल छेड़ तराना कोई?? बुलबुल छेड़ तराना कोई। मैं भी लिखूँ अफ़साना कोई।। इतना सुहाना मौसम आया। कैसे न हो जाए दीवाना कोई।। फूलों ने खिल हँसना सिखाया। है बहारों जैसे नज़राना कोई।। रोशन... Hindi · कविता 297 Share आर.एस. 'प्रीतम' 24 Dec 2016 · 1 min read कविता :भारत पाक युद्ध भारत पाक युद्ध में मारे गए पाक सैनिक। पाक गवर्नर ने पूछा कहाँ के थे वो सैनिक, मार गिराया हमारे सेनिकों को बताओ सैनिक, एक सैनिक बोला,"वो भारत के थे... Hindi · कविता 846 Share आर.एस. 'प्रीतम' 23 Dec 2016 · 1 min read #हास्य-कविता : 'हद हो गई' सपनों की दुनिया में गुलाब खिलाए बैठे हैं लोग। पर अपने ही घर में आग लगाए बैठे हैं लोग।। इस कदर बेशर्म हुए अपनी घिनौनी हरक़तों से। स्वार्थी बेटी को... Hindi · कविता 1 1 1k Share Previous Page 5 Next