Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2017 · 1 min read

??सीख ले ले यार??

इंसान ज़्यादा इंसानियत कम देखी है।
मज़े से अपनों ने आँख नम देखी है।।

दूँ किसके प्यार की दुहाई यहाँ दोस्त!
हर किसी की टूटती क़सम देखी है।।

विश्वाश दिया वही मौन हुए वक्त पर।
मरी आत्मा उनकी हरक़दम देखी है।।

उम्मीद की चादर तब छोटी लगी जब।
इंसानी नीयत इंसान पर बेरहम देखी है।।

ऊपर से हर चीज़ नीचे गिरती है यार।
ज्वार की भाटे में यही इल्म देखी है।।

गिरगिट न बन तू मौसम न बन कभी।
मिट जाएगा सुन मैंने पूर्णिमा देखी है।।

धूप-छाँव-सी यहाँ ज़िन्दगी की फितरत्।
पल-पल बदलती यहाँ हर रस्म देखी है।।

गुमान न कर सूरत पर इतना कामिनी।
वक्ते-पानी से बुझती शै गरम देखी है।।

नफ़रत भूल ये दुनिया रंगीन हो जाएगी।
प्यार में आइने की रुह नरम देखी है।।

“प्रीतम”हँसकर हर किसी को गले लगाले।
प्यार में हीरे-सी चमक असीम देखी है।।
************
************
राधेयश्याम….बंगालिया….प्रीतम….कृत
*****************************
***************************?

Language: Hindi
255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
फ़ितरत अपनी अपनी...
फ़ितरत अपनी अपनी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
Bodhisatva kastooriya
रैन  स्वप्न  की  उर्वशी, मौन  प्रणय की प्यास ।
रैन स्वप्न की उर्वशी, मौन प्रणय की प्यास ।
sushil sarna
प्रेम एकता भाईचारा, अपने लक्ष्य महान हैँ (मुक्तक)
प्रेम एकता भाईचारा, अपने लक्ष्य महान हैँ (मुक्तक)
Ravi Prakash
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
Sanjay ' शून्य'
धैर्य.....….....सब्र
धैर्य.....….....सब्र
Neeraj Agarwal
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
पूर्वार्थ
वह दे गई मेरे हिस्से
वह दे गई मेरे हिस्से
श्याम सिंह बिष्ट
तुम तो ख़ामोशियां
तुम तो ख़ामोशियां
Dr fauzia Naseem shad
सियासत हो
सियासत हो
Vishal babu (vishu)
एक अच्छाई उसी तरह बुराई को मिटा
एक अच्छाई उसी तरह बुराई को मिटा
shabina. Naaz
एक व्यथा
एक व्यथा
Shweta Soni
कड़वा सच
कड़वा सच
Jogendar singh
आंखों से बयां नहीं होते
आंखों से बयां नहीं होते
Harminder Kaur
महादेव का भक्त हूँ
महादेव का भक्त हूँ
लक्ष्मी सिंह
💐Prodigy Love-35💐
💐Prodigy Love-35💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*🌹जिसने दी है जिंदगी उसका*
*🌹जिसने दी है जिंदगी उसका*
Manoj Kushwaha PS
घर के राजदुलारे युवा।
घर के राजदुलारे युवा।
Kuldeep mishra (KD)
महाकाल भोले भंडारी|
महाकाल भोले भंडारी|
Vedha Singh
Pain of separation
Pain of separation
Bidyadhar Mantry
बरगद और बुजुर्ग
बरगद और बुजुर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
I'm a basket full of secrets,
I'm a basket full of secrets,
Sukoon
*** भाग्यविधाता ***
*** भाग्यविधाता ***
Chunnu Lal Gupta
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
आर.एस. 'प्रीतम'
"बीमारी और इलाज"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
कृष्णा सोबती के उपन्यास 'समय सरगम' में बहुजन समाज के प्रति पूर्वग्रह : MUSAFIR BAITHA
कृष्णा सोबती के उपन्यास 'समय सरगम' में बहुजन समाज के प्रति पूर्वग्रह : MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
शक्ति का पूंजी मनुष्य की मनुष्यता में है।
शक्ति का पूंजी मनुष्य की मनुष्यता में है।
प्रेमदास वसु सुरेखा
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
Ritu Asooja
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते
Prakash Chandra
Loading...