Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2017 · 1 min read

??◆ आइना◆??

मेरी रात बीती है हादसे की तरह से।
टूटा बिखरा हूँ मैं आइने की तरह से।।

क़ातिल बच गया सबूत बटोरकर यार।
सच गाता रहा कोई नग़में की तरह से।।

तेरी तस्वीर मैंनै बसाए रखी आँखों में
बाकी बह गया सब अश्क़ों की तरह से।।

मैंने पुकारा पर तूने सुना ही नहीं कुछ।
मैं बकता रहा सब पगले की तरह से।।

ज़िन्दगी ग़मगीन ऐसी हुई मेरी, सुनले।
बिछड़ा काफ़िले से कोई जिस तरह से।।

पत्थर मैं नहीं भगवान हो गया है यार।
देखता रहा जो ज़ुल्म बावरे की तरह से।।

पसीने की जगह ख़ून बहा देता मैं सुन।
पुकारता कोई मुझे अपने की तरह से।।

हमने चाहा जिसे वो एक बेवफ़ा निकला।
बदल गया मौके पर गिरगिट की तरह से।।

खुदा माफ़ न करे गलती मेरी या उसकी।
भूल जाऊँगा सब मैं सदमें की तरह से।।

राहों में फूल-काँटे दोनों ही मिल जाते हैं।
डरें क्यों हम किसी कायर की तरह से।।

“प्रीतम”प्यार एक रब का सच्चा है सुनले।
और सब झूठे हैं किसी सपने की तरह से।।

*********************
*********************
राधेयश्याम..बंगालिया..प्रीतम..

Language: Hindi
266 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
" भींगता बस मैं रहा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
मां कुष्मांडा
मां कुष्मांडा
Mukesh Kumar Sonkar
कोरे कागज़ पर लिखें अक्षर,
कोरे कागज़ पर लिखें अक्षर,
अनिल अहिरवार"अबीर"
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
Ravi Prakash
होलिका दहन
होलिका दहन
Buddha Prakash
नयकी दुलहिन
नयकी दुलहिन
आनन्द मिश्र
*पहले वाले  मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
*पहले वाले मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्या ये गलत है ?
क्या ये गलत है ?
Rakesh Bahanwal
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
नैया फसी मैया है बीच भवर
नैया फसी मैया है बीच भवर
Basant Bhagawan Roy
// स्वर सम्राट मुकेश जन्म शती वर्ष //
// स्वर सम्राट मुकेश जन्म शती वर्ष //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी तेरी हर अदा कातिलाना है।
जिंदगी तेरी हर अदा कातिलाना है।
Surinder blackpen
मां
मां
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गुरु महादेव रमेश गुरु है,
गुरु महादेव रमेश गुरु है,
Satish Srijan
তুমি এলে না
তুমি এলে না
goutam shaw
अब नहीं वो ऐसे कि , मिले उनसे हँसकर
अब नहीं वो ऐसे कि , मिले उनसे हँसकर
gurudeenverma198
Destiny
Destiny
Dhriti Mishra
अच्छे दिन
अच्छे दिन
Shekhar Chandra Mitra
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
Pramila sultan
अजनबी
अजनबी
Shyam Sundar Subramanian
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
मन मंदिर के कोने से
मन मंदिर के कोने से
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"Don't be fooled by fancy appearances, for true substance li
Manisha Manjari
🌸 सभ्य समाज🌸
🌸 सभ्य समाज🌸
पूर्वार्थ
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
Dr Manju Saini
थाल सजाकर दीप जलाकर रोली तिलक करूँ अभिनंदन ‌।
थाल सजाकर दीप जलाकर रोली तिलक करूँ अभिनंदन ‌।
Neelam Sharma
6) जाने क्यों
6) जाने क्यों
पूनम झा 'प्रथमा'
🙅किस्सा कुर्सी का🙅
🙅किस्सा कुर्सी का🙅
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...