Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2017 · 1 min read

कविता : तुम डाल-डाल,हम पात-पात…..???

गोलियों की बौछार से या तीर तलवार से।
जीतना है संग्राम,चाहे किसी भी हथियार से।
साम,दाम,दंड,भेद कोई भी नीति अपनाकर,
दहलाना शत्रु का कलेजा सिंह की हुंकार से।

दो सिर के बदले पचास सिर काटने होंगें।
आँसू बदले की आग से अब छांटने होंगें।
वो डाल-डाल हैं तो हम पात-पात हैं,सुनो!
आगे बढ़ते शत्रु के क़दम वहीं डाटने होंगें।

हवाएँ ये आँधियाँ न बन जाएं हिंदवासियो।
रूख इनका मोड़ दें,हे!हिंद के निवासियो।
अब होने दो शिव का तांडव प्रचंड यहाँ,
मिटा दो पाक हौसले,उठो,बढ़ो साहसियो।

चार बार हारा फिर भी सबक़ नहीं सीखा।
गिरा मुँह के बल फिर भी गिरगिट सरीख़ा।
शैतानी पर शैतानी करता आया है नादानी,
अब मौक़ा नहीं,सिखा दो रहम का सलीख़ा।

कब तलक लहू से अपने रंगते रहोगे वीरो!
कब तलक हाथ बाँधे छलते रहोगे रणधीरो।
अब वक्त कुछ करके दिखाने का आया है,
सबक शत्रु को सिखाने का आया है शूरवीरो।

क़सम तिरंगे की पानी-पानी पाक को करदो।
फिर न उठे ये कभी ज़िस्म में बारूद भरदो।
सौ बार सोचे गद्दारी,शैतानी करने से पहले,
सीने पर पाक के वीरता का ऐसा असर दो।
*************
*************
राधेयश्याम….बंगालिया….प्रीतम….कृत

Language: Hindi
1145 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
कान्हा
कान्हा
Mamta Rani
चंद्रयान-थ्री
चंद्रयान-थ्री
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
प्रसाद का पूरा अर्थ
प्रसाद का पूरा अर्थ
Radhakishan R. Mundhra
💐प्रेम कौतुक-533💐
💐प्रेम कौतुक-533💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"रुख़सत"
Dr. Kishan tandon kranti
■ तंत्र का षड्यंत्र : भय फैलाना और लाभ उठाना।
■ तंत्र का षड्यंत्र : भय फैलाना और लाभ उठाना।
*Author प्रणय प्रभात*
तर्क-ए-उल्फ़त
तर्क-ए-उल्फ़त
Neelam Sharma
" ऐसा रंग भरो पिचकारी में "
Chunnu Lal Gupta
झूम मस्ती में झूम
झूम मस्ती में झूम
gurudeenverma198
मुहब्बत का ईनाम क्यों दे दिया।
मुहब्बत का ईनाम क्यों दे दिया।
सत्य कुमार प्रेमी
ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ !
ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ !
DrLakshman Jha Parimal
The most awkward situation arises when you lie between such
The most awkward situation arises when you lie between such
Sukoon
मेरे गली मुहल्ले में आने लगे हो #गजल
मेरे गली मुहल्ले में आने लगे हो #गजल
Ravi singh bharati
सीख का बीज
सीख का बीज
Sangeeta Beniwal
मजदूरों के साथ
मजदूरों के साथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
पापा
पापा
Kanchan Khanna
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*भले कितनी हो लंबी रात,दिन फिर भी निकलता है 【मुक्तक】*
*भले कितनी हो लंबी रात,दिन फिर भी निकलता है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
श्रेष्ठ वही है...
श्रेष्ठ वही है...
Shubham Pandey (S P)
कविता-हमने देखा है
कविता-हमने देखा है
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*मेघ गोरे हुए साँवरे* पुस्तक की समीक्षा धीरज श्रीवास्तव जी द्वारा
*मेघ गोरे हुए साँवरे* पुस्तक की समीक्षा धीरज श्रीवास्तव जी द्वारा
Dr Archana Gupta
आओ प्रिय बैठो पास...
आओ प्रिय बैठो पास...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण
Bodhisatva kastooriya
****** घूमते घुमंतू गाड़ी लुहार ******
****** घूमते घुमंतू गाड़ी लुहार ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुझे ना छेड़ अभी गर्दिशे -ज़माने तू
मुझे ना छेड़ अभी गर्दिशे -ज़माने तू
shabina. Naaz
हालात ए वक्त से
हालात ए वक्त से
Dr fauzia Naseem shad
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
नीति अनैतिकता को देखा तो,
नीति अनैतिकता को देखा तो,
Er.Navaneet R Shandily
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...