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15 Jul 2023 · 1 min read

ठुकरा दिया है ‘कल’ ने आज मुझको

ठुकरा दिया है ‘कल’ ने आज मुझको
आजकल मुझे ‘कल’ पर भी भरोसा न रहा
– सिद्धार्थ गोरखपुरी

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