Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2024 · 1 min read

मन की पीड़ाओं का साथ निभाए कौन

मन की पीड़ाओं का साथ निभाए कौन
दुःख में मेरे घर भी आए जाए कौन
बाँह पसारे जिनके लिए मैं खड़ी रही
वह सोचे हैं मुझसे प्रीत निभाए कौन

23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shweta Soni
View all
You may also like:
पेड़ के हिस्से की जमीन
पेड़ के हिस्से की जमीन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कहना है तो ऐसे कहो, कोई न बोले चुप।
कहना है तो ऐसे कहो, कोई न बोले चुप।
Yogendra Chaturwedi
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
कार्तिक नितिन शर्मा
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
Anand Kumar
मेरे छिनते घर
मेरे छिनते घर
Anjana banda
क्यों मुश्किलों का
क्यों मुश्किलों का
Dr fauzia Naseem shad
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*तेरा इंतज़ार*
*तेरा इंतज़ार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"अच्छे इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्ती को परखे, अपने प्यार को समजे।
दोस्ती को परखे, अपने प्यार को समजे।
Anil chobisa
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
* चली रे चली *
* चली रे चली *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*मधु मालती*
*मधु मालती*
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
Dushyant Kumar
जिंदगी एक किराये का घर है।
जिंदगी एक किराये का घर है।
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
दिवस नहीं मनाये जाते हैं...!!!
दिवस नहीं मनाये जाते हैं...!!!
Kanchan Khanna
देश गान
देश गान
Prakash Chandra
रचो महोत्सव
रचो महोत्सव
लक्ष्मी सिंह
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
Rajesh Kumar Arjun
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
Paras Nath Jha
बात ! कुछ ऐसी हुई
बात ! कुछ ऐसी हुई
अशोक शर्मा 'कटेठिया'
तीर'गी  तू  बता  रौशनी  कौन है ।
तीर'गी तू बता रौशनी कौन है ।
Neelam Sharma
*कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम (कुंडलिया)*
*कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सत्य छिपकर तू कहां बैठा है।
सत्य छिपकर तू कहां बैठा है।
Taj Mohammad
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
Sukoon
ना सातवें आसमान तक
ना सातवें आसमान तक
Vivek Mishra
2483.पूर्णिका
2483.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
गणपति अभिनंदन
गणपति अभिनंदन
Shyam Sundar Subramanian
Loading...