Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2017 · 1 min read

??नज़र से नज़र मिली??

नज़र से नज़र मिली प्यार हो गया है।
इश्क़ में दिल गंगा की धार हो गया है।।

सजने लगे सपने दिल में रे मिलन के ।
फूल को ज्यों दीदारे-ए-बहार हो गया है।।

चाँद ने रख ली रात की लाज ऐसे।
चाँदनी का दर्रे-दर्रे में खुमार हो गया है।।

लहरों ने मचल किनारे भिगो दिए हैं।
मिलना मानो उनका शृंगार गया है।।

दीप जले दीवारे-दिल की दहलीज़ पर।
रोशनी को जैसे इश्क़े-बुख़ार हो गया है।।

हीरे की चमक तर-बतर कर गई हाय!
दिल किसी पर जैसे निस्सार हो गया है।।

मौसम ने दिल को दीवाना बना दिया है।
तेरा चेहरा देखना इख़्तियार हो गया है।।

इश्क़ में जान की परवाह नहीं अब तो।
तेरा ख़्वाब ही परवर-दिगार हो गया है।।

तेरे साथ जीना मरना तय कर लिया है।
तेरा मेरा दिल अब फूल-डार हो गया है।।

“प्रीतम”तेरी गलियाँ जीवन की धूप-छाँव।
मिलन अख़बारे-दिल में समाचार हो गया है।।

राधेश्याम “प्रीतम” कृत गजल
सर्वाधिकार सुरक्षित सृजना है
*******************
*******************
*******************

Language: Hindi
243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
मिलन की वेला
मिलन की वेला
Dr.Pratibha Prakash
"शहीद वीर नारायण सिंह"
Dr. Kishan tandon kranti
हक जता तो दू
हक जता तो दू
Swami Ganganiya
*** यादों का क्रंदन ***
*** यादों का क्रंदन ***
Dr Manju Saini
ਪਰਦੇਸ
ਪਰਦੇਸ
Surinder blackpen
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गोर चराने का मज़ा, लहसुन चटनी साथ
गोर चराने का मज़ा, लहसुन चटनी साथ
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर
वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर
प्रेमदास वसु सुरेखा
मजदूर दिवस पर
मजदूर दिवस पर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*गंगा उतरीं स्वर्ग से,भागीरथ की आस (कुंडलिया)*
*गंगा उतरीं स्वर्ग से,भागीरथ की आस (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
वनमाली
वनमाली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वंदेमातरम
वंदेमातरम
Bodhisatva kastooriya
बड़ा काफ़िर
बड़ा काफ़िर
हिमांशु Kulshrestha
सृष्टि की उत्पत्ति
सृष्टि की उत्पत्ति
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गुरु कृपा
गुरु कृपा
Satish Srijan
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
Shyam Sundar Subramanian
मुहब्बत
मुहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नादान पक्षी
नादान पक्षी
Neeraj Agarwal
💐प्रेम कौतुक-463💐
💐प्रेम कौतुक-463💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेरे अंतस में ......
मेरे अंतस में ......
sushil sarna
गांधीवादी (व्यंग्य कविता)
गांधीवादी (व्यंग्य कविता)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रिश्तों में वक्त नहीं है
रिश्तों में वक्त नहीं है
पूर्वार्थ
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
जो ख्वाब में मिलते हैं ...
जो ख्वाब में मिलते हैं ...
लक्ष्मी सिंह
सभी धर्म महान
सभी धर्म महान
RAKESH RAKESH
प्रथम गणेशोत्सव
प्रथम गणेशोत्सव
Raju Gajbhiye
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
कवि दीपक बवेजा
एक पूरी सभ्यता बनाई है
एक पूरी सभ्यता बनाई है
Kunal Prashant
Loading...