"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
दोहा- छवि
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हरतालिका तीज की काव्य मय कहानी
पुराने पन्नों पे, क़लम से
पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल "हृद
सावन भादों
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रास्तों पर चलने वालों को ही,
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
हमने तो उड़ान भर ली सूरज को पाने की,
💐प्रेम कौतुक-277💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)