Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2023 · 1 min read

आज का अभिमन्यु

क्या समाज की परिभाषा है, कैसे समाज का निर्माण हुआ है।
हर घर में कोहराम मचा है, क्यों व्यक्ति व्यक्ति से चिढ़ा हुआ है ॥
हिन्दू और मुस्लिम के नाम पर, जाती और धरम के नाम पर।
पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, यह मेरा देश टुकड़ों में बँटा हुआ है ॥
क्यों इस देश की यह हालत है, किससे समाज यह डरा हुआ है।
इसका कारण राजनीतिज्ञ है, जिनके मन में लालच भरा हुआ है ॥
अपने फायदे के कारण ये नेता, देश और समाज को बांट रहे हैं।
अपने लालच के कारण ही ये सब, देश को जाति धर्म से काट रहे है।।
फ्री का लालच देकर जनता को, झूठ बोल कर वोट सब मांग रहे है।
जो विकास हो रहा देश का उसको, सारे मिलजुल कर के नकार रहे है॥
यह देश हमारी भी जिम्मेदारी है, इसका विकास हम इनसे मांग रहे हैं।
इसीलिए विकास के दुश्मन, मिलकर आज के अभिमन्यु के पीछे भाग रहे है।।
हर चुनाव इन्हें समझा रहा है, अब देश के सभी नागरिक जाग रहे है।
आज के अभिमन्यु को घेर कर, सारे विरोधी खुद को एक सूत्र में बांध रहे है।।

विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।

Language: Hindi
95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from विजय कुमार अग्रवाल
View all
You may also like:
इंसान से हिंदू मैं हुआ,
इंसान से हिंदू मैं हुआ,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*छप्पन पत्ते पेड़ के, हम भी उनमें एक (कुंडलिया)*
*छप्पन पत्ते पेड़ के, हम भी उनमें एक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बरसात
बरसात
Bodhisatva kastooriya
संस्कार
संस्कार
Sanjay ' शून्य'
मुस्कान
मुस्कान
Santosh Shrivastava
💐प्रेम कौतुक-365💐
💐प्रेम कौतुक-365💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
कवि दीपक बवेजा
बिखरने की सौ बातें होंगी,
बिखरने की सौ बातें होंगी,
Vishal babu (vishu)
2829. *पूर्णिका*
2829. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मायका
मायका
Mukesh Kumar Sonkar
तन्हा -तन्हा
तन्हा -तन्हा
Surinder blackpen
विरहन
विरहन
umesh mehra
बीते हुए दिनो का भुला न देना
बीते हुए दिनो का भुला न देना
Ram Krishan Rastogi
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
Harminder Kaur
"विक्रम" उतरा चाँद पर
Satish Srijan
एक कप कड़क चाय.....
एक कप कड़क चाय.....
Santosh Soni
धुवाँ (SMOKE)
धुवाँ (SMOKE)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
शेखर सिंह
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
Shweta Soni
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बचपन खो गया....
बचपन खो गया....
Ashish shukla
'सरदार' पटेल
'सरदार' पटेल
Vishnu Prasad 'panchotiya'
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"होली है आई रे"
Rahul Singh
आज परी की वहन पल्लवी,पिंकू के घर आई है
आज परी की वहन पल्लवी,पिंकू के घर आई है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
फितरत है इंसान की
फितरत है इंसान की
आकाश महेशपुरी
दुनिया मेरे हिसाब से, छोटी थी
दुनिया मेरे हिसाब से, छोटी थी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
😊 लघु कथा :--
😊 लघु कथा :--
*Author प्रणय प्रभात*
आजा मेरे दिल तू , मत जा मुझको छोड़कर
आजा मेरे दिल तू , मत जा मुझको छोड़कर
gurudeenverma198
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...