Mamta Singh Devaa Tag: कविता 276 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Mamta Singh Devaa 8 Jul 2020 · 2 min read मैं सच लिखने से क्यों डरूँ ? जो बात कहने से भी डरते है सब वो बात सबने कही वो कहने से नही डरे तो मैं सच लिखने से क्यों डरूँ ? जो तिरस्कार दिया अपनों ने... Hindi · कविता 4 4 187 Share Mamta Singh Devaa 7 Jul 2020 · 1 min read अभिलाषा हमें नही चाहिए ऐसी आजादी जहाँ हम घिनौने वातावरण में पड़े लगातार होते जा रहे हैं बड़े , हमें नही चाहिए ऐसी आजादी जहाँ अपना मजहब प्रधान है और मानवता... Hindi · कविता 3 4 492 Share Mamta Singh Devaa 7 Jul 2020 · 1 min read नारी नारी तुम श्राप नही वरदान हो अपना ही नही सबका मान हो , खुद को पहचानों खुद को जानो , कोई भी सोच तुमको डरा नही सकती तुमको अपने पथ... Hindi · कविता 3 8 593 Share Mamta Singh Devaa 7 Jul 2020 · 1 min read बदलती परिभाषा कहते है राम " अनुकरणीय " हैं कृष्ण " चिंतनीय " हैं , क्योंकि इन्होने ...... दुष्टों के विनाश के लिए लिया अवतार समय को जिया समय के अनुसार ,... Hindi · कविता 1 427 Share Mamta Singh Devaa 6 Jul 2020 · 2 min read आओ एक बार फिर एक बार फिर से..... आओ वही पुराने होकर फिर से अपने इस बनारस में , तुम्हारे बिना सूना है हाॅस्टल का वो कमरा और ना भूलने वाला फैकल्टी का वो... Hindi · कविता 1 4 229 Share Mamta Singh Devaa 6 Jul 2020 · 1 min read जन्मदिन भाइयों का जन्मदिन मुबारक हो जियो हज़ारों साल आपस में हमेशा इसी छुटपन की तरह करो प्यार , इतना करो प्यार इतनी खाओ कसम बाद में चाह कर भी इन्हें ना हो... Hindi · कविता 1 4 252 Share Mamta Singh Devaa 6 Jul 2020 · 1 min read केदरनाथ प्राकृतिक आपदा " महाविनाश " हे केदार ! ये तेरा महाविनाश तेरे इस क्रोध ने कर दिया असंख्यों का नाश , इस कलियुग में भी बजा - बजा के डमरू खूब किया तांडव कर दिया... Hindi · कविता 1 378 Share Mamta Singh Devaa 6 Jul 2020 · 1 min read नमन है वीरों को आज वीरों की शहादत पर जब जी भर कर चिल्लाते हैं सब , " इनकी कुर्बानी बेकार नही जायेगी दुश्मन का कर ख़ात्मा आत्मा चैन तभी पायेगी ", ये सब... Hindi · कविता 1 2 224 Share Mamta Singh Devaa 6 Jul 2020 · 1 min read मैं ऐसी ही हूँ वो और हैं जो आदतें बदल रहे हैं मेरे क़दम तो सालों से इसी रास्ते पर चल रहे हैं , मेरा " मैं " में नही परिवार में वास है... Hindi · कविता 1 2 257 Share Mamta Singh Devaa 6 Jul 2020 · 1 min read कृष्णा यमुना या कालिंदी का तीर मथुरा और बृज का वीर माखनचोर,कन्हैया,माधव मोहन,कान्हा या जाधव कितने नाम है तेरे ? सब कहते कृष्णा है मेरे, श्याम-रात्रि को जनम लिया श्याम-रंग को... Hindi · कविता 3 4 241 Share Mamta Singh Devaa 6 Jul 2020 · 1 min read रिश्तेदारी रिश्तेदारी पानी में फैले तेल की तरह है जो पानी में ना कभी मिलती है ना घुलती है जरा सी अफवाहों की चिंगारी से सिर्फ और सिर्फ जलती - धधकती... Hindi · कविता 5 6 280 Share Mamta Singh Devaa 6 Jul 2020 · 1 min read पैसा पैसों की खनक से जुर्म दब जाता है , पैसों के आगे रिश्ता खो जाता है , बिन पैसा गुण भी ढक जाता है पैसा हो तो अवगुण भी तर... Hindi · कविता 4 6 262 Share Mamta Singh Devaa 6 Jul 2020 · 1 min read दिन गिनना सबका तरीका अपना - अपना दिन गिनना सबका तरीका अपना - अपना कोई जागकर कोई सोकर , कोई हँस कर कोई रोकर , कोई चिंता से कोई आराम से , कोई सुबह से कोई शाम... Hindi · कविता 4 406 Share Mamta Singh Devaa 6 Jul 2020 · 1 min read दादी जी का जन्मदिन ज़िन्दगी का ये पल हर किसी की तकदीर में नही , हमारी किस्मत कि उनकी आँखों से इतने सालों का सफर देखें तो सही , इस सफर में सुख -... Hindi · कविता 3 2 369 Share Mamta Singh Devaa 5 Jul 2020 · 1 min read मुरलीधर मुरलीधर तुम भी तो रोये थे आदरणीय माता - पिता का कष्ट देख कर प्यारी माँ यशोदा से लिपट कर अपनी राध से बिछड़ कर मित्र सुदामा की दरिद्रता पर... Hindi · कविता 1 4 450 Share Mamta Singh Devaa 5 Jul 2020 · 1 min read कर्म प्रधान कहते हैं... किस्मत बड़ी बलवान तो कर्म का कहाँ स्थान ? अगर कर्म है प्रधान तो किस्मत का क्या काम ? इन दोनों विरोधाभास में हम सब है घिरे सबके... Hindi · कविता 1 4 282 Share Mamta Singh Devaa 5 Jul 2020 · 2 min read दिली इच्छा मैं फिर आना चाहूँगी अम्माँ कि डाँट खाने बाबू का प्यार पाने मैं फिर .......... रसोईं में अम्माँ का आँचल थामने उनके स्वाद को अपने हाथों में उतारने मैं फिर... Hindi · कविता 2 6 295 Share Mamta Singh Devaa 5 Jul 2020 · 1 min read " एक प्रश्न " थप्पड़ बड़ा या गाली ये सवाल है बड़ा सवाली सबके सामने ये दोनों बड़े अपमानित से लगते हैं अकेले में क्या ये बड़े सम्मानित से लगते हैं ? स्वरचित एवं... Hindi · कविता 1 2 413 Share Mamta Singh Devaa 4 Jul 2020 · 1 min read मनमोहना मनमोहना..... तुमने हमेशा दिल की ही था सुना इतनी रानियों और पटरानियों के रहते सिर्फ़ राधा को ही था चुना , गोपियों से हैं तुम्हारे आज भी दिल के नाते... Hindi · कविता 4 6 588 Share Mamta Singh Devaa 4 Jul 2020 · 1 min read आजादी किस मायने में ? आज़ादी..... किसी मायने में सोच की विचार की समझ की रिश्तों की समानता की भाषा की परिभाषा की क्या मिली है हमें ??? आज़ादी..... सही मायने में नासमझी की कुविचारों... Hindi · कविता 3 2 384 Share Mamta Singh Devaa 4 Jul 2020 · 1 min read कहीं कुछ कमी सी है हवा में सरसराहट कम है धूप में गरमाहट कम है , होली में फगुआहट कम है दिवाली में जगमगाहट कम हैं , चूड़ियों में खनखनाहट कम है पायलों में छनछनाहट... Hindi · कविता 4 4 511 Share Mamta Singh Devaa 4 Jul 2020 · 1 min read प्रारम्भ दिन - प्रतिदिन हिम्मत लस्त हौसला पस्त लेकिन मेहनत पर विश्वास ज़बरदस्त , राह में रोड़े शब्दों के कोड़े लेकिन डटी रही मन को जोड़े , इस आशा में कभी... Hindi · कविता 4 2 573 Share Mamta Singh Devaa 4 Jul 2020 · 1 min read तब और अब कभी... कानों को सुख देता था सन्नटे को चीरता वो हो हल्ला और अच्छा लगता था दिन - भर गलचौर करना , सुकून देता था... सबका हुक्म बजा लाना बेवजह... Hindi · कविता 4 4 305 Share Mamta Singh Devaa 4 Jul 2020 · 1 min read समझौता अजीब से हालात के बीच जीना कितना कठिन फिर भी जीते हैं , लेकिन हालत को बदलने की चेष्टा नही करते हैं , करते हैं सिर्फ बड़ी - बड़ी बातें... Hindi · कविता 3 2 610 Share Mamta Singh Devaa 4 Jul 2020 · 1 min read सोच भविष्य की भूत होता ही है भूलने के लिए भविष्य की सोचिये वर्तमान को देखिये क्या बीता वक्त ही मिला है शिकायतेंं करने के लिए । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह... Hindi · कविता 3 2 577 Share Mamta Singh Devaa 4 Jul 2020 · 1 min read दोस्ती एक वरदान दोस्ती एक वरदान है जो सबको नही मिलती , कई जन्मों के कर्मों की देन है जो सबको नही मिलती , ये एक सौभाग्य है जो सबको नही मिलती ,... Hindi · कविता 4 4 813 Share Mamta Singh Devaa 4 Jul 2020 · 1 min read जिंदगी ज़िंदा रहना ज़रूरी है ये कैसी मजबूरी है , मरने की इच्छा है तो कानून की उपेक्षा है , अजब ज़िंदगी है गजब ज़िंदगी है , क्या - क्या रंग... Hindi · कविता 4 2 287 Share Mamta Singh Devaa 3 Jul 2020 · 1 min read मेरी पहली कविता ( 13/07/1982 ) " वक्त से " तुम रहते हो तो मैं आशाओं के पुल बनाने लगती हूं खुशियोंकी लकीरें खींचने लगती हूं कि शायद तुम रूको इसी उम्मीद में दिन गुजर जाते हैं लेकिन तुम नही... Hindi · कविता 3 4 401 Share Mamta Singh Devaa 2 Jul 2020 · 1 min read जाल हर तरफ फैला साजिशों का जाल दिन ब दिन जीना मुहाल , दम घुटता पल - पल हर कदम पर दल - दल फँसने का डर हर क्षण , क्या... Hindi · कविता 2 2 220 Share Mamta Singh Devaa 2 Jul 2020 · 1 min read हकीकत जिन्दगी मिलना आसान जिन्दा रहना मुश्किल , दोस्त बनना आसान दोस्ती निभाना मुश्किल , सपने देखना आसान सपनों को सच करना मुश्किल , झूठ बोलना आसान सच बोलना मुश्किल ,... Hindi · कविता 1 2 226 Share Mamta Singh Devaa 2 Jul 2020 · 1 min read असली मजा इस जहाँ में ऐसा कुछ नही जो है नही फिर भी कमी ही कमी सोचा कभी क्यों है ऐसा ? अरे नही ! सबकी वजह नही है पैसा शायद है... Hindi · कविता 1 2 234 Share Mamta Singh Devaa 2 Jul 2020 · 1 min read ये सच है ये सच है.... उलझने होती ही हैं सुलझने के लिए इच्छाएँ होती ही हैं मचलने के लिए , सपने होते ही हैं सच करने के लिए बेहूदगी होती ही हैं... Hindi · कविता 2 2 217 Share Mamta Singh Devaa 2 Jul 2020 · 1 min read बुरे कर्म कहते हैं सब मर कर जाते हैं स्वर्ग या नर्क , लेकिन कुछ लोग बुरे कर्म से ज़िंदा हैं मरे से , बिलबिला रहे है सड़े से , सोच है... Hindi · कविता 2 2 389 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read बचपन प्यारी अटखेलियाँ नन्हीं सहेलियाँ भाँती हैं मुझको इनकी पहेलियाँ , छुप्पन - छुपाई झगड़ा - लड़ाई रूठना - मनाना गुस्सा - हँसाई , यही वो दिन हैं थोड़े पलछिन हैं... Hindi · कविता · बाल कविता 1 4 248 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read " छुट्टियाँ " आये आये दिन आये छुट्टियों के देखो दिन आये , अब मस्ती सैर - सपाटा होगा टीचर का नही चाँटा होगा , देर से सो कर उठना है पाठ नही... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 558 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read जन्मोत्सव प्रभु श्री राम का प्रभु आप तो रघुवंश हैं ईश्वर के अंश हैं पूर्वज हमारे आप दशरथ के वंश हैं , प्रभु आपके धैर्य के आगे सबके शीश झुके हैं प्रभु के घर में... Hindi · कविता 2 2 170 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read मेघा मेघा.... क्यों नही रहे हो गरज नैना गये है तरस अब तो जाओ तुम बरस, काशी को तृप्त करो अपने मेघो में जल से लिप्त करो, शिव की नगरी को... Hindi · कविता 1 2 309 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 2 min read इंसाफ मेरा बलात्कार मेरा जलना कोयला बन सड़क पर पड़े रहना इतना आसान नही है मेरी पीड़ा को समझना , इस दरिंदगी को ना जाने हैवानों ने कैसे किया होगा ना... Hindi · कविता 1 2 314 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read अपने लिए भी जीना अपने लिए भी जीना....... अजीब सा एहसास है जिसको सौगात में मिले उसके लिये जन्नत जिसको अचानक मिले उसके लिये बिन मांगी मन्नत , अपने लिए भी जीना …… अजीब... Hindi · कविता 1 2 233 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read सचिन... सचिन अलविदा क्रिकेट कहते हुये तुम संतुलन से भरे थे भावनाओं को पकड़ के संयम से खड़े थे , पर वो तो दिल से आँखों के रास्ते सरक गई और हम... Hindi · कविता 2 2 231 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read कोरोना वाकई खतरनाक है ?? कोरोना के नाम पर बड़ी बड़ी बातें हैं बड़े बड़े झूठ हैं , नियम का पालन वो करते नही वाकई बड़े ढ़ीठ हैं , बाहर कितना भी काम कर लो... Hindi · कविता 1 2 202 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 2 min read " भविष्य का आईना " तुमने क्या सोचा की मैं कौन हूँ ? भविष्य का आईना हूँ मैं नही सोचना की मैं मौन हूँ , तुम्हारी एक - एक चाल से वाकिफ हूँ तुम मानो... Hindi · कविता 1 2 562 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read हाँ ! हम सब मज़दूर हैं ( 01/05/2020...मज़दूर दिवस ) हाँ ! ये जो मज़दूर हैं मेहनत से नही दूर हैं पसीने से भरपूर हैं थकान से बेहद चूर हैं , क्या होती है मज़दूरी ? नही मेहनत से होती... Hindi · कविता 2 2 219 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 2 min read " मेरे बचपन का एक राज़ " मेरा बचपन शैतानी और समझदारी दोनों से भरा था शतप्रतिशत एकदम तपे सोने जैसा एकदम खरा था , शैतानियाँ निराली थीं रोज़ नित नयी शैतानी की सवारी थी अम्माँ की... Hindi · कविता 2 4 482 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read " संहारक " केरल में हथिनि के साथ हुआ अक्षम्य - जघन्य अपराध किसी भी रुप में स्वीकार नही है... ये मानव के रूप में हैवान हैं इन्हें ज़रा नही मानवता का भान... Hindi · कविता 553 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read जज़्बा विरोधियों का झुंड लगातार दबोचने की ताक में आस लगाये बैठा , फिर भी मैं आराम से हँसती हुई गुज़र जाती हूँ , तब सब चौकते हैं और एक दूसरे... Hindi · कविता 1 295 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read कोरोना.....कोरोना.....कोरोना..... कोरोना.....कोरोना.....कोरोना..... देखो तुम डरो ना सही बात मानो ना ग़लत तुम करो ना देखो तुम डरो ना पास तुम आओ ना हाथ साफ़ करो ना देखो तुम डरो ना बाहर... Hindi · कविता 2 2 177 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read " परिवर्तन " हर बार बार - बार हमें माँ तुम ही दुलारती थी , जब भी डर जाते हैं हम तो अपने आँचल में छुपाती थी, हमें जन्म से आदत थी तुम्हारी... Hindi · कविता 1 2 338 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read हैवानियत दर हैवानियत ( हैदराबाद दरिंदगी ) उसको तो क्रूरता से मार दिया हैवानों ने और हमें फिर से घेर लिया सवालों ने , खुद को हम ज़िंदा कहते हैं और बात - बात पर शर्मिंदा रहते... Hindi · कविता 2 195 Share Mamta Singh Devaa 1 Jul 2020 · 1 min read साम - दाम - दण्ड - भेद अन्याय जब हद से बढ़ जाये तब न्याय से खेलो कृष्ण को ध्यान में रख कर दिमाग से खेलो , साम - दाम - दण्ड - भेद साम - दाम... Hindi · कविता 2 273 Share Previous Page 4 Next