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4 Jul 2020 · 1 min read

सोच भविष्य की

भूत
होता ही है
भूलने के लिए
भविष्य की
सोचिये
वर्तमान को
देखिये
क्या
बीता वक्त ही
मिला है
शिकायतेंं
करने के लिए ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 17/05/92 )

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 563 Views
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