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जीवन एक कठपुतलियों का रंगमंच है। और हम सब इसकी जीती जागती कठपुतलियां हैं। और जिसकी डोर उस परमपिता परमेश्वर के हाथों में है। वही हमारी जीवन लीला रचता है और हम उसी के इशारों पर नाच कर अपनी अपनी भूमिकाएं निभाते रहते हैं।
धन्यवाद !
सुंदर शब्दों से अच्छी समीक्षा… ह्दय से आभार ?
जीवन एक कठपुतलियों का रंगमंच है।
और हम सब इसकी जीती जागती कठपुतलियां हैं।
और जिसकी डोर उस परमपिता परमेश्वर के हाथों में है।
वही हमारी जीवन लीला रचता है और हम उसी के इशारों पर नाच कर अपनी अपनी भूमिकाएं निभाते रहते हैं।
धन्यवाद !
सुंदर शब्दों से अच्छी समीक्षा… ह्दय से आभार ?