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Comments (6)

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पैसा एक माया है।
जिसने पाया है वह भी सुखी नहीं है।
जिसमें नहीं पाया वह भी सुखी नहीं है।
पैसा वो जादू है जो लोगों को नचाता है।
उनसे जैसा वो चाहे वैसा करवाता है।
पैसा मूर्ख को बुद्धिमान और बुद्धिमान को मूर्ख बनाता है।
झूठ को सच और सच को झूठ बनाकर पेश करता है। पुण्य के छद्म में पाप को बढ़ावा देता है।
रिश्ते और दोस्ती में दरार पैदा कर देता है।
अपने आप को सर्व शक्तिमान होने का भ्रम पैदा करता है।
और परमपिता परमेश्वर के अस्तित्व को नकारने की चेष्टा करता है।
जब इस माया का भ्रम भंग होता है।
तब मनुष्य अपने आप को अधोगति में पाता है।

धन्यवाद !

8 Jul 2020 01:29 PM

सच कहा…दिल से आभार ?

एकदम सत्य ??

6 Jul 2020 04:16 PM

दिल से धन्यवाद ?

6 Jul 2020 08:39 AM

सराहनीय पंक्तियाँ

6 Jul 2020 10:31 AM

धन्यवाद ?

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