थप्पड़ हो या गाली दोनों ही आहत करते हैं।
यदि थप्पड़ सुधारने के लिए मारा जाए तो ये सीख का काम करते हैं।
यदि थप्पड़ अपमानित करने के लिए मारा जाए तो ये शरीर एवं आत्मा दोनों को आहत करते हैं।
इसी प्रकार गाली कुत्सित भाव को प्रकट करती है जो गाली देने वाले के चरित्र की निकृष्टता को प्रदर्शित करती है जो किसी दूसरे व्यक्ति को अपमानित करने के मंतव्य से उसके विरुद्ध अपमानजनक शब्दों का प्रयोगकर उसे मानसिक रूप से आहत करने का प्रयास करता है।
थप्पड़ हो या गाली दोनों ही आहत करते हैं।
यदि थप्पड़ सुधारने के लिए मारा जाए तो ये सीख का काम करते हैं।
यदि थप्पड़ अपमानित करने के लिए मारा जाए तो ये शरीर एवं आत्मा दोनों को आहत करते हैं।
इसी प्रकार गाली कुत्सित भाव को प्रकट करती है जो गाली देने वाले के चरित्र की निकृष्टता को प्रदर्शित करती है जो किसी दूसरे व्यक्ति को अपमानित करने के मंतव्य से उसके विरुद्ध अपमानजनक शब्दों का प्रयोगकर उसे मानसिक रूप से आहत करने का प्रयास करता है।
धन्यवाद
विस्तृत समीक्षा के लिए दिल से आभार ?