विनोद सिल्ला 574 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next विनोद सिल्ला 15 Feb 2022 · 1 min read वो बड़े आदमी वो बड़े आदमी उनका पद भी था बड़ा कद भी था बड़ा बंगला भी था बड़ा गाड़ी भी थी महंगी लेकिन बड़े-छोटे निकले वो बड़े आदमी। -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 1 271 Share विनोद सिल्ला 6 Feb 2022 · 1 min read तुम लेखक नहीं तुम लेखक नहीं सिर्फ तुम ही नहीं तुम से पूर्व भी थी पूरी जमात भांडों की जो करते रहे ता था थै या दरबारों की धुन पर चाटते रहे पत्तल... Hindi · कविता 1 142 Share विनोद सिल्ला 6 Feb 2022 · 1 min read पूर्ववत पूर्ववत (लघुकथा) सड़क के बीच में कुतिया का एक पिल्ला, किसी गाड़ी वाले द्वारा बुरी तरह रौंद दिया गया। जिसकी मौके पर मृत्यु हो गई। कुतिया हर आती-जाती गाड़ी पर... Hindi · लघु कथा 2 2 245 Share विनोद सिल्ला 3 Feb 2022 · 1 min read नशा नशा मादक पदार्थों में ही नहीं पद में प्रतिष्ठा में दौलत में भी होता है नशा बहक जाता है इंसान पाकर इन्हें। -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 1 162 Share विनोद सिल्ला 29 Jan 2022 · 1 min read नींद नींद जब भी नींद ले लेती है अपने आगोश में मन की चाल पड़ जाती है धीमी पलकों के कपाट होने लगते हैं बंद दिल और दिमाग चला जाता है... Hindi · कविता 1 446 Share विनोद सिल्ला 29 Jan 2022 · 3 min read धोबी का कुत्ता घर का न घाट का #धोबी_का_कुत्ता_घर_का_न_घाट_का -विनोद सिल्ला मुझे आज तक यह समझ नहीं आई कि कुत्ता धोबी का कैसे था? निसंदेह वह पैदा नहीं हुआ होगा, धोबी की पत्नी की कोख से। धोबी की... Hindi · लेख 1 226 Share विनोद सिल्ला 29 Jan 2022 · 1 min read ऊर्जा है उसमें भी ऊर्जा है उसमें भी अगर सृजन उसके बस की बात नहीं तो वो अवश्य ही विनाश करेगा ऊर्जा है उसमें भी कहीं तो जाया करेगा ही -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 326 Share विनोद सिल्ला 28 Jan 2022 · 1 min read ऊर्जा है उसमें भी ऊर्जा है उसमें भी अगर सृजन उसके बस की बात नहीं तो वो अवश्य ही विनाश करेगा ऊर्जा है उसमें भी कहीं तो जाया करेगा ही -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 146 Share विनोद सिल्ला 26 Jan 2022 · 1 min read संविधान लागू हुआ दोहा (छंद) संविधान लागू हुआ, दिवस बना ये खास। संविधान का राज है, जिससे है उज्जास।। बहा पसीना भीम ने, दिए हमें अधिकार। अपना सुख-दुख त्याग कर, किया बड़ा उपकार।।... Hindi · दोहा 191 Share विनोद सिल्ला 22 Jan 2022 · 4 min read ओर कितने रोहित वेमुला #ओर_कितने_रोहित_वेमुला भारत में लम्बे समय तक शिक्षा-दिक्षा पर वर्ग विशेष का एकाधिकार रहा। समाज के बहुत बड़े भाग को छल-बल करके, षड़यंत्र रच के शिक्षा से वंचित रखा। वह वर्ग... Hindi · लेख 1 182 Share विनोद सिल्ला 17 Jan 2022 · 1 min read दलित वर्ग खाता रहा दोहा दलित वर्ग खाता रहा, वर्णाश्रम की मार। तीन वर्ण को ही मिला, शिक्षा का अधिकार।। पैदा कुदरत ने किए, सभी लोग इंसान। बांट दिया इंसान को, किया बड़ा नुकसान।।... Hindi · दोहा 2 2 413 Share विनोद सिल्ला 13 Jan 2022 · 1 min read हामी हामी हर बात की हामी भरने की शर्त मंजूर नहीं भाड़ में जाए तेरी दोस्ती कल टूटती आज टूट जाए अभी टूट जाए -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 2 156 Share विनोद सिल्ला 13 Jan 2022 · 1 min read कर जाते दल-बदल वो दोहा कर जाते दल बदल वो, टिकट कटे जिस रोज। सत्ता के सुख के लिए, रहे नया दल खोज।। मिले टिकट औलाद को, राज्यपाल हो आप। वंशवाद की जकड़ ने,... Hindi · दोहा 2 268 Share विनोद सिल्ला 10 Jan 2022 · 1 min read चाहत चाहत तुम चाहते हो मुझे तो मेरे ऐब मेरी लत मेरे गुण मेरे दोष भी चाहो चाहो तो मुक्कमल चाहो वरना चाहत का स्वांग ठीक नहीं -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 2 2 216 Share विनोद सिल्ला 8 Jan 2022 · 1 min read दहशत इनकी है बड़ी दोहे दहशत इनकी है बड़ी, थर्राती है भीत। भला पुलिस की मारसे, कौन सका है जीत।। पंछी पर मारें नहीं, ऐसी इनकी बीट। करें सेठ की चाकरी, रहे दीन को... Hindi · दोहा 1 167 Share विनोद सिल्ला 8 Jan 2022 · 1 min read रबड़ की मोहर रबड़ की मोहर सरपंच का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। चिरप्रतिद्वंदी चौधरी निहाल सिंह व शिवपाल शर्मा ने अपने-अपने सीरी (खेतिहर मजदूरों) के परिजन चुनाव मैदान में उतारे।... Hindi · लघु कथा 2 340 Share विनोद सिल्ला 7 Jan 2022 · 1 min read पढ़-पढ़ पोथी हो गए दोहे पढ़-पढ़ पोथी हो गए, सभी परीक्षा पास। रोजगार मिलता नहीं, टूटी जीवन आस।। उपाधियां तो मिल गई, नहीं मिला है काम। मिल तो जाती नौकरी, दे पाते गर दाम।।... Hindi · दोहा 319 Share विनोद सिल्ला 6 Jan 2022 · 1 min read भाई जैसा आसरा दोहे भाई जैसा आसरा, भाई जैसा प्यार। देख जगत सारा भले, भाई है संसार।। भाई तज जोभी करे,सकल कार व्यवहार। आधा वो कमजोर हैं, जग में हो तकरार।। परामर्शदाता सही,... Hindi · दोहा 2 2 216 Share विनोद सिल्ला 5 Jan 2022 · 1 min read खाली कुर्सी देखकर दोहा खाली कुर्सी देखकर, भागा भाषणवीर। जैसे खींचे धनुष से, निकल गया हो तीर।। भीड़ जुटाने के लिए, सजा दिया पंडाल। भीड़ नहीं जब जुट सकी, नेता जी बेहाल।। भीड़भाड़... Hindi · दोहा 1 428 Share विनोद सिल्ला 5 Jan 2022 · 1 min read ईमानदारी से ईमानदारी से सावधान आपके अंग-संग मुखबिर या गद्दार तो नहीं ये हैं वही लोग जो पीढ़ी दर पीढ़ी रहे हैं करते अपना काम ईमानदारी से चाटते हैं जूता अपने आकाओं... Hindi · कविता 2 2 161 Share विनोद सिल्ला 5 Jan 2022 · 1 min read चश्में चश्में विद्यालय की शिक्षा पूरी करके पहुंचते हैं छात्र उच्च शिक्षा के लिए महाविद्यालय में विश्वविद्यालय में किए जाते हैं जहाँ इन छात्रों को चश्मे लगाने के प्रयास कराए जाते... Hindi · कविता 213 Share विनोद सिल्ला 4 Jan 2022 · 1 min read नहीं जानते नहीं जानते हवा के झोंके खुद को बता रहे हैं तूफ़ान वे नहीं जानते झोंका होना बेहतर है तूफ़ान होने से -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 158 Share विनोद सिल्ला 4 Jan 2022 · 1 min read नरक स्वर्ग दोहे नरक स्वर्ग सब है यहीं, नहीं कहीं भी और। हांसी-ठठ्ठे हैं स्वर्ग में, मचा नरक में शोर।। नरक स्वर्ग के फेर में, उलझे सब नर नार। शातिर उलझा है... Hindi · दोहा 1 1k Share विनोद सिल्ला 17 Dec 2021 · 1 min read आसमान से नहीं उतरते दोहे आसमान से नहीं उतरते, थैले बोरी यार। नेक कमाई कर सदा, तभी चले घर बार।। धरे हाथ पर हाथ जो, बैठे हैं नर नार। उनको भोजन करन का, नहीं... Hindi · दोहा 2 2 224 Share विनोद सिल्ला 14 Dec 2021 · 1 min read पंचशील व्यवहार में दोहे पंचशील व्यवहार में, श्रमण हो आचार। समता ममता चेतना, सुखों का आधार।। पंचशील से ही मिलें, मुक्ती के सब राह। शीलवान बन कीजिए, भेदभाव का दाह।। राजे राजकुमार भी,... Hindi · दोहा 1 326 Share विनोद सिल्ला 2 Dec 2021 · 1 min read महंगी हुई सब्जियां, - - ० ० कुंडलिया ० ०- - महंगी हुई सब्जियां, गगन छू रहे दाम। पतीली उपेक्षित पड़ी, भूख का है कोहराम।। भूख का है कोहराम, काम सब बंद पड़े... Hindi · कुण्डलिया 1 271 Share विनोद सिल्ला 2 Dec 2021 · 1 min read वर्तमान और जीवन वर्तमान और जीवन जन्मते हैं सभी वर्तमान में। करते हैं सभी जीवन की शुरुआत वर्तमान में जीने से। ज्यों-ज्यों होते जाते हैं बड़े खोते जाते हैं अतीत की यादों में... Hindi · कविता 1 473 Share विनोद सिल्ला 2 Dec 2021 · 1 min read पैसा दें तो दाखिला दोहे पैसा दें तो दाखिला, पेड हो गई सीट। एकलव्य को आज भी, अर्जुन देता पीट।। संस्थान सब निजी हुए, कैसे हो तालीम। चुका सकें जो शुल्क तो, डले शिक्षा... Hindi · दोहा 1 189 Share विनोद सिल्ला 2 Dec 2021 · 1 min read धुआं-धुआं है हर गली दोहे धुआं-धुआं है हर गली, आँखें सबकी लाल। आसमान से बरसती, राख बनी है काल।। त्योहारों पर फूंकते, आतिशबाजी खूब। आसमान काला किया, गई रौशनी डूब।। खेतों में भी आग... Hindi · दोहा 1 187 Share विनोद सिल्ला 2 Dec 2021 · 1 min read संविधान में लिख गए संविधान दिवस को समर्पित दोहे संविधान में लिख गए, तभी मिले अधिकार। बाबा साहब आप को, नमन करें शत बार।। संविधान ने ही दिया, मान और सम्मान। वरना तो हम... Hindi · दोहा 1 203 Share विनोद सिल्ला 2 Dec 2021 · 1 min read रोकी जाती घुड़चढ़ी विनोद सिल्ला के दोहे रोकी जाती घुड़चढ़ी, आती खबरें देख। मानवता को मान कर, मेट विभाजन रेख।। किन ग्रंथों में हैं पढ़े, फलां लोग हैं नीच। आग लगा उन ग्रंथ... Hindi · दोहा 1 193 Share विनोद सिल्ला 2 Dec 2021 · 1 min read दीवार दीवार रामकौर और श्यामलाल ने अपने बहू-बेटे की लाख मान-मनौवल के बाद अपना गांव का घर छोड़ा और बहू-बेटे/पौता-पौती के पास आ गए रहने। कुछ समय बाद रामकौर ऊब गई... Hindi · लघु कथा 1 425 Share विनोद सिल्ला 7 Nov 2021 · 1 min read पैसा दें तो दाखिला दोहे पैसा दें तो दाखिला, पेड हो गई सीट। एकलव्य को आज भी, अर्जुन देता पीट।। संस्थान सब निजी हुए, कैसे हो तालीम। चुका सकें जो शुल्क तो, डले शिक्षा... Hindi · दोहा 1 192 Share विनोद सिल्ला 22 Oct 2021 · 1 min read आसमानी पुस्तकें आसमानी पुस्तकें नहीं चाहिएं तुम्हारी दिव्य पुस्तकें तुम्हारी पुस्तकें हैं आसमानी मेरी समस्याएं हैं जमीनी नहीं है समाधान मेरी समस्याओं का तुम्हारी आसमानी पुस्तकों के पास। मुझे नहीं चाहिएं तुम्हारी... Hindi · कविता 2 239 Share विनोद सिल्ला 22 Oct 2021 · 1 min read महंगी हुई सब्जियां - - ० ० कुंडलिया ० ०- - महंगी हुई सब्जियां, गगन छू रहे दाम। पतीली उपेक्षित पड़ी, भूख का है कोहराम।। भूख का है कोहराम, काम सब बंद पड़े... Hindi · कुण्डलिया 196 Share विनोद सिल्ला 14 Oct 2021 · 1 min read लगा मुखौटा घूमते दोहे लगा मुखौटे घूमते, आज सभी नर - नार। असली सूरत ली छिपा, नकली सब किरदार।। झूठी सबकी शान है, फीकी है मुस्कान। चमक दमक में खो गए, झूठी है... Hindi · दोहा 2 2 314 Share विनोद सिल्ला 9 Oct 2021 · 1 min read पाहन पूजा खूब की विनोद सिल्ला के दोहे पाहन पूजा खूब की, किए तीर्थ उपवास। अंतर्मन खोजा नहीं, फिजूल किए प्रयास।। गंगा-जमुना भी गया, करके आया स्नान। बाहर पावन हो गया, भीतर रहा मशान।।... Hindi · दोहा 1 200 Share विनोद सिल्ला 7 Oct 2021 · 1 min read साहब कांसीराम साहब कांसीराम साहब कांसीराम थे, बहुजन की आवाज। नई सोच दे कर किया, नवयुग का आगाज।। साहब कांसीराम से, बहुजन की थी शान। आंदोलन पहचान थी, चैन किया कुर्बान।। छोड़ी... Hindi · दोहा 1 241 Share विनोद सिल्ला 5 Oct 2021 · 1 min read शब्द शब्द शब्द घोल दें कान में, मिश्री सा मिष्ठान। शब्द लगा दें आग भी, शब्दों को पहचान।। शब्दों ने ही विगत में, करवाए संग्राम। शब्द शांति वाहक बने, दिया अमन... Hindi · दोहा 1 2 230 Share विनोद सिल्ला 5 Oct 2021 · 1 min read तर्क करो फिर जान लो दोहे तर्क करो फिर जान लो, लेना तब ही मान। बात पते की दी बता, रखना इसका ध्यान।। तर्क कसौटी परख लो, सही चढ़े परवान। मीन-मेख भी ना रहे, उन्नत... Hindi · दोहा 1 4 316 Share विनोद सिल्ला 5 Oct 2021 · 1 min read जीवन पतली डोर है विनोद सिल्ला के दोहे जीवन पतली डोर है, जो कुदरत के हाथ। जब तक कायम डोर है, तब तक रहता साथ।। जीवन देख करीब से, जीवन है अनमोल। जीवन पावन... Hindi · दोहा 1 1 176 Share विनोद सिल्ला 5 Oct 2021 · 1 min read साहब तेरे राज में दोहे साहब तेरे राज में, नित-नित मरते लोग। तुझको फुरसत है नहीं, बढ़ता जाता रोग।। ऑक्सीजन की घाट में, फूल रही है सांस। पेड़ काट कर है किया, अपना जीवन... Hindi · दोहा 1 2 186 Share विनोद सिल्ला 30 Sep 2021 · 1 min read वर्षा का जल भर गया विनोद सिल्ला के दोहे वर्षा का जल भर गया, गली बन गई ताल। जलमग्न शहर हो गया, हुए बाढ़ से हाल।। झुग्गी सारी ढूब गई, घर से बेघर लोग। मच्छर... Hindi · दोहा 231 Share विनोद सिल्ला 30 Sep 2021 · 1 min read दाढ़ी वाले दोहे दाढ़ी वाले दोहे दाढ़ी तेरी बढ़ गई, कैसा तेरा हाल। दीवानों सा तू लगे, कैसा है जंजाल।। दाढ़ी तेरी सितमगर, बड़ी चार सौ बीस। दमघोटू सी लग रही, रही सभी... Hindi · दोहा 693 Share विनोद सिल्ला 30 Sep 2021 · 1 min read भीम राव अम्बेडकर भीम राव अम्बेडकर भीम राव अम्बेडकर, चले कष्ट की राह। संघर्ष किया उम्रभर, समता जिनकी चाह।। शोषित को हक दे गए, किया बड़ा उपकार। ज्ञान का प्रतीक कह कर, याद... Hindi · दोहा 1 206 Share विनोद सिल्ला 30 Sep 2021 · 1 min read धर्म सियासत जब मिले विनोद सिल्ला के दोहे धर्म सियासत जब मिले, होता खेल अजीब। मार मुकाए आम - जन, नर-नार अरु गरीब।। गाजा - पट्टी धर्म ने, कर दी लहूलुहान। फिलीस्तीन - इजरायली,... Hindi · दोहा 1 217 Share विनोद सिल्ला 15 Sep 2021 · 3 min read हिंदी दिवस की बधाई, कितनी खरी हिंदी दिवस की बधाई, कितनी खरी? -विनोद सिल्ला जब किसी विदेशी को हिंदी बोलते हुए सुनते हैं तो बड़ा कर्णप्रिय लगता है। किसी अफगानिस्तानी या पाकिस्तानी को उर्दू मिश्रित हिन्दी... Hindi · लेख 2 2 441 Share विनोद सिल्ला 10 Sep 2021 · 1 min read जवाब नहीं मिला जवाब नहीं मिला मनीषा अपने विद्यालय में हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर, गणतंत्र दिवस पर व अन्य अवसर पर भाषण में, अक्सर महापुरुषों के बारे में सुनती रही। एक दिन... Hindi · लघु कथा 2 228 Share विनोद सिल्ला 10 Sep 2021 · 1 min read अपना दीपक आप बन अपना दीपक आप बन सूरज अंधेरा उगल रहे हों रोशनी को निगल रहे हों तब कौन राह प्रशस्त करे अपना दीपक आप बन तू क्यूं न खुद को अभ्यस्त करे... Hindi · कविता 3 200 Share विनोद सिल्ला 7 Sep 2021 · 7 min read समझ से परे समझ से परे मरने के बाद स्वर्ग से या फिर नर्क से कोई नहीं आया वापस लौट कर फिर स्वर्ग का मजा नर्क की सजा का वर्णन किसने किया ग्रंथों... Hindi · कविता 1 466 Share Previous Page 3 Next