Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2021 · 1 min read

संविधान में लिख गए

संविधान दिवस को समर्पित दोहे

संविधान में लिख गए, तभी मिले अधिकार।
बाबा साहब आप को, नमन करें शत बार।।

संविधान ने ही दिया, मान और सम्मान।
वरना तो हम थे सभी, खुशियों से अनजान।।

संविधान से ही मिला, जीवन का अधिकार।
वरना तो खाते रहे, वर्णाश्रम की मार।।

छुआछात भी कम हुआ, शुद्र हुए आजाद।
जात-पात को खत्म कर, किए सभी आबाद।।

महिलाओं का मान हो, संविधान में लेख।
पदासीन ये आज हैं, कितनी महिला देख।।

उपासना का हक दिया, रखा सभी का मान।
उदारता से कर दिया, भारत देश महान।।

संविधान से हैसियत, वरना थे हम दास।
संविधान दिन है बना, बाकि दिनों से खास।।

आम आदमी को मिली, राजभवन की राह।
पैदा रानी पेट से, होता था तब शाह।।

दीप जला के लो मना, घड़ी खुशी की आज।
आज थिरक बहुजन रहा, बजे भीम का साज।।

“सिल्ला” भी है पढ़ रहा, संविधान को रोज।
मान और सम्मान मिला, करता देखो मौज।।

-विनोद सिल्ला

Language: Hindi
1 Like · 197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदा होने का सबूत
जिंदा होने का सबूत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
एक प्यार का नगमा
एक प्यार का नगमा
Basant Bhagawan Roy
मन की पीड़ा
मन की पीड़ा
पूर्वार्थ
मुसाफिर हो तुम भी
मुसाफिर हो तुम भी
Satish Srijan
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
Seema gupta,Alwar
किसी से भी
किसी से भी
Dr fauzia Naseem shad
23/128.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/128.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सफर अंजान राही नादान
सफर अंजान राही नादान
VINOD CHAUHAN
फ़ितरत
फ़ितरत
Ahtesham Ahmad
#एक_ही_तमन्ना
#एक_ही_तमन्ना
*Author प्रणय प्रभात*
🙏🏻 अभी मैं बच्चा हूं🙏🏻
🙏🏻 अभी मैं बच्चा हूं🙏🏻
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
#drarunkumarshastri♥️❤️
#drarunkumarshastri♥️❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरा लड्डू गोपाल
मेरा लड्डू गोपाल
MEENU
दुख भोगने वाला तो कल सुखी हो जायेगा पर दुख देने वाला निश्चित
दुख भोगने वाला तो कल सुखी हो जायेगा पर दुख देने वाला निश्चित
dks.lhp
*मित्र*
*मित्र*
Dr. Priya Gupta
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
मैंने, निज मत का दान किया;
मैंने, निज मत का दान किया;
पंकज कुमार कर्ण
भ्रम नेता का
भ्रम नेता का
Sanjay ' शून्य'
बीन अधीन फणीश।
बीन अधीन फणीश।
Neelam Sharma
विरही
विरही
लक्ष्मी सिंह
यदि हर कोई आपसे खुश है,
यदि हर कोई आपसे खुश है,
नेताम आर सी
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
Sukoon
लोग आते हैं दिल के अंदर मसीहा बनकर
लोग आते हैं दिल के अंदर मसीहा बनकर
कवि दीपक बवेजा
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने ,
कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने ,
Ashish Morya
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
श्री नेता चालीसा (एक व्यंग्य बाण)
श्री नेता चालीसा (एक व्यंग्य बाण)
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...