Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2021 · 1 min read

जीवन पतली डोर है

विनोद सिल्ला के दोहे

जीवन पतली डोर है, जो कुदरत के हाथ।
जब तक कायम डोर है, तब तक रहता साथ।।

जीवन देख करीब से, जीवन है अनमोल।
जीवन पावन सा लगे, पूरा – पूरा तौल।।

जीवन दुख-सुख से भरा, आएं-जाएं रोज।
सुख में फूलों सा लगे, दुख में लागे बोझ।।

जीवन जीना पड़ रहा, चाहे कुछ हो हाल।
कोई डावांडोल है, कोई मालामाल।।

जीवन डाली फूल की, जीवन कंटक हार।
जीवन हर पल और है, नहीं किसी को सार।।

जीवन भर करता रहे , मानव मारो-मार।
छोड़ – छाड़ जाना पड़े, गाड़ी घोड़ा कार।।

जीवन सिल्ला जी रहा, दुख-सुख कर निर्वाह।
दुख भी जाना बीत है, ना ही सुख की चाह।।

-विनोद सिल्ला©

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 166 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
पूर्वार्थ
जिनका अतीत नग्नता से भरपूर रहा हो, उन्हें वर्तमान की चादर सल
जिनका अतीत नग्नता से भरपूर रहा हो, उन्हें वर्तमान की चादर सल
*Author प्रणय प्रभात*
हाल मियां।
हाल मियां।
Acharya Rama Nand Mandal
তুমি এলে না
তুমি এলে না
goutam shaw
इंसान जिन्हें
इंसान जिन्हें
Dr fauzia Naseem shad
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
"दरअसल"
Dr. Kishan tandon kranti
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
****अपने स्वास्थ्य से प्यार करें ****
****अपने स्वास्थ्य से प्यार करें ****
Kavita Chouhan
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक देश एक कानून
एक देश एक कानून
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शक
शक
Paras Nath Jha
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
संसार चलाएंगी बेटियां
संसार चलाएंगी बेटियां
Shekhar Chandra Mitra
दोहा
दोहा
Ravi Prakash
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
Ranjeet kumar patre
लेखनी
लेखनी
Prakash Chandra
मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
Shweta Soni
दान किसे
दान किसे
Sanjay ' शून्य'
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
gurudeenverma198
2360.पूर्णिका
2360.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
** लिख रहे हो कथा **
** लिख रहे हो कथा **
surenderpal vaidya
प्रणय
प्रणय
Neelam Sharma
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
Akash Yadav
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
Vishal babu (vishu)
21वीं सदी के सपने (पुरस्कृत निबंध) / मुसाफिर बैठा
21वीं सदी के सपने (पुरस्कृत निबंध) / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
एक बाप ने शादी में अपनी बेटी दे दी
एक बाप ने शादी में अपनी बेटी दे दी
शेखर सिंह
SADGURU IS TRUE GUIDE…
SADGURU IS TRUE GUIDE…
Awadhesh Kumar Singh
भारत माता की वंदना
भारत माता की वंदना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...