Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2024 · 1 min read

भारत माता की वंदना

वंदन नमन अभिनंदन है
तव चरणों में मां मन्नत है।
लें उठा निज गोद में मां
मुझ बालक का करूण क्रन्दन है।

मां भारती मां भारती मां भारती
गंगा यमुना पांव पखारे
चंदा लेवय आरती मां भारती
धुप दीप प्रज्ज्वलित निश दिन
सुर्य उतारें आरती, मां भारती—-

महक रही मिट्टी, धूलि तव चंदन है
मां तुम्हारे चरणों में खुब जन्नत है
कर जोरी विनय करूण क्रन्दन है
सुख शांति समृद्धि रहे भारत वासी
इसी बात की मन्नत है, मां भारती—-

पुत सपुत जो बलिदान हुआ था
शौभाग्य समझा मरने में ।
बलिदानी को हम भुला ना पायें
शीश झुकाते हैं तव चरणों में, मां भारती —-

Language: Hindi
1 Like · 91 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
!! ईश्वर का धन्यवाद करो !!
!! ईश्वर का धन्यवाद करो !!
Akash Yadav
माँ
माँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शैलजा छंद
शैलजा छंद
Subhash Singhai
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
दोहा
दोहा
sushil sarna
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
shabina. Naaz
शमा से...!!!
शमा से...!!!
Kanchan Khanna
💐प्रेम कौतुक-360💐
💐प्रेम कौतुक-360💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#drArunKumarshastri
#drArunKumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिंदगी का चमत्कार,जिंदगी भर किया इंतजार,
जिंदगी का चमत्कार,जिंदगी भर किया इंतजार,
पूर्वार्थ
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
देर तक मैंने आईना देखा
देर तक मैंने आईना देखा
Dr fauzia Naseem shad
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कहाॅ॑ है नूर
कहाॅ॑ है नूर
VINOD CHAUHAN
2- साँप जो आस्तीं में पलते हैं
2- साँप जो आस्तीं में पलते हैं
Ajay Kumar Vimal
इमारत बड़ी थी वो
इमारत बड़ी थी वो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
माईया गोहराऊँ
माईया गोहराऊँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2777. *पूर्णिका*
2777. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
Phool gufran
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
सावन का महीना
सावन का महीना
विजय कुमार अग्रवाल
"संवाद "
DrLakshman Jha Parimal
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
Stuti tiwari
#आलेख-
#आलेख-
*Author प्रणय प्रभात*
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
Amit Pathak
महंगाई का दंश
महंगाई का दंश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दुनिया सारी मेरी माँ है
दुनिया सारी मेरी माँ है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"वायदे"
Dr. Kishan tandon kranti
*विश्वामित्र नमन तुम्हें : कुछ दोहे*
*विश्वामित्र नमन तुम्हें : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
Loading...