सावन का महीना
सावन का महीना है आया,संग संग अपने खुशियां भी लाया।
सखियों ने हर घर में जाकर,मिलजुलकर सबको झूला झुलाया।।
नंद भाभियां,सास और बहु,मां बेटी ने एक दूजे को श्रंगार कराया।
सावन के गीतों ने हर घर को,बहुत ही खुशमय और संगीतमय बनाया।।
मेहंदी लाली बिंदी कजरे और गजरे ने हर स्त्री को खूब सजाया।
लम्बी लम्बी पेंगें देकर सबने,घर घर में एक दूजे को झूला झुलाया।
सखियों ने आनंद लिया और, मिलकर सावन के गीतों को गाया।।
हरियाली हर तरफ है फैली, सावन में हरा रंग है हर दिल पर गहराया।
बादलों से जब चमकी बिजली,तो मेघों ने जमकर जल बरसाया।।
मंदिर और शिवालयों में भी,प्रतिदिन ही शिव भक्तों ने तांता लगाया।
भक्तों ने शिव की उतारी आरती,और शिवलिंग पर बेलपत्र और दूध चढ़ाया।।
हर सोमवार को सावन में स्त्रियों ने, व्रत पूजा की और प्रसाद चढ़ाया।
भूखे रह कर मन्नतें माँगी और अपनी हर मन्नत को शिव से पाया।।
कहे विजय बिजनौरी भक्तों,सावन का महीना इसलिए है आता।
हर घर में मनाई जाती हैं खुशियां और हर कोई शिव से है वरदान जो पाता।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।