Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2024 · 1 min read

ख्वाहिश

ख्वाहिश
ख्वाहिश तो यह है, कि
काश कोई ख्वाहिश ही ना होती।
दिन का चैन और रात की
नींद तो बरक़रार रहती ।।
उम्रे गुज़र जाती है,
ख्वाहिशों के मकड़जाल में।
आख़िर में ख्वाहिशें
कहां है जो पूरी होती ।।
– ओमप्रकाश भार्गव,
पिपरिया

31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
Rj Anand Prajapati
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
💐Prodigy Love-38💐
💐Prodigy Love-38💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
DrLakshman Jha Parimal
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
Rajesh Kumar Arjun
लक्ष्य हासिल करना उतना सहज नहीं जितना उसके पूर्ति के लिए अभि
लक्ष्य हासिल करना उतना सहज नहीं जितना उसके पूर्ति के लिए अभि
Sukoon
पर्यावरण
पर्यावरण
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
shabina. Naaz
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
*भूकंप का मज़हब* ( 20 of 25 )
*भूकंप का मज़हब* ( 20 of 25 )
Kshma Urmila
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
Subhash Singhai
बड़ी मुश्किल है ये ज़िंदगी
बड़ी मुश्किल है ये ज़िंदगी
Vandna Thakur
लौट  आते  नहीं  अगर  बुलाने   के   बाद
लौट आते नहीं अगर बुलाने के बाद
Anil Mishra Prahari
राधे राधे happy Holi
राधे राधे happy Holi
साहित्य गौरव
दौलत से सिर्फ
दौलत से सिर्फ"सुविधाएं"मिलती है
नेताम आर सी
*नेता से चमचा बड़ा, चमचा आता काम (हास्य कुंडलिया)*
*नेता से चमचा बड़ा, चमचा आता काम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
Mahendra Narayan
''आशा' के मुक्तक
''आशा' के मुक्तक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
Ranjeet kumar patre
वो दो साल जिंदगी के (2010-2012)
वो दो साल जिंदगी के (2010-2012)
Shyam Pandey
बुश का बुर्का
बुश का बुर्का
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
With Grit in your mind
With Grit in your mind
Dhriti Mishra
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
हम अपनी ज़ात में
हम अपनी ज़ात में
Dr fauzia Naseem shad
कण-कण में श्रीराम हैं, रोम-रोम में राम ।
कण-कण में श्रीराम हैं, रोम-रोम में राम ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
खुश रहने की कोशिश में
खुश रहने की कोशिश में
Surinder blackpen
विनती सुन लो हे ! राधे
विनती सुन लो हे ! राधे
Pooja Singh
हमेशा..!!
हमेशा..!!
'अशांत' शेखर
मेरा विषय साहित्य नहीं है
मेरा विषय साहित्य नहीं है
Ankita Patel
बीड़ी की बास
बीड़ी की बास
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...