Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं

फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
भागते फिर रहे हैं हम , मंजिल का हमको पता नहीं

ज्ञान के पीछे भागते हम , पुस्तकें हमको भाती नहीं
मोक्ष की बातें करते हम , संस्कारों से हमारा नाता नहीं

गिर रहे हैं बार – बार हम , संभलना हमको आता नहीं
देख रहे सा सभी चीरहरण , इंसानियत से हमारा नाता नहीं

पाने की इच्छा प्रबल हुई , हमको देना आता नहीं
पालना झुला रहे हैं सब , मातृत्व से हमारा नाता नहीं

काम प्रबल हुई भावनाएं , प्रभु से हमारा नाता नहीं
आधुनिकता की गुलामी में डूबे , संस्कारों से हमारा नाता नहीं

चांदनी की चमक में डूबे , अन्धकार हमको भाता नहीं
विलासिता की चाहत में डूबे , संस्कारों से हमारा नाता नहीं

मधुशाला का रुख करें हम , देवालय से हमारा नाता नहीं
जीवन की उलझन में उलझे , मोक्ष से हमारा नाता नहीं

फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
भागते फिर रहे हैं हम , मंजिल का हमको पता नहीं

अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

Language: Hindi
1 Like · 19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
आया करवाचौथ, सुहागिन देखो सजती( कुंडलिया )
आया करवाचौथ, सुहागिन देखो सजती( कुंडलिया )
Ravi Prakash
अलग अलग से बोल
अलग अलग से बोल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेतों में हरियाली बसती
खेतों में हरियाली बसती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आईने में देखकर खुद पर इतराते हैं लोग...
आईने में देखकर खुद पर इतराते हैं लोग...
Nitesh Kumar Srivastava
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
Shweta Soni
अन्धी दौड़
अन्धी दौड़
Shivkumar Bilagrami
शिकायत है हमें लेकिन शिकायत कर नहीं सकते।
शिकायत है हमें लेकिन शिकायत कर नहीं सकते।
Neelam Sharma
कुछ हकीकत कुछ फसाना और कुछ दुश्वारियां।
कुछ हकीकत कुछ फसाना और कुछ दुश्वारियां।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सरस्वती पूजा में प्रायश्चित यज्ञ उर्फ़ करेला नीम चढ़ा / MUSAFIR BAITHA
सरस्वती पूजा में प्रायश्चित यज्ञ उर्फ़ करेला नीम चढ़ा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
पूछा किसी ने  इश्क में हासिल है क्या
पूछा किसी ने इश्क में हासिल है क्या
sushil sarna
बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर
बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर
सुनील कुमार
जीना है तो ज़माने के रंग में रंगना पड़ेगा,
जीना है तो ज़माने के रंग में रंगना पड़ेगा,
_सुलेखा.
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
वर्षा का भेदभाव
वर्षा का भेदभाव
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
Yogendra Chaturwedi
श्री हरि भक्त ध्रुव
श्री हरि भक्त ध्रुव
जगदीश लववंशी
पत्ते बिखरे, टूटी डाली
पत्ते बिखरे, टूटी डाली
Arvind trivedi
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
नसीहत
नसीहत
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दुख
दुख
Rekha Drolia
इन तन्हाइयो में तुम्हारी याद आयेगी
इन तन्हाइयो में तुम्हारी याद आयेगी
Ram Krishan Rastogi
*अविश्वसनीय*
*अविश्वसनीय*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भौतिकता
भौतिकता
लक्ष्मी सिंह
मुश्किल है बहुत
मुश्किल है बहुत
Dr fauzia Naseem shad
गर्मी आई
गर्मी आई
Manu Vashistha
कभी सब तुम्हें प्यार जतायेंगे हम नहीं
कभी सब तुम्हें प्यार जतायेंगे हम नहीं
gurudeenverma198
*****रामलला*****
*****रामलला*****
Kavita Chouhan
"इतिहास"
Dr. Kishan tandon kranti
अपना-अपना
अपना-अपना "टेलिस्कोप" निकाल कर बैठ जाएं। वर्ष 2047 के गृह-नक
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...