sushil sarna 637 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next sushil sarna 1 Jun 2024 · 1 min read अधूरे अफ़साने : अधूरे अफ़साने : जाने कितने उजाले ज़िंदा हैं मर जाने के बाद भी भरे थे तुम ने जो मेरी आरज़ूओं के दामन में मेरे ख़्वाबों की दहलीज़ पर वो आज... 21 Share sushil sarna 1 Jun 2024 · 1 min read वक्त के सिरहाने पर ......... वक्त के सिरहाने पर ......... वक्त के सिरहाने पर बैठा देखता रहा मैं देर तक दर्द की दहलीज पर मिलने और बिछुड़ने की रक्स करती परछाइयों को जाने कितने वादे... 23 Share sushil sarna 1 Jun 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . नवयुग दोहा पंचक. . . . नवयुग दूषित हो न परम्परा, देना इस पर ध्यान। धारित तन पर हों सदा, मर्यादित परिधान।। मानव मन कब मानता, नियमों की जंजीर । हर... 27 Share sushil sarna 1 Jun 2024 · 1 min read दर्द .... दर्द .... कुरेदने से सिर्फ ज़ख्म ही हरे नहीं होते बल्कि हो जाते हैं हरे ज़ख्मों की पपड़ी के नीचे दबे दर्द के जलजले भी सुशील सरना /1-6-24 Quote Writer 30 Share sushil sarna 31 May 2024 · 1 min read गुलाब .... गुलाब .... अपनी लाख कोशिशों के बावजूद कांटे चीर न सके महक को गुलाब मिट कर भी महकता रहा गुलाब सा सुशील सरना 19 Share sushil sarna 31 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . मकरंद दोहा पंचक. . . मकरंद पंकज दल के अंक से , उड़े मधुर मकरंद । ब्रह्मा रचता सृष्टि के, इसमें जीवन छंद ।। जीवन को सुरभित करे, प्रथम प्रेम मकरंद... 27 Share sushil sarna 30 May 2024 · 1 min read याद आयेगा हमें ..... याद आयेगा हमें ..... जान ले लेगा हमारी मुस्कुराना आपका इस गली का हर बशर अब है दिवाना आपका बारिशों में बाम पर वो भीगती अगड़ाइयाँ आँख से जाता नहीं... 18 Share sushil sarna 29 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . माटी दोहा पंचक. . . . माटी माटी- माटी ही गई, माटी की पहचान । माटी में ही खो गया, माटी का परिधान ।। देह जली माटी हुआ, माटी का इंसान... 26 Share sushil sarna 28 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . अधर दोहा पंचक. . . . अधर अधर समर्पण से हुए, उदित अजब जज्बात । साँसों में हलचल हुई, मद में डूबी रात ।। अनबन नयनों की हुई, नयनों से कल... 22 Share sushil sarna 27 May 2024 · 1 min read आई तेरी याद तो, आई तेरी याद तो, हरे हुए सब घाव । अनायास होने लगा, नयनों से फिर स्राव ।। सुशील सरना / 27-5-24 Quote Writer 30 Share sushil sarna 27 May 2024 · 1 min read सुधि सागर में अवतरित, सुधि सागर में अवतरित, हुई पिया की याद । यादों से होते रहे, मौन मधुर संवाद ।। सुशील सरना Quote Writer 30 Share sushil sarna 25 May 2024 · 1 min read पलकों में शबाब रखता हूँ। पलकों में शबाब रखता हूँ। हाथों में गुलाब रखता हूँ। चुरा न ले कोई ख़्वाबों को - ख़्वाबों पे नकाब रखता हूँ। सुशील सरना Quote Writer 1 30 Share sushil sarna 25 May 2024 · 1 min read व्योम को व्योम को सूक्ष्म से अलंकृत करो कि स्वप्न भी कल्पना है अचेतन मन की सुशील सरना Quote Writer 1 37 Share sushil sarna 25 May 2024 · 1 min read कहाँ मिलेगी जिंदगी , कहाँ मिलेगी जिंदगी , हमको बारम्बार । जी भर कर जी लो इसे, स्वप्न करो साकार ।। सुशील सरना / 25-5-24 Quote Writer 2 32 Share sushil sarna 25 May 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . जिंदगी दोहा सप्तक. . . . जिंदगी कहीं छाँव है जिंदगी, कहीं भयंकर धूप । सुख - दुख के परिधान में, बदले अपना रूप ।। निर्मल नीर सी जिंदगी, लगे बड़ी... 1 25 Share sushil sarna 25 May 2024 · 1 min read झूठी है यह जिंदगी, झूठी है यह जिंदगी, झूठे इसके तीर । सुख की झूठी झील में, सिर्फ पीर ही पीर ।। सुशील सरना / 25-5-24 Quote Writer 2 28 Share sushil sarna 24 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . मंथन दोहा पंचक. . . . मंथन मन ने जब मंथन किया, हासिल हुआ अतीत । स्वरित हुआ हर साँस में, कर्मों का संगीत ।। मन मंथन जब-जब करे, मन के... 19 Share sushil sarna 23 May 2024 · 1 min read सेज सजायी मीत की, सेज सजायी मीत की, हृदय पुष्प से रोज । तन का लोभी चल दिया, रोज मनाकर मौज ।। सुशील सरना / 23-5-24 Quote Writer 1 26 Share sushil sarna 23 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . गर्मी दोहा पंचक. . . . . गर्मी मेघा बरसें बाद में, पहले बरसे आग । सागर से लेकर चलें, बादल मीठे राग ।। धरती अम्बर तप रहे, सूखे सारे ताल... 19 Share sushil sarna 22 May 2024 · 1 min read आधुनिक समाज ….. आधुनिक समाज ….. उफ्फ ! ये कैसी आधुनिकता है जिसमें हर पल संस्कारों का दम घुट रहा है हर तरफ एक क्रंदन है सभ्यता आज कितनी असभ्य हो गयी है... 1 32 Share sushil sarna 21 May 2024 · 1 min read आज दिवाकर शान से, आज दिवाकर शान से, करे गगन पर राज । हरी धरा पर ताप की, गिरा रहा वो गाज ।। सुशील सरना / 21-5-24 Quote Writer 40 Share sushil sarna 21 May 2024 · 1 min read धाम- धाम में ईश का, धाम- धाम में ईश का, खूब लगाया ध्यान । दान -दक्षिणा से लुटे, पर न मिला भगवान ।। सुशील सरना / 21-5-24 Quote Writer 34 Share sushil sarna 21 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . .इश्क दोहा पंचक. . . .इश्क क्या सोये दिल इश्क में,खड़े सिरहाने ख्वाब । नशा हुस्न का यूँ चढ़ा, फीकी लगी शराब ।। उफ्फ बला की शोखियाँ, वो कातिल अंदाज ।... 31 Share sushil sarna 20 May 2024 · 1 min read पल- पल बदले जिंदगी, पल- पल बदले जिंदगी, गिरगिट जैसे रंग । जीवन से मिटने लगी, खुशियों भरी उमंग ।। सुशील सरना / 20-5-24 Quote Writer 33 Share sushil sarna 20 May 2024 · 1 min read हर खतरे से पुत्र को, हर खतरे से पुत्र को, पिता करे आगाह । जीवन में हर लक्ष्य की , दुर्गम होती राह ।। सुशील सरना / 20-5-24 Quote Writer 39 Share sushil sarna 20 May 2024 · 1 min read ताप संताप के दोहे. . . . ताप संताप के दोहे. . . . आई गर्मी ताप में , विहग ढूँढते छाँव । शहर भरा कंक्रीट से, वृक्षहीन हैं गाँव ।। कहाँ टिकाएं पाँव । हुए भयंकर... 46 Share sushil sarna 19 May 2024 · 1 min read वो बुद्ध कहलाया ... वो बुद्ध कहलाया ... दुःख-दर्द,खुशी, सांसारिक व्याधियों के कोलाहल में आडंबर भरे संसार में झूठे दिखावटी प्यार में भौतिक रिश्तों के व्यापार में जो निर्लिप्त भाव से स्वयं को स्वयं... 27 Share sushil sarna 19 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . पिता दोहा पंचक. . . . . पिता फटी बनियान बाप के, श्रम की है पहचान । भूली उसके त्याग को, नव युग की सन्तान।। धन अर्जन के वास्ते, क्या -क्या... 21 Share sushil sarna 18 May 2024 · 1 min read श्याम भयी न श्वेत भयी … श्याम भयी न श्वेत भयी … श्याम भयी न श्वेत भयी जब काया मिट के रेत भयी लौ मिली जब ईश लौ से भौतिक आशा निस्तेज भयी रंग बिरंगे रिश्ते... 22 Share sushil sarna 18 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . दोहा पंचक. . . . जब तक बैठी पास माँ , कर लो दिल की बात । आशीषों की फिर कहाँ, पाओगे सौगात ।। वसन जुदा तन से हुए, अधर... 28 Share sushil sarna 17 May 2024 · 1 min read दोहा ग़ज़ल .....(सुगंध ) दोहा ग़ज़ल .....(सुगंध ) पावन नजरें हों अगर , पावन हों सम्बंध । पावन रिश्तों में बहे , पावन प्रेम सुगंध । जब होती हैं स्वार्थ की,आपस में तकरार ,... 26 Share sushil sarna 17 May 2024 · 1 min read माँ से मिलने के लिए, माँ से मिलने के लिए, मन तड़पा सौ बार । अब तो होते चित्र में, बस माँ के दीदार ।। सुशील सरना / 17-5-24 Quote Writer 33 Share sushil sarna 17 May 2024 · 1 min read तन्हाई को तोड़ कर, तन्हाई को तोड़ कर, आई तेरी याद । तारीकी में खो गई, मिलने की फरियाद ।। सुशील सरना / 17-5-24 Quote Writer 36 Share sushil sarna 17 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . दोहा पंचक. . . . हर बंधन से मुक्ति ही, कहलाती निर्वाण । आदि - अन्त के मध्य का, जीवन तन में प्राण ।। श्वास नाद है जीव के, जीवन... 34 Share sushil sarna 16 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . काल दोहा पंचक. . . . काल जाने कल क्या वक्त का , होगा नया कमाल । कदम - कदम पर जिंदगी, करती यही सवाल ।। पढ़ पाया है आज तक,... 20 Share sushil sarna 15 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक - परिवार दोहा पंचक - परिवार वृक्षहीन आँगन हुए, वृद्धहीन परिवार । बच्चों को कैसे मिलें , जीवन के संस्कार ।। हर तिनके ने कर लिया, अपना- अपना नीड़ । मुखिया आँगन... 23 Share sushil sarna 14 May 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . जिन्दगी दोहा सप्तक. . . . जिन्दगी किसे कहें बलवान हम ,किसे कहें कमजोर । चींटी हाथी मार दे, बिना मचाए शोर ।। पानी का है बुलबुला, बन्दे तेरी जान ।... 23 Share sushil sarna 13 May 2024 · 1 min read घर : घर : अच्छा है या बुरा है जैसा भी है मगर ये घर मेरा है इस घर का हर सवेरा सिर्फ और सिर्फ मेरा है मैं दिन रात इसकी दीवारों... 14 Share sushil sarna 13 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . अवगुंठन में काल के, लुप्त हुए सब हर्ष । जरा अवस्था देखती, मुड़ -मुड़ बीते वर्ष ।। पीत पात सी काँपती, जरा काल में देह ।... Quote Writer 42 Share sushil sarna 13 May 2024 · 1 min read नई फरेबी रात … नई फरेबी रात … छोडिये साहिब ! ये तो बेवक्त बेवजह ही ज़मीं खराब करते हैं आप अपनी अंगुली के पोर इनसे क्यूं खराब करते हैं। ज़माने के दर्द हैं... 11 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read लौटेगी ना फिर कभी, लौटेगी ना फिर कभी, माँ जाने के बाद । कर लो उससे दो घड़ी , कुछ मीठे संवाद ।। सुशील सरना / 12-5-24 Quote Writer 41 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read बाट जोहती पुत्र का, बाट जोहती पुत्र का, माँ निहारती द्वार । अविरल बहती आँख से, खारे जल की धार ।। सुशील सरना / 12-5-24 Quote Writer 37 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read बड़े हुए सब चल दिये, बड़े हुए सब चल दिये, अपने - अपने नीड़ । माँ आँखों से पोंछती, पुत्र विरह की पीड़ ।। सुशील सरना / 12-5-25 Quote Writer 34 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . माँ दोहा सप्तक. . . . माँ माँ क्या जाने पुत्र के, मन में है क्या बात । वो तो चाहे पुत्र को, देखूं मैं दिन- रात ।। माँ है तो... 19 Share sushil sarna 11 May 2024 · 1 min read माटी :कुछ दोहे माटी :कुछ दोहे माटी मिल माटी हुआ, माटी का इंसान। माटी अंतिम हो गई,मानव की पहचान।। ...........माटी अंतिम हो गई,मानव की पहचान। ...........माटी- माटी हो गया, साँसों का अभिमान।। माटी... 1 19 Share sushil sarna 11 May 2024 · 1 min read दोहे . . . . दोहे . . . . नैन शरों की वेदना, होती है गंभीर । चोटिल मन की बात को, कह देता फिर नीर ।। भोर काल में भागता , लगे सकल... 16 Share sushil sarna 10 May 2024 · 1 min read यकीं के बाम पे ... यकीं के बाम पे ... हो जाता है सब कुछ फ़ना जब जिस्म ख़ाक नशीं हो जाता है गलत है मेरे नदीम न मैं वहम हूँ न तुम वहम हो... 25 Share sushil sarna 10 May 2024 · 1 min read ग़म मौत के ......(.एक रचना ) ग़म मौत के ......(.एक रचना ) ग़म मौत के कहाँ जिन्दगी भर साथ चलते हैं चराग़ भी कुछ देर ही किसी के लिए जलते हैं इतने अपनों में कोई अपना... 26 Share sushil sarna 10 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . दोहा पंचक. . . . . लँगड़ा दौड़े दौड़ में, गूँगा गाए गीत । बहरों की सब टोलियाँ , चलें दिशा विपरीत ।। व्यथा पूछ उस वृक्ष से, जिसके टूटे... 36 Share sushil sarna 9 May 2024 · 1 min read डूब गए ... डूब गए ... तिमिर गहराने लगा एक ख़ामोशी सांसें लेने लगी तेरे अंदर भी मेरे अंदर भी तैर रहे थे निष्पंद से कुछ स्पर्श तेरे अंदर भी मेरे अंदर भी... 18 Share Previous Page 2 Next