कवि संजय कौशाम्बी Language: Hindi 329 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read बाधाएँ आयीं कितनी ही बाधाएँ आयीं कितनी ही फिर भी पीछे हटा नहीं डरते भला किसी से क्यों हम जब हमने की ख़ता नहीं आँखों से आँसू किसान के बहे मगर नाकाफ़ी थे धान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read ख़याल का ख़याल तो कर तू मेरी छोड़ जरा अपनी देखभाल तो कर मेरे ख़्याल के ख़याल का ख़याल तो कर मैं तो अपना हूँ तेरा कैसी तकल्लुफ मुझसे जवाब दूंगा मैं मुझसे कोई सवाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 267 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जरूरत क्या है बता यूँ वक्त़ बदलने की जरूरत क्या है तुझे तूफान में जलने की जरूरत क्या है कर्ज जब माफ कर दिया तो फिर बचा के नजर निकलने की जरूरत क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 510 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read बेसहारा मत समझ लेना मिरे किरदार को बेबस बिचारा मत समझ लेना अभी है जंग बाकी यार हारा मत समझ लेना फ़लक पर चल रहा हूँ मैं तेरा दीदार करने को मुझे टूटा हुआ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 491 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read घिर गया मैं लगी ठोकर जमीं पर गिर गया मैं लड़खड़ाकर कहा सबने कि पीकर फिर गया मैं लड़खड़ाकर दिखी थी बेगुनाही हर कदम मेरी हमेशा कहा सबने मुझे शातिर गया है लड़खड़ाकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 244 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मंजिल वही पाता है कुकड़-कूँ चीखकर के जब कहीं मुर्गा मचलता है तभी चादर हटाकर रात की सूरज निकलता है छुपाई होगी कोई मिल्कियत उस खाली कमरे में तभी तो हर पहर दरवाजे का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 334 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read बुजुर्गों की दुआ आने दो है असरदार बुजुर्गों की दुआ आने दो खिड़कियाँ खोल दो अब ताज़ी हवा आने दो आज बीते हुए लमहों को गुनगुनाने दो पहली बारिश है ये सावन की भीग जाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 598 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read आज हम हँस पड़े खोई सी रात पर आज हम हँस पड़े जाने किस बात पर आज हम हँस पड़े छायी काली घटा चाँद जब छुप गया तनहा ज़जबात पर आज हम हँस पड़े... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 207 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read बेशरम हम न होते सिलसिले गमों के कभी कम न होते अगर तुम न होते अगर हम न होते अगर आँसुओं की न बरसात होती सुलगते हुए मन कभी नम न होते सिमटते हुए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मन के चंचल दर्पण में मन के चंचल दर्पण में इक तेरा चेहरा रहता है जैसे बीच बदलियों के वो चाँद सुनहरा रहता है रंग तितलियों के लेकर तू उड़ जाती है बागों में सुर... Hindi · कविता 331 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read संत कबीर हंस किया करता अलग क्षीर और नीर था खिचड़ी भाषा बोलता था संत वो कबीर था पाला पोसा नीरू नीमा ने बड़े ही प्यार से पर खफ़ा रहा सदा वो... Hindi · कविता 231 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read बैठे हैं वो उम्मीद जियादा किए हुए निकला हूँ आज घर से इरादा किए हुए अपने ही आप से कोई वादा किए हुए हमको न दे सके जो कभी प्यार के दो पल बैठे हैं वो उम्मीद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 292 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जिसे हम गुनगुना आये जिसे हम गुनगुना आये बड़ा सुंदर तराना था थे हम भी आँख के तारे हमारा भी जमाना था अरे ओ झोपड़ी वालों न यूँ आँखें दिखाओ तुम किराये के मकानों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read चुपचाप भला क्यों बैठे जफ़ा की ये रस्म चला क्यों बैठे घरों को खुद ही जला क्यों बैठे बड़ा ही शोरगुल है संसद में हमीं चुपचाप भला क्यों बैठे भरोसा हमने किया था जिन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 203 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read कविता मेरी जाग रही काश कि रोटी होती कविता ढेरों रोज पकाता भूख से व्याकुल लोगों के संग बैठ पेट भर खाता कम्बल बनती कविता तो न ठण्ड से कोई मरता शब्दों के धागों... Hindi · कविता 251 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read नाम तुझे क्या दूँ मैं कभी फूलों सा नर्म हो जाना जख्म़ काँटों का कभी दे जाना कभी तो रौनक ए महफिल तू बनी गयी तनहाइयाँ देकर के कभी हँसाया तूने कभी जी भर कर... Hindi · कविता 246 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read चलते बने कुछ लिया कुछ दिया और चलते बने हाल पूछा किया और चलते बने जाँ हथेली पे रख ली थी जिनके लिए बोले वो शुकरिया और चलते बने तोड़कर दिल मेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 2 min read न काबा दो न काशी दो आतंक का जलवा देख रहा है जग कश्मीर की घाटी में न जाने बो रहा कौन बारूद मुल्क की माटी में वीर शहीदों ने जाँ अपनी जिस माटी में गँवाई... Hindi · कविता 233 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 2 min read रक्षक हैं ये जवान झूठ का पर्दा हटा आँख से सच्चाई को देखो तुम कश्मीरवासियों वीर जवानों पर मत पत्थर फेंको तुम याद करो जब बाढ़ की जद में फँसा हुआ कश्मीर था बालक,महिला,वृद्ध... Hindi · कविता 409 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 3 min read चन्द्रशेखर आजाद महान क्रान्तिकारी शहीद चन्द्रशेखर आजाद जी की जयन्ती पर प्रस्तुत है मेरी नवीनतम रचना- अंग्रेजों का सदियों से मुल्क ये गुलाम था जुल्म,ज्यादती का घोड़ा बेलगाम था सूरज चुरा लिया... Hindi · कविता 273 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जिंदगी फिर मौका नहीं देती ये जीवन है कशमकश में उलझा हुआ स्वार्थ में जकड़ा हुआ डूबता-उतराता इच्छाओं के अनन्त महासागर में दौड़ना-भागना कभी खुद के लिए कभी उनके लिए वेदनाओं में इतना उलझे कि... Hindi · कविता 242 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read कम्बख्त तू मुस्कुराती रही मैं खाता रहा ठोकरें दर ब दर और कम्बख्त तू मुस्कुराती रही तूने बताया ही कब सच और झूठ का फर्क मैं तो वही बोलता रहा जिंदगी जो तू सिखाती... Hindi · कविता 1 538 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read स्पीड ब्रेकर फेवीक्विक लाया है वो बाजार से शायद उसे नहीं पता कि रिश्ते जुड़ते हैं केवल प्यार,विश्वास और समर्पण से उस दिन हुआ जिम्मेदारी का एहसास जब पापा का जूता मेरे... Hindi · कविता 389 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read यूँ ही आ चाहे जरूरत में आ कहीं किसी भी मुहूरत में आ मेरे ख्यालों से हकीकत में आ तिरा दीदार सुकूँ देता है युँ ही आ चाहे जरूरत में आ खुशी के वक्त़ न आने वाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 193 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मजा जन्म पाया तो लिया दुनिया में आने का मजा छुटपन में उन दस पाँच पैसों को कमाने का मजा आयी जवानी तो अदा से दिल चुराने का मजा बेबस बुढ़ापा... Hindi · कविता 400 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read लहर लहर लहराये तिरंगा आजादी का दिन गूँजा है जन गण मन के गान से लहर लहर लहराए तिरंगा नीलगगन में शान से सच्चाई की राह चलें हम और इरादे नेक हों भेदभाव की... Hindi · गीत 941 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read पल दो पल का साथ तुम्हारा..अच्छा है पल दो पल का साथ तुम्हारा..अच्छा है तुम हो तो संसार ये सारा.......अच्छा है बैठा हूँ बारूद पे.........मन में दहशत है पर वादी का यार.......नजारा अच्छा है सारी दुनिया जीत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 233 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मीरा ने अपने मन को बँसुरिया बना लिया आँखों के नीरकुम्भ को दरिया बना लिया हमने गमों को जीने का जरिया बना लिया राधा को मिला दर्द ही जब दर्द प्रेम में उस दर्द को ही उसने सँवरिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 293 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read पहुँच अपनी भी प्यारे बड़ी सरकार में है कई जनमों से दिल ये तुम्हारे प्यार में है सिवा तेरे भला क्या यहाँ संसार में है खता नजरों की जब से हवा बनकर चली है तभी से यार मौसम... Hindi · कविता 235 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read कृष्ण का तन मन सदा राधा रहा उम्र भर सीधा रहा सादा रहा कुछ तो उसके पास में ज्यादा रहा रूह निकली जिस्म से कहते हुए लौटकर आऊँगी ये वादा रहा रात भर भरता गया भरता गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 362 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जाने वाला पल खुशी का लौट आयेगा गम के काँटों में घिरा गुल मुस्कुराएगा जाने वाला पल खुशी का लौट आयेगा हार मत हिम्मत कदम आगे बढ़ा अब छोड़ दे डर आस्तीनों को चढ़ा अब दुख में... Hindi · गीत 241 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read तिरंगे को ओढ़कर माँ-बाप,बीवी-बच्चों से सब नाता तोड़कर फिर चल दिया जवान तिरंगे को ओढ़कर बड़ी मन्नतों के बाद जिसे पाया था,गया कंधों पे बूढ़े बाप के जनाजा आ गया सेहरा न सजा... Hindi · कविता 383 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जिंदगी जिंदगी का पता दे मुझे जिंदगी जिंदगी का पता दे मुझे तुझसे खुश कौन है ये बता दे मुझे तुझको जीना कहाँ इतना आसान है शख्स कोई भी हो बस परेशान है खुद में घुटता... Hindi · गीत 360 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read आओ उसे खोजें बड़ी मायूस सी है जिंदगी आओ उसे खोजें कहीं छुपकर के बैठी है खुशी आओ उसे खोजें गया जो छोड़कर के राह में मिल जायेगा वो भी मिटा दो बैर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read घर जो मिट्टी का मिला तो यूँ लगा प्यार का जब से खजाना मिल गया रूह को अपना ठिकाना मिल गया तुम मिले,तुम यूँ मिले,तुम क्या मिले हमको तो सारा जमाना मिल गया जाओ,जाओ आँसुओं हाफिज खुदा अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 213 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read याद आयेंगे हम भी मियाँ एक दिन हसरतें होंगी मन की जवाँ एक दिन जीत लेंगे ये सारा जहाँ एक दिन हौसलों के परों से उड़ाने भरो चूम लेगा कदम आसमाँ एक दिन जाने वाले कदम आयेंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 333 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read तेरा आँचल दिखाई दे तुम्हारा प्यार की ताकत मुझे हर पल दिखाई दे दिया था हाथ ने अंगुली को जो सम्बल दिखाई दे बचाने को बुरी नजरों से जो तुमने दिया तोहफा अभी तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 251 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read खूनखराबा होने दो कान बंद कर पाक सिंह ने खुलकर आज दहाड़ा है जो भी पड़ा सामने उसको दंत नखों से फाड़ा है दुनिया भर में गूँज रही जो दिल्ली की ललकार सुनो... Hindi · कविता 507 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जय श्री राम कहा करिए मन हो जाए प्रफुल्लित पल में सुबहो शाम कहा करिए बिगड़ा काम बनाना हो तो जय श्री राम कहा करिए साधारण से साधारण को इस नाम ने खास बना डाला... Hindi · गीत 580 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 2 min read एक सैनिक की वेदना मिरे सीने में कोई गोली जब दगी होगी तड़प के नींद से माँ चौंक कर जगी होगी समझ न आया होगा दिल के धड़कने का सबब छू के तस्वीर मेरी... Hindi · कविता 313 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read सोचें क्या बैठकर कि भला खुलकर न करो ऐसी खता लोग क्या कहेंगे हँसकर न किसी को दो दुआ लोग क्या कहेंगे नफरत की जंग में थे बड़े शौक से शामिल जब इश्क हो गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 177 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जाने क्या वो जाने वाला दे गया सम्बन्धों का फिर हवाला दे गया वक्त़ दरवाजों पे ताला दे गया जुल्फें खुली,हैं आँख नम,खामोश लब जाने क्या वो जाने वाला दे गया मजहबी उन्माद हाथों में मिरे संग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मेरे भारत में तुम्हारी नहीं चलने वाली तुम्हारी कारगुजारी नहीं चलने वाली काला धन कालाबजारी नहीं चलने वाली गए वो दौर जो शोषण के चलाए तुमने हुजूर अब नई पारी नहीं चलने वाली खुली तिजोरी तो हँसते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 199 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read लोहे का दरवाजा लगाता है बड़ा मगरूर बैठा है कहीं आता न जाता है किसी के इश्क में शायद कोई सपना सजाता है कहूँ क्या हाल दीवाने का जाकर देखिए साहिब बनाकर झोपड़ी लोहे का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 196 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read नोटबन्दी के समय ... पहले भी जनता भूखी थी पहले भी फाँके पड़ते थे चोरी-छिनैती होती थी पहले भी डाके पड़ते थे पहले भी शादी रुकती थी पहले भी बेटी रोती थी पहले भी... Hindi · कविता 234 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read महायज्ञ में तत्पर हैं सब महायज्ञ में तत्पर हैं सब बातें चन्द करेगा कौन खुली तुम्हारी पोल देखकर भारत बन्द करेगा कौन सत्तर साल से बन्द रहा सत्ता की जोरा जोरी में बेबस अबला नारी... Hindi · कविता 190 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read आशिकी है,सियासत नहीं है गम से हमको मोहब्बत नहीं है आँसुओं की जरूरत नहीं हैं चुपके से खो गया दिल तो समझे दिल पे अपनी हुकूमत नहीं है लड़ने को लड़ रहा हूँ मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 204 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read होठों की मुस्कान नहीं खोने देना कष्ट हृदय में हो अनंत विस्तृत हो अपयश दिग् दिगंत हो पीड़ा का अदृश्य,अंत पर धैर्य रहे मन मनुज संत इस पीड़ा को विषबेल नहीं बोने देना होठों की मुसकान... Hindi · गीत 290 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read हम भी उन्हें आजमाते रहे इश्क कुछ इस कदर हम निभाते रहे दूर से ही महज मुस्कुराते रहे वो हमें आजमाती रही उम्र भर और हम भी उन्हें आजमाते रहे छोड़कर गीत गजलों की सरगम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 205 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read देखें क्या उधर है सीप में मोती मिले या न मिले दीप में ज्योती मिले या न मिले पेट को कर कैद में चल दे मुसाफ़िर आज फिर रोटी मिले या न मिले खोल... Hindi · गीत 1 231 Share Previous Page 2 Next