Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2020 · 1 min read

खूनखराबा होने दो

कान बंद कर पाक सिंह ने खुलकर आज दहाड़ा है
जो भी पड़ा सामने उसको दंत नखों से फाड़ा है

दुनिया भर में गूँज रही जो दिल्ली की ललकार सुनो
खामोशी से बैठे थे जो अब उनकी हुंकार सुनो

जलने का मजा क्या होता है पूछो तो जरा परवानों से
आतुर हैं जो मर मिटने को भारत के वीर जवानों से

बात शहादत की जो चले तो तबियत खिलने लगती है
कदम ताल करते हैं तो ये धरती हिलने लगती है

आतंकवाद के गीदड़ का अब रोम-रोम है काँप रहा
लेकर के फीता सीना वो छप्पन इंची नाप रहा

अब दुस्साहस किया अगर तो अब न तुझे सुधारेंगे
काश्मीर में मारा फिर रावलपिण्डी में मारेंगे

लाहौर,कराची में आकर फिर खून की नदी बहायेंगे
इस्लामाबाद मौत का मंजर तुझको वहीं दिखायेंगे

बदनामी से क्या डरना अब शोरशराबा होने दो
ऐसे न बुझेगी आग चलो अब खूनखराबा होने दो

Language: Hindi
450 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इंसान और कुता
इंसान और कुता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
शेखर सिंह
हुआ पिया का आगमन
हुआ पिया का आगमन
लक्ष्मी सिंह
#सृजनएजुकेशनट्रस्ट
#सृजनएजुकेशनट्रस्ट
Rashmi Ranjan
कुदरत का प्यारा सा तोहफा ये सारी दुनियां अपनी है।
कुदरत का प्यारा सा तोहफा ये सारी दुनियां अपनी है।
सत्य कुमार प्रेमी
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
Basant Bhagawan Roy
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
Shweta Soni
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3
Mukesh Kumar Sonkar
सज़ा तुमको तो मिलेगी
सज़ा तुमको तो मिलेगी
gurudeenverma198
खुद से मुहब्बत
खुद से मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कविता तुम क्या हो?
कविता तुम क्या हो?
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
*अग्रसेन ने ध्वजा मनुज, आदर्शों की फहराई (मुक्तक)*
*अग्रसेन ने ध्वजा मनुज, आदर्शों की फहराई (मुक्तक)*
Ravi Prakash
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
डॉ.सीमा अग्रवाल
!! हे उमां सुनो !!
!! हे उमां सुनो !!
Chunnu Lal Gupta
दोहा पंचक. . . . प्रेम
दोहा पंचक. . . . प्रेम
sushil sarna
जब जब जिंदगी में  अंधेरे आते हैं,
जब जब जिंदगी में अंधेरे आते हैं,
Dr.S.P. Gautam
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
Arghyadeep Chakraborty
संकल्प
संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सेर
सेर
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
Manisha Manjari
ज़रूरी है...!!!!
ज़रूरी है...!!!!
Jyoti Khari
Tum hame  nist-ee nabut  kardo,
Tum hame nist-ee nabut kardo,
Sakshi Tripathi
मरना बड़ी बात नही जीना बड़ी बात है....
मरना बड़ी बात नही जीना बड़ी बात है....
_सुलेखा.
मतला
मतला
Anis Shah
बचपन याद किसे ना आती ?
बचपन याद किसे ना आती ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
Paras Nath Jha
3144.*पूर्णिका*
3144.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...