Deepesh Dwivedi 101 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Deepesh Dwivedi 19 Feb 2024 · 1 min read मतवाला प्यास ना मेरी बुझेगी इससे दूर हटा लो अपना प्याला खुशियों का मधु तुम्हें मुबारक हम तो पीते दर्द की हाला इस दुनिया में नहीं दोस्तों मिलता सबको हंसने का... Poetry Writing Challenge-2 67 Share Deepesh Dwivedi 12 Feb 2024 · 1 min read भाव गान चांदनी रात में चुप खड़े थे शजर उनके साए में हम गीत गाने लगे रात मुस्काई और चांद हंसने लगा और सितारे भी सब गुनगुनाने लगे दोनों के हाथ, दिल... Poetry Writing Challenge-2 1 109 Share Deepesh Dwivedi 10 Feb 2024 · 1 min read गुनगुनाए तुम सुमन उपवन में खिले जब मुस्कुराए तुम बांसुरी सी बज उठी जब गुनगुनाए तुम हाथ में कंगन सुनहले कान में कुंडल रुपहले रूप में इस पहले-पहले मन को भाए तुम... Poetry Writing Challenge-2 1 52 Share Deepesh Dwivedi 8 Feb 2024 · 1 min read प्रत्यावर्तन चांदनी के लिए हम चले तो मगर हर कदम पर अमावस के साए मिले फूल खिलते रहे पांत झरते रहे जिंदगानी के दिन यूं गुजरते रहे उम्र चुकने लगी सांस... Poetry Writing Challenge-2 69 Share Deepesh Dwivedi 3 Feb 2024 · 1 min read विसर्जन हमारे नेह के वे पल विसर्जित कर दिए हमने मिलन के वे सुनहरे क्षण तिरोहित कर दिए हमने कभी आहवान करते थे तुम्हारा आगमन तो हो क्षणभर सही तेरा वह... Poetry Writing Challenge-2 53 Share Deepesh Dwivedi 11 Jul 2023 · 1 min read फितरत दो मोहब्बत तो इबादत है कोई तिजारत नहीं है जज्बातों का सौदा करना हमारी तो आदत नहीं है हम चाहते थे चाहते हैं चाहते रहेंगे तुमको ही हमारे इश्क को समझना... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 244 Share Deepesh Dwivedi 11 Jul 2023 · 1 min read फितरत तुमको ही देखते रहना आदत यह हमारी थी हमें अनदेखा कर देना शरारत यह तुम्हारी थी तुम्हारे सामने झुकना इबादत यह हमारी थी खेल उल्फत को समझना फितरत यह तुम्हारी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 392 Share Deepesh Dwivedi 14 Jun 2023 · 1 min read तिरोभाव हमारे नेह के वे पल विसर्जित कर दिए हमने मिलन के वे सुनहरे क्षण तिरोहित कर दिए हमने कभी आहवान करते थे तुम्हारा आगमन तो हो क्षणिक ही सही नैनो... Poetry Writing Challenge 1 96 Share Deepesh Dwivedi 14 Jun 2023 · 1 min read नवजीवन जब चाह नहीं थी जीने की तब तुमने अमृत पिला दिया मर चुकी थी हर इच्छा मेरी सब आशाएं हत्प्राण हुई अंतर की उमंगे शून्य हुई तन की ऊर्जा मृतप्राण... Poetry Writing Challenge 1 209 Share Deepesh Dwivedi 5 Jun 2023 · 1 min read चांदनी के लिए चांदनी के लिए हम चले तो मगर हर कदम पर अमावस के साए मिले फूल खिलते रहे पांत झरते रहे जिंदगानी के दिन यूं गुजरते रहे उम्र चुकने लगी सांस... Poetry Writing Challenge 2 393 Share Deepesh Dwivedi 4 Jun 2023 · 1 min read फिर न आए तुम सुमन उपवन में खिले जब मुस्कुराए तुम बांसुरी सी बज उठी जब गुनगुनाए तुम हाथ में कंगन सुनहले कान में कुंडल रुपहले रूप में इस पहले-पहले मन को भाए तुम... Poetry Writing Challenge 1 82 Share Deepesh Dwivedi 2 Jun 2023 · 1 min read मतवाला प्यास ना मेरी बुझेगी इससे दूर हटा लो अपना प्याला खुशियों का मधु तुम्हें मुबारक हम तो पीते दर्द की हाला इस दुनिया में नहीं दोस्तों मिलता सबको हंसने का... Poetry Writing Challenge 2 272 Share Deepesh Dwivedi 22 May 2023 · 1 min read नयन संवाद नयनो से वार्ता की नई रीति हो गई अंतर में सूक्ष्म भावों की अनुभूति हो गई जीवन में राम आए तो आराम हो गया स्नेह जब उदित हुआ तो प्रीति... Poetry Writing Challenge 1 79 Share Deepesh Dwivedi 17 May 2023 · 1 min read चिर मिलन बांसुरी बजे उठी तुमने क्या गा दिया मानो अमृत घटाओं ने बरसा दिया गुनगुनाते अधर मुस्कुराते नयन मन की वीणा को सहसा ही सरसा दिया जब उठाए नयन झांकियां सज... Poetry Writing Challenge 1 157 Share Deepesh Dwivedi 17 May 2023 · 1 min read प्रसव जब सतरंगी सपना कोई अक्सर मन को छल जाता है जब शहनाई के मधुर स्वरों में कोई मुझे बुलाता है जब दर्द पराया अपना बंद अंतर्मन को मथ देता है... Poetry Writing Challenge 1 128 Share Deepesh Dwivedi 17 May 2023 · 1 min read सिला खुशी की चाह में गम को गले लगाते रहे कोई दुश्मन ना रहा दोस्त यूं बनाते रहे अजब सिला 'चिराग' सादगी का हमको मिला वफा निभाते रहे हम, वो आजमाते... Poetry Writing Challenge 1 57 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read गजल 3 वो कहते हैं हम तो ख़ुदा हो गए हैं ख़ुदा जाने वो क्या से क्या हो गए हैं कदमबोसी करते नज़र आते थे जो वो लगता है अब आसमां हो... Poetry Writing Challenge 1 167 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read गजल दो मस्जिद से मयकशों को जो निकाल रहे हैं महफ़िल में वो ख़ुद ही शराब ढाल रहे हैं मुंसिफ़ का ओहदा भी वही चाहने लगे जो ज़ुर्म की ज़िंदा यहाँ मिसाल... Poetry Writing Challenge 1 109 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read वर्षगांठ अन्वी तुम आई जीवन मे तो मेरा शैशव लौट आया तेरी मीठी किलकारी से मेरा बचपन जागने लगा जो चलने को लाचार था तन वह द्रुत गति से भागने लगा... Poetry Writing Challenge 1 121 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read मां मां तुम होती तो जीवन के मरुथल में हरियाली होती शीश पे तेरा आंचल होता चाल मेरी मतवाली होती । तेरी ममता के प्रकाश से जीवन जगमग जगमग होता ।... Poetry Writing Challenge 1 73 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read बोलो वंदे मातरम बलिदानों का दुर्लभ अवसर कहीं न जाए बीत पहन बसंती चोला कवि अब गाओ क्रांति के गीत वंदे मातरम, बोलो, वंदे मातरम केसर की घाटी अपनी,पावन हिमशिखर हमारा स्वर्ण-रजत हिम... Poetry Writing Challenge 1 56 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read शुभाशीष खुश रहो यूँही सब की खुशी के लिए आने वाली हसीं जिंदगी के लिए सुबह की प्यारी सी रोशनी के लिए रात की मदमधुर चांदनी के लिए अपने माता-पिता की... Poetry Writing Challenge 1 98 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read छोटी बेटी छुटकी कितनी बड़ी हो गई अपने पैरों खड़ी हो गई । बेटी भी है बेटा भी है मां की परम सहेली है जब तब दादी मां बन जाती यह भी... Poetry Writing Challenge 1 80 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read अपना प्यारा कानपुर कानपुर कानपुर अपना प्यारा शहर मन में गंगा की उमंग तन में यमुना की लहर कानपुर -कानपुर अपना प्यारा शहर सृष्टि से पूर्व ब्रह्मा की तपस्थली देवयानी -ययाति की प्रेमस्थली... Poetry Writing Challenge 1 111 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read आत्मजा पुत्री तुमने गोद में आकर मुझको कितना बड़ा बनाया पहले तो मैं साधारण था तुमने ही तो पिता बनाया सारी खुशियां भर दी तुमने आखिर मेरी झोली में लेकिन मैं... Poetry Writing Challenge 1 104 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read कही अनकही वे शब्द जो मैंने कहे नहीं, वे गीत जो तुमने सुने नहीं तुम मन अधरों से छू देना सारे मुखरित हो जाएंगे कल को यह देह रही न रही पर... Poetry Writing Challenge 1 228 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read तुम मेरे प्राण मै जर्जर नौका का नाविक और तुम ही मेरा किनारा हो वह कौन अभागा होगा जो सचमुच न हुआ तुम्हारा हो कृशकाय हुआ है तन तो क्या काया तो नश्वर... Poetry Writing Challenge 1 148 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read प्रेम प्राण तुमने हमको ऐसे देखा बस परिवर्तन हो गया मेरा पतझड़ सावन होगया मेरा,रोदन गायन हो गया मेरा जब नयन मिले फले पहले-पहले मन मे कुछ-कुछ अनुभूति हुई जग समझा हमको... Poetry Writing Challenge 1 147 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read सहधर्मिणी तुम यदि जीवन मे न मिलते अश्रु दृगों से कभी न ढलते हाँ तुमने मुस्कान मुझे दी लेकिन रोना भी सिखलाया मैं तो कभी न हुआ किसी का सबका होना... Poetry Writing Challenge 1 231 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read विडंबना क्यों कविता पर पहरे लगते?क्यों गीत को कारावास मिले? क्यों सियाराम सतचिदानंद को अनचाहा बनवास मिले? यह यक्षप्रश्न सा मचल रहा है मन के मानसरोवर में, क्यों हंसों को कालापानी... Poetry Writing Challenge 1 203 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read गजल एक चाँद फ़िर बढ़ते-बढ़ते घट गया है सफ़र भी मुख्त्सर था कट गया है दरोदीवार क्यों सूने हैं दिल के कोई साया यहाँ से हट गया है जिसे छोड़ आए थे... Poetry Writing Challenge 1 202 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read आकाश पढ़ा करते हैं बीती घटनाओं का इतिहास पढ़ा करते हैं आजकल रोज़ हम आकाश पढ़ा करते हैं ज़िंदगी दर्द है या दर्द का परिणाम है ये व्यक्ति है आत्मा या देह का ही... Poetry Writing Challenge 2 99 Share Deepesh Dwivedi 16 May 2023 · 1 min read मुक्ति कैसे पाऊँ मन भटकता किस तरह समझाऊँ मैं? माँ!तुम्हारे द्वार कैसे आऊँ मैं? भक्ति है न ज्ञान है न साधना फिर भी करना चाहता आराधना मन को यह संसार चाहे बाँधना बंधनों... Poetry Writing Challenge 1 99 Share Deepesh Dwivedi 15 May 2023 · 1 min read चलाचली यह भी व्यतीत हो जाएंगे ज्यों वे स्वर्णिम क्षण बीत गए सतचिन्मय दिव्य अनुदान मिले अमृतमय सब वरदान मिले परिपूरित शुभ आशीषों से ज्योतिर्मय निशा-विहान मिले कैसे मानूँ घनघोर तिमिर... Poetry Writing Challenge 1 99 Share Deepesh Dwivedi 21 Jun 2020 · 1 min read हे पिता तुम पुरुष हो तुम पिता हो अपने बच्चों के पिता हो तुम स्वयं के भी पिता हो तुम पिता के भी पिता हो तुम हिमालय के शिखर हो क्षितिज का... Hindi · कविता 2 1 344 Share Deepesh Dwivedi 1 Aug 2019 · 1 min read आत्मज उदित के जन्मदिवस पर हवा संदली तुमको लोरी सुनाए सुबह गुनगुनी कान में गुनगुनाए हों सुमनों से सज्जित तुम्हारी फिजाएं सदा खुश रहो हैं हमारी दुआएं सितारे हो झिलमिल तुम्हारी निशा मे चिरागों की... Hindi · कविता 1 485 Share Deepesh Dwivedi 6 Feb 2019 · 1 min read सहधर्मिणी तुम यदि जीवन मे न मिलते अश्रु दृगों से कभी न ढलते हाँ तुमने मुस्कान मुझे दी लेकिन रोना भी सिखलाया मैं तो कभी न हुआ किसी का सबका होना... Hindi · कविता 1 349 Share Deepesh Dwivedi 2 Feb 2017 · 1 min read मुक्ति कैसे पाऊँ मैं? मन भटकता किस तरह समझाऊँ मैं? माँ!तुम्हारे द्वार कैसे आऊँ मैं? भक्ति है न ज्ञान है न साधना फिर भी करना चाहता आराधना मन को यह संसार चाहे बाँधना बंधनों... Hindi · कविता 2 1 502 Share Deepesh Dwivedi 3 Nov 2016 · 1 min read बोलो वंदे मातरम बलिदानों का दुर्लभ अवसर कहीं न जाए बीत पहन बसंती चोला कवि अब गाओ क्रांति के गीत वंदे मातरम, बोलो, वंदे मातरम केसर की घाटी अपनी,पावन हिमशिखर हमारा स्वर्ण-रजत हिम... Hindi · गीत 2 516 Share Deepesh Dwivedi 19 Sep 2016 · 1 min read चलाचली यह भी व्यतीत हो जाएंगे ज्यों वे स्वर्णिम क्षण बीत गए सतचिन्मय दिव्य अनुदान मिले अमृतमय सब वरदान मिले परिपूरित शुभ आशीषों से ज्योतिर्मय निशा-विहान मिले कैसे मानूँ घनघोर तिमिर... Hindi · गीत 1 561 Share Deepesh Dwivedi 15 Sep 2016 · 1 min read पाल रहे हैं मस्जिद से मयकशों को जो निकाल रहे हैं महफ़िल में वो ख़ुद ही शराब ढाल रहे हैं मुंसिफ़ का ओहदा भी वही चाहने लगे जो ज़ुर्म की ज़िंदा यहाँ मिसाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 542 Share Deepesh Dwivedi 15 Sep 2016 · 1 min read आकाश पढ़ा करते हैं बीती घटनाओं का इतिहास पढ़ा करते हैं आजकल रोज़ हम आकाश पढ़ा करते हैं ज़िंदगी दर्द है या दर्द का परिणाम है ये व्यक्ति है आत्मा या देह का ही... Hindi · गीत 1 568 Share Deepesh Dwivedi 14 Sep 2016 · 1 min read इश्क़ का फलसफ़ा मुहब्बत तो इबादत है तिजारत इसको मत कहिए ये जज़बाती हक़ीक़त है ज़रूरत इसको मत कहिए 'चिराग़'इस दिल के काग़ज़ पर लिखे हैं आंसुओं से जो ये हैं जज़्बात रूहानी... Hindi · मुक्तक 1 572 Share Deepesh Dwivedi 12 Sep 2016 · 1 min read हमारी हिंदी नानक कबीर सूर तुलसी बिहारी मीरा जायसी रहीम रसखान की ये भाषा है राजकाज सकल समाज की ये वाणी और भारत के ज्ञान-विज्ञान की ये भाषा है क्यों न परभाषा... Hindi · मुक्तक 1 593 Share Deepesh Dwivedi 9 Sep 2016 · 1 min read चाँद फिर चाँद फ़िर बढ़ते-बढ़ते घट गया है सफ़र भी मुख्त्सर था कट गया है दरोदीवार क्यों सूने हैं दिल के कोई साया यहाँ से हट गया है जिसे छोड़ आए थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 570 Share Deepesh Dwivedi 24 Aug 2016 · 1 min read वर्षगांठ अन्वेषा की अन्वी तुम आई जीवन मे तो मेरा शैशव लौट आया तेरी मीठी किलकारी से मेरा बचपन जागने लगा जो चलने को लाचार था तन वह द्रुत गति से भागने लगा... Hindi · गीत 1 588 Share Deepesh Dwivedi 11 Aug 2016 · 1 min read विडंबना क्यों कविता पर पहरे लगते?क्यों गीत को कारावास मिले? क्यों सियाराम सतचिदानंद को अनचाहा बनवास मिले? यह यक्षप्रश्न सा मचल रहा है मन के मानसरोवर में, क्यों हंसों को कालापानी... Hindi · मुक्तक 1 728 Share Deepesh Dwivedi 5 Aug 2016 · 1 min read मन वृंदावन हो गया मेरा तुमने हमको ऐसे देखा बस परिवर्तन हो गया मेरा पतझड़ सावन होगया मेरा,रोदन गायन हो गया मेरा जब नयन मिले फले पहले-पहले मन मे कुछ-कुछ अनुभूति हुई जग समझा हमको... Hindi · कविता 1 798 Share Deepesh Dwivedi 3 Aug 2016 · 1 min read ग़ज़ल वो कहते हैं हम तो ख़ुदा हो गए हैं ख़ुदा जाने वो क्या से क्या हो गए हैं कदमबोसी करते नज़र आते थे जो वो लगता है अब आसमां हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 439 Share Deepesh Dwivedi 1 Aug 2016 · 1 min read आसरा जिंदगी के हर ज़हर को मय समझकर पी गया, दर्द जब हद से बढ़ा तो होंठ अपने सी गया, मौत कितनी बार मेरे पास आई ऐ"चिराग़", इक तेरे दीदार की... Hindi · मुक्तक 1 350 Share Previous Page 2 Next