Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2024 · 1 min read

भाव गान

चांदनी रात में चुप खड़े थे शजर
उनके साए में हम गीत गाने लगे
रात मुस्काई और चांद हंसने लगा
और सितारे भी सब गुनगुनाने लगे

दोनों के हाथ, दिल और गले थे मिले
दूर दुनिया से तन्हाई में थे खिले
भाव शून्य हो चले पग थिरकने लगे
धड़कनों से ही मन की सुनाने लगे

दूर जीवन की हर परेशानी हुई
खत्म जैसे दुखों की कहानी हुई
देह और आत्मा दोनों हर्षित हुए
हम किसी और दुनिया में जाने लगे

Language: Hindi
1 Like · 55 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
Deepesh purohit
क्रोध को नियंत्रित कर अगर उसे सही दिशा दे दिया जाय तो असंभव
क्रोध को नियंत्रित कर अगर उसे सही दिशा दे दिया जाय तो असंभव
Paras Nath Jha
नाक पर दोहे
नाक पर दोहे
Subhash Singhai
माना जीवन लघु बहुत,
माना जीवन लघु बहुत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कविता -दो जून
कविता -दो जून
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
Neelam Sharma
अमेठी के दंगल में शायद ऐन वक्त पर फटेगा पोस्टर और निकलेगा
अमेठी के दंगल में शायद ऐन वक्त पर फटेगा पोस्टर और निकलेगा "ज़
*Author प्रणय प्रभात*
आदि शंकराचार्य
आदि शंकराचार्य
Shekhar Chandra Mitra
3186.*पूर्णिका*
3186.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
बेजुबानों से प्रेम
बेजुबानों से प्रेम
Sonam Puneet Dubey
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
*कभी नहीं पशुओं को मारो (बाल कविता)*
*कभी नहीं पशुओं को मारो (बाल कविता)*
Ravi Prakash
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
Mamta Singh Devaa
माँ आज भी जिंदा हैं
माँ आज भी जिंदा हैं
Er.Navaneet R Shandily
वाराणसी की गलियां
वाराणसी की गलियां
PRATIK JANGID
लिया समय ने करवट
लिया समय ने करवट
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नया साल
नया साल
Dr fauzia Naseem shad
༺♥✧
༺♥✧
Satyaveer vaishnav
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
मगर अब मैं शब्दों को निगलने लगा हूँ
मगर अब मैं शब्दों को निगलने लगा हूँ
VINOD CHAUHAN
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
लक्ष्मी सिंह
बच्चे का संदेश
बच्चे का संदेश
Anjali Choubey
आसमान में बादल छाए
आसमान में बादल छाए
Neeraj Agarwal
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
Manisha Manjari
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
Surinder blackpen
Loading...