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24 Aug 2016 · 1 min read

वर्षगांठ अन्वेषा की

अन्वी तुम आई जीवन मे तो मेरा शैशव लौट आया

तेरी मीठी किलकारी से मेरा बचपन जागने लगा
जो चलने को लाचार था तन वह द्रुत गति से भागने लगा
तुम मुसकाईं तो हृदय खिला जीवन वासंती गीत हुआ
सब रोग शोक भी दूर हुए मैं कितने वर्षो बाद हँसा

उल्लास हो,मेरी पुलकन हो,नानी-नाना की धड़कन हो
है मेरा शुभाशीष यही चिर मधुरिम तेरा जीवन हो
प्रभु मेरे सारे वांछित सुख अन्वेषा को वरदान मिलें
इसको दैवी अनुदान मिलें,भगवतगीता का गान मिले

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 560 Views
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