Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 1 min read

मां

मां तुम होती तो जीवन के मरुथल में हरियाली होती

शीश पे तेरा आंचल होता चाल मेरी मतवाली होती ।

तेरी ममता के प्रकाश से जीवन जगमग जगमग होता ।

दिवस ना यूं बेरंगा होता रात न इतनी काली होती।।

# मंगलमय मातृ दिवस।सर्वतीर्थमयी माता

Language: Hindi
1 Like · 52 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
असली नकली
असली नकली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
Er. Sanjay Shrivastava
गजल
गजल
Punam Pande
मुकाम
मुकाम
Swami Ganganiya
विश्व कप
विश्व कप
Pratibha Pandey
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*धन्य-धन्य वे जिनका जीवन सत्संगों में बीता (मुक्तक)*
*धन्य-धन्य वे जिनका जीवन सत्संगों में बीता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बिडम्बना
बिडम्बना
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दोहा-विद्यालय
दोहा-विद्यालय
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
Phool gufran
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
बहें हैं स्वप्न आँखों से अनेकों
बहें हैं स्वप्न आँखों से अनेकों
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मेरी पायल की वो प्यारी सी तुम झंकार जैसे हो,
मेरी पायल की वो प्यारी सी तुम झंकार जैसे हो,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
आह और वाह
आह और वाह
ओनिका सेतिया 'अनु '
3435⚘ *पूर्णिका* ⚘
3435⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
प्रकट भये दीन दयाला
प्रकट भये दीन दयाला
Bodhisatva kastooriya
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
Rj Anand Prajapati
क़लम, आंसू, और मेरी रुह
क़लम, आंसू, और मेरी रुह
The_dk_poetry
कब तक बचोगी तुम
कब तक बचोगी तुम
Basant Bhagawan Roy
"सुने जो दिल की कहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
■ अब भी समय है।।
■ अब भी समय है।।
*Author प्रणय प्रभात*
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
Shashi kala vyas
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
Neeraj Agarwal
When you think it's worst
When you think it's worst
Ankita Patel
रोगों से है यदि  मानव तुमको बचना।
रोगों से है यदि मानव तुमको बचना।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
जीवन संवाद
जीवन संवाद
Shyam Sundar Subramanian
Extra people
Extra people
पूर्वार्थ
Loading...