पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" Tag: कविता 124 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 May 2024 · 1 min read सरपरस्त क्यों ताक-झांक कर रहे पड़ोसी, इसका मुझको पता नहीं। कब-कब पकी घर मेरे खिचड़ी, इसका मुझको पता नहीं।। हम क्या कहते और क्या सहते हैं, बात नहीं यह अपनें जानें।... Hindi · Humour · Memoir · Poem · कविता · ग़ज़ल 2 85 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 10 Apr 2024 · 2 min read मतदान करो और देश गढ़ों! राष्ट्र हेतु बन राष्ट्र हितैषी, हर एक फ़र्ज़ निभाना। कर मतदान तू अपने मन से, राष्ट्रप्रेम दिखलाना।। हैं अधिकार मिले जो साथी, इसे नही ठुकराना। अपना मत देने हेतु तुम,... Hindi · कविता · गीत 1 75 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 21 Jan 2024 · 2 min read कैसा कोलाहल यह जारी है....? कोलाहल-कोलाहल कैसा? कोलाहल यह जारी है....। राम आएंगे कब कहाँ से कैसे, उनके आने की तैयारी है।। अरे राम गए थे कहाँ जहां से, वापसी की लाचारी है।। घट-घट वासी... Hindi · कविता 2 153 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 25 Dec 2023 · 1 min read सो कॉल्ड अन्तराष्ट्रीय कवि ! मैं यूँ तो खुद को, कवि नहीं कहता, बस तुकबंदी वाले, खाँकें बनाता हूँ। मेहनत कर शब्दों को, जोड़ तोड़, अनकहे भावों के, गीत सुनाता हूँ।। भूली बिसरी, कुछ एक... Hindi · कविता 1 85 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 11 Dec 2023 · 2 min read हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... ! हिन्द के सैनिक प्यारे वतन के, निर्भीक पहरेदार हम। हैं जुझारू मुश्किलों वाली, करें चुनौती स्वीकार हम।। कठिनाई के आग पका, लिए कंचन काया धार हम। मातृभूमि की रक्षा खातिर,... Hindi · कविता 1 246 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Dec 2023 · 2 min read सैनिक के संग पूत भी हूँ ! हूँ परिवार का कर्ता-धर्ता, घरबार का बोझ उठाऊँगा। सैनिक के संग पूत भी हूँ, सो पुत्र का धर्म निभाऊँगा।। रूठें बगियाँ या छूटे अंगना, हर रिश्ते पर महकाऊँगा। मिलने वाली... Hindi · कविता 5 4 1k Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Dec 2023 · 1 min read विषय सूची अंदाज -ए- बयाँ व शान -ए- सुखन, भर-भर झोली ले आयें। हम कवि संग शेरो-शायरी कि, मदमस्त सी टोली ले आयें।। कुछ मुक्तक कुछ छड़िकाएँ, कुछ हास्य-व्यंग्य के छीटे हैं।... Hindi · कविता · गीत 1 262 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 20 Oct 2023 · 2 min read एक सलाह, नेक सलाह बेवजह परेशान हैं जो वो, खुद को पत्नी पीड़ित कहते हैं। जो खुद जीना चाहते पर, अपनी पत्नी संग नही जीते है।। वो खुल कर कह पाते नही, कि तू... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 1 159 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 18 Sep 2023 · 1 min read रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।। रात स्वप्न का खुला झरोखा, भरा कौतुहल अजब अनोखा। कथनी और करनी में अंतर, जीवन भर का लेखा जोखा।। देख देख कर हम पछताये। न स्वप्न हमारा सच हो जाये।।... Hindi · कविता 2 293 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 5 Sep 2023 · 1 min read चंद्रयान-थ्री बचपन मे माँ कहती थी कि, यह चंदा मेरे मामा है। सोचा करता था मैं तब घर, कैसे इनके जाना है।। वहाँ सुनहली बालों वाली, नानी बैठी चरखा लेकर। लाड़... Hindi · कविता 1 191 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 21 Jan 2023 · 1 min read निशान एक ही रहे... (पंचामर छंद) संयोजन :- जगण_ रगण_ जगण_ रगण_ जगण_ गुरु गणावली -: 121_ 212_ 121_ 212_ 121_ 2 निशान एक ही रहे त्रि रंग संविधान में। सचक्र है सहेजते व देख आसमान... Hindi · कविता 312 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 21 Jan 2023 · 1 min read गुरु वंदना (अरसात सवैया) संयोजन -: भगण भगण भगण भगण भगण भगण भगण मगण। 7 भगण, 1 मगण, कुल -: 24 वर्ण! गणावली -: 211- 211- 211- 211- 211- 211- 211- 222। साधक हूँ... Hindi · कविता 159 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 2 Jan 2023 · 2 min read एक होशियार पति! वाह! क्या कमाल कि आज भोजन बनाई है। लगता है बेगम मेरा प्यार से, कत्ल करने आयी है।। आई लव यू, बस इन सब में नमक थोड़ा ज्यादा है। लगता... Hindi · कविता · हास्य 2 267 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 2 Jan 2023 · 2 min read हम स्वान नहीं इंसान हैं! वफ़ादारी की उपमा हो क्या? इसका होता कैसे सम्मान हैं। क्योंकि हम स्वान नहीं इंसान हैं।। आपदाओं विपदाओं से हम नहीं घबराते हैं, सेवा परमों धर्म जान अपना फर्ज निभाते... Hindi · कविता 2 2 181 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 2 Jan 2023 · 1 min read सिर्फ टी डी एस काट के! वह आईना ली थी बदल, कमजर्फ बरबस छाँट के। फिर भी रही बिगड़ी शकल, सिर्फ टी डी एस काट के।। चैन लूट गया सूद बन, दिखे मूल बहते आँसुओं में।... Hindi · कविता 1 173 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 2 Jan 2023 · 1 min read कबले विहान होखता! निमाव डिबरी हई सगरो, कालिख निशान छोड़ता। खोल खिड़की देख धनिया, कबले विहान होखता।। झींगुर अउर सियार क कबले, उत्पात खतम होई। लूटमार करत चोरवन क कब, जमात खतम होई।।... Bhojpuri · कविता 1 375 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 21 Oct 2022 · 1 min read कैसा अलबेला इंसान हूँ मैं! माना घर का था मैं निगोड़ा वो माना बीबी से मुहँ मोड़ा बेच चाय सी सपने सबको मत पूछो कहाँ किसे मरोड़ा उन्नीस से न यूँ ही बीस बड़ा अब... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 1 190 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 18 Sep 2022 · 2 min read वतन की बात आओ जरा बैठो तो सही, थोड़ी देर बतियाते हैं। तुम करो मन की बात, हम करें वतन की बात।। मिल जुल कर आओ सारे, उलझन सुलझाते हैं। आओ जरा बैठो... Hindi · कविता 5 2 357 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 13 Jul 2022 · 1 min read नव भारत न डरना है न सहना है, हमें नव भारत फिर से गढ़ना है। सब्र की बाँध है टूट गयी, अब तो हालातो से लड़ना है।। शान्ति के चक्कर मे हम,... Hindi · कविता 5 2 318 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 17 Jun 2022 · 1 min read अग्निवीर देशभक्ति का प्रमाण इन्हें, ऐसा अनचाहा परिवार न दो। अग्निवीर के नाम लुभावने, निहित वर्ष यह चार न दो।। दिल्ली बैठी खिल्ली उड़ाने, हर जवान के चाहत पर। राहत खातिर... Hindi · कविता 3 457 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 8 May 2022 · 1 min read हमारे पापा मेरी ताकत, मेरी शोहरत, मेरी शान हमारे पापा। मेरा जीवन, मेरा अर्पण, मेरी जान हमारे पापा।। सबसे पहले दुनियां का, जिसने ज्ञान दिलाया है। नतमस्तक मै उनके आगे, मेरी पहचान... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 6 422 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 12 Mar 2022 · 1 min read जंगल मे मतदान शहर की बदलती आबोहवा, जब जा पहुँची जंगल मे। देख भविष्य होता सफल, कई जीव उतर गए दंगल में।। गैंडे ने ले लिया था ज़िम्मा, मतदान सफल कराने की। और... Hindi · कविता 1 597 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 9 Mar 2022 · 1 min read तुम आना इस तरह तुम आना इस तरह से कि, मुझे मेरे होने का एहसास रहे। मेरे सपनों की तपती धरा पर, तेरी शीतलता का आभास रहे।। बहुत भुलाया खुद को मैंने, कितने दिशाहीन... Hindi · कविता 1 195 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 9 Mar 2022 · 1 min read सपनों के आगे कल्पना की उड़ान दृढ़ संकल्पित जन के राह में, बाधा कोई न जन पाए। अवरोधों को पार करे वही, लक्ष्य भेदने जो तन जाए।। तन दुर्बल तज हीन भावना, कायरता की छोड़ निशानी।... Hindi · कविता 1 188 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Mar 2022 · 1 min read मतदान किया ! आज मिला है मौका तो निज, अधिकारों का आह्वान किया। मतदान किया मतदान किया, मैंने स्वेक्षा से मतदान किया।। हाँ मैं जनता हूँ, मैं चुनता हूँ, न व्यर्थ किसी की... Hindi · कविता 1 231 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 5 Mar 2022 · 2 min read मैरी कॉम कभी राम सुना कभी श्याम सुना, कभी कोई बड़ा सा नाम सुना। पर छाती गर्व से फूल उठी तब, जब भारत की बेटी है मैरी कॉम सुना।। अपनी कमी छुपाने... Hindi · कविता 1 2 364 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2022 · 1 min read ठान लूं जो न आंक मुझे कम तर कम कर, जो चाहूं मैं वो कर जाऊं। नही आदम जात की हवा लगी, जो जात पात में बंट जाऊं।। माना कि मैं छोटी हूँ... Hindi · कविता 1 222 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 18 Feb 2022 · 1 min read श्राप वैसे तो यह कविता भारतीय सेना की एक सत्य घटना पर आधारित है, परन्तु मैं यहाँ किसी व्यक्ति विशेष या उससे सम्बन्धित किसी स्थान का नाम नही लिखूंगा क्योंकि प्रस्तुत... Hindi · कविता 1 221 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 30 Dec 2021 · 1 min read वर्दी आशिष माँ भारती का, कवच से कम इसकी हस्ती नही। दे मोल कोई खरीद ले, यह मिलती इतनी भी सस्ती नही।। चाहते भरति सरफ़रोशी की, जो बलिदानिया रचती रही। अजी... Hindi · कविता 1 382 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 27 May 2021 · 1 min read बरसात पहली बरसात और इन, बूँदों की फ़रमाहिशें। कर रही कुछ ख्वाहिशें, हम सबसे ये बारिशें।। ये बादलों की साज़िशें, ये मस्तियां बरसात की। रह गयी अधूरी चाहते, दिल मे उठे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 5 645 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read अग्निपरीक्षा आस करी थी प्यार की पर, वह विश्वास भी भली रही! हर युग, हर काल में केवल, क्यों ये नारी ही छली गयी!! मर्यादा की मर्यादित संगनी, अग्निपरीक्षा में जली... Hindi · कविता 2 2 253 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read हिंदी अपनी पहचान रहे सूट बूट टाई बेल्ट लगा, गिट पिट गिट पिट बोलने वाले। क्या जाने पगड़ी की मर्यादा, सबको धन से तोलने वाले।। सब भाषा थी एक समान पर, अंग्रेजी को दर्जा... Hindi · कविता 1 487 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read मैं फौजी सह हूँ एक कवि मैं फौजी सह हूँ एक कवि जो सही गलत सब कह जाता हूँ सच को सच कहने से न डरता बस बातें गलत न सह पाता हूँ मैं कविताओ में... Hindi · कविता 1 267 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read चुम्बन के वादे "वेलेंटाइन डे" और "किस डे" रूपी वासना के "साप्ताहिक उत्सव" के विरुद्ध "एक रचना" वो गुलाबी शबाबी संग चुम्बन के वादे, है केवल आशनाई इसे प्रीत कहते नहीं। आशिकी के... Hindi · कविता 2 1 312 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read आज एक मुसाफिर, गांव चला। धूमिल धूसरित, धूल उड़ाता। कुछ धुंधली, तस्वीर बनाता।। कुछ बिखरी बिछड़ी यादों के। मधुर उमंगे, दिल मे सजाता।। मन छोड़ शहर की, ताव चला। आज एक मुसाफिर, गांव चला।। जब... Hindi · कविता 1 250 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read गर्मा गर्म चरचे राजनीति के गर्मा गर्म चरचे कौन जमाया कौन है खरचे ईसकी धोती उसकी लँगोटी धोते अंधभक्त व बहरे चमचे खुद की न धोये औरो को तोले अपनी छुपा बस दूजे... Hindi · कविता 1 336 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 2 min read हिंग्लिश में कविता इंग्लिश वींग्लीश के चक्कर में, मोर बहुते दिमाग झन्नाईल बा। लिखले रहली हिंदी में कविता, ऊ हिंग्लिश में छपाईल बा।। बन तू तू मैं मैं यु एंड आई, जब आप... Hindi · कविता 1 256 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 20 Feb 2021 · 2 min read पुलवामा शहादत करना माफ तू मुझको प्रिये, मैं वादा पूरा कर न सका। प्रेम दिवस पर आ कर, तुझको अंको में भर न सका।। निकला तो था आने को पर, कुछ पिल्लों... Hindi · कविता 1 6 333 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 1 Feb 2021 · 1 min read कुछ ख़त मोहब्बत के कुछ ख़त मोहब्बत के, जब मिले किताबों में। दिल ढूँढने बैठ गया, तुम्हे उन्ही लिफाफों में। धड़कन की हलचल भी, चल दिये शिताबो में।। कुछ ख़त मोहब्बत के, जब मिले... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 20 115 935 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 15 Dec 2020 · 1 min read बैरी कोरोना! कितनो के घर बिखर गये, जाने कितने अपनो से दूर हुए। इस बैरी कोरोना के खातिर, हम सब कितने मजबूर हुए।। बन्द हुआ कहीं आना जाना, कहीं पक्का रिश्ता टूट... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 26 97 924 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 11 Dec 2020 · 1 min read मरने का मन करता है! समझ में आता नही मुझे, उसकी बेरुखी का कारण। अब ये गलती है किसकी, यह अक्सर मुझे अखरता है।। पहले खीज कर देखती थी, तो जान सूख जाती थी। अब... Hindi · कविता 3 4 540 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 27 Nov 2020 · 1 min read दुनियादारी जबतक चोर गए न पकड़े, तबतक सजी साहूकारों सी मंडी। दिल कहता अब छोड़ बावरे, दुनियादारी हुई पाखंडी।। चुन के लाये जो गाय सरीखी, निकली है वह भी मरखण्डी। दिल... Hindi · कविता 1 2 355 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 13 Nov 2020 · 1 min read आखरी पाती आज सिर्फ उनके लिए ही, यह गीत लिखूँगा, आखरी पाती में भी उनको, मनमीत लिखूँगा। जिनके फैसलो का मैं, मान रखता रहा सदा, उस फैसलो से हुई हार को भी,... Hindi · कविता 2 4 486 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 11 Oct 2020 · 1 min read ज़िन्दगी ज़िन्दगी गर तुम हमकदम, होती तो क्या बात थी। मेंरे ख़यालो कि बन सनम, होती तो क्या बात थी।। ना क़दर बन कर भी तुम, चाहती मुझको हमेशा। बेक़दर सी... Hindi · कविता 2 2 280 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Aug 2020 · 1 min read करने संधान उठो! हे आर्यसुत चेत जरा लो अब संज्ञान उठो, हो तुम राम के वंशज कर यह ध्यान उठो। रहे एक हाथ शास्त्र तो हो दूजे हाथ शस्त्र, कि रिपु भ्रष्ट जनों... Hindi · कविता 4 4 325 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Jun 2020 · 2 min read कभी हम पर भी ! कभी हम पर भी थी चढ़ी आशिकी, खूब जवानी आयी थी। एक खास मोहिनी सूरत वाली, हमको भी कभी भायी थी।। नुक्कड़ वाला चाय का टपड़ा, जहाँ अड्डा अपना भारी... Hindi · कविता 3 2 501 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 18 Jun 2020 · 2 min read तुझमे है कितना गरल शेष अब कायरता का पाठ पढ़ा कर, जन जनता में न भरो क्लेश। अरे क्षमा करने वाले भुजंग कह, तुझमे है कितना गरल शेष।। माना युद्ध नही है अंतिम द्योतन, यह... Hindi · कविता 3 2 455 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 8 Jun 2020 · 1 min read एक पाती प्रिये ! तुम्हारी हसरतों का पैगाम, इन हवाओं से कल ही मिला। नाराज़ हो तुम उस पर लिखा था, ऐसे कब तलक रह पाओगी।। देखना चाहती हो मेरी झलक, तो... Hindi · कविता 4 427 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 23 May 2020 · 1 min read सुख के साथी! सुख की चाशनी दूर तलक, रहती खुशबू महकाये। सुख के साथी भवरें से, देख बिपद को टर जाये।। कौन मोल ले जोर झमेले, हानी लाभः जो तकते हों। बिना लोभ... Hindi · कविता 1 322 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 20 Mar 2020 · 1 min read संकल्प ले हम.......! संकल्प ले हम....... सजगता और सतर्कता का बेवजह न हम बाहर जाये हर जरूरी काम को अब घर मे रहकर ही निपटाये संकल्प ले हम....... 60 से 65 के बुजुर्गों... Hindi · कविता 1 549 Share Page 1 Next