Comments (6)
25 May 2022 06:35 AM
बहुत सुन्दर कविता
18 May 2022 08:28 AM
बहुत ही अच्छा लिखा है।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे।
16 May 2022 11:28 PM
बहुत ही सुंदर कविता परम आदरणीय।सादर प्रणाम स्वीकार करें। मेरी भी कविता”वो कोई और नहीं पिता है”और”पिता रूप एक, स्वरूप अनेक”को भी अनुग्रहित करें और अपना आशीर्वाद दें
12 May 2022 04:02 PM
Bahut hi khoob Sir, pls aapka wtsapp number
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Author
10 May 2022 06:38 AM
सभी पाठक/ पठिकाओं को मेरा यथोचित स्नेहिल नमस्कार, प्रणाम व सादर चरणस्पर्श ।।
चिंता में भी निचिंत से, खुद को दिखलाते हमारे पापा।।बहुत ही सुंदर रचना।