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9 Mar 2022 · 1 min read

तुम आना इस तरह

तुम आना इस तरह से कि, मुझे मेरे होने का एहसास रहे।
मेरे सपनों की तपती धरा पर, तेरी शीतलता का आभास रहे।।
बहुत भुलाया खुद को मैंने, कितने दिशाहीन से राह पकड़।
अब और न भ्रम पलने देना, मुझे केवल तुझ पर विश्वास रहे।।

तुम आना इस तरह से कि, हम दोनों सदा निष्पाप रहें।
न दूर रहें न ही पास रहें, न हृदय में कुछ अनुताप रहे।।
तुम मुझे पढ़ो बारीकी से, मैं तुम्हे जान लू ठीक ठीक।
हम दोनो को एक दूजे का, होने का न कोई संताप रहे।।

©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित ०९/०३/२०२२)

Language: Hindi
1 Like · 173 Views
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