VINOD CHAUHAN 501 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next VINOD CHAUHAN 8 May 2024 · 1 min read लिखा है किसी ने यह सच्च ही लिखा है लिखा है किसी ने यह सच ही लिखा है किसी की खुशी कोई कब देखा है यहाँ देते हैं गम मोहब्बत के बदले या इल्ज़ाम देंगे शराफत के बदले दिल... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 2 111 Share VINOD CHAUHAN 8 May 2024 · 1 min read मेरे कफन को रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी लगने दे इस दिल में चाहे आग मेरी जिंदगी मेरे कफन को तूँ रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी जिंदगी में अब रहा है क्या सुनाने के लिए मौत भी आ... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 2 97 Share VINOD CHAUHAN 8 May 2024 · 1 min read सुनसान कब्रिस्तान को आकर जगाया आपने सुनसान कब्रिस्तान को आकर जगाया आपने मेरी कब्र के सामने पर्दा उठाया आपने कहती हो पर्दा उठ गया दीदार कर लूँ मैं आवाज देकर अब मुझे क्यों बुलाया आपने लो... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 2 137 Share VINOD CHAUHAN 8 May 2024 · 1 min read छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते तूं नहीं जाम हैं अब मेरे वास्ते छोड़ो टूटा भ्रम.......... तुझको खुशियाँ मिले ये दुआ है मेरी रह गए हैं सनम गम मेरे वास्ते... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 2 122 Share VINOD CHAUHAN 8 May 2024 · 1 min read लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत हो गए बदनाम तो गम हमें होगा बहुत कश्ती हमारे प्यार की लहर उठे तो गम नहीं आ गया तूफान तो गम... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 2 96 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2024 · 1 min read एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे जिंदगी की हार है आज भी दिल में मेरे मुझसे पुछोगे अगर तो मैं कहूँगा बस यही खुद से गिले... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 2 139 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2024 · 1 min read क्यों बदल जाते हैं लोग संग चलके दो कदम क्यों बदल जाते हैं लोग इस तरह विश्वास को क्यों कुचल जाते हैं लोग इस जहां में लोग अपनों पर करें कैसे यकीन अपने ही तो... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 164 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2024 · 1 min read गज़ल क्या लिखूँ मैं तराना नहीं है गजल क्या लिखूं मैं तराना नहीं है मेरी जिंदगी का फसाना यही है मुझे चलते-चलते था रोका किसी ने मगर आज तो वो जमाना नहीं है पनाह दी है मैंने... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 114 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2024 · 1 min read डूबता सुरज हूँ मैं डूबता सुरज हूँ मैं या टूटा हुआ ख्वाब हूँ मैं बंद कमरे में अकेला जलता हुआ चिराग हूँ मैं महफिलों में हंसता रहा सांसों में बसता रहा लबलबाते जाम से... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 2 82 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2024 · 1 min read जीना सीखा दर्द दिल में हमने छुपाकर जीना सीखा खुद तो रोया सबको हंसाकर जीना सीखा एक बेहया से थी कभी मोहब्बत हमको हर खुशी उस पर लुटाकर जीना सीखा तोड़ दिया... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 101 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2024 · 1 min read फूल बेजुबान नहीं होते फूल कभी भी सुनो बेजुबां नहीं होते अरमां दिलों के इनके बयां नहीं होते छुपा लेते हैं ये ओश के रूप में आँसू सबको लगता है कि फूल नहीं रोते... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 2 98 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2024 · 1 min read गुजरे हुए लम्हात को का याद किजिए गुजरे हुए लम्हात को का याद किजिए जो साथ ना दे दो कदम क्या याद किजिए मिलती नहीं यह जिंदगी, इंसान को बार-बार इस जिंदगी को यूँ ही ना बर्बाद... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · गजल 1 109 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2024 · 1 min read गम हमें होगा बहुत लुट गए अरमान गर तो गम हमें होगा बहुत हो गए बदनाम यूँ तो गम हमे होगा बहुत कश्ती हमारे प्यार की लहर उठे तो गम नहीं आ गया तुफान... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 95 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2024 · 1 min read कभी चाँद को देखा तो कभी आपको देखा कभी चाँद को देखा तो कभी आपको देखा हम भूल गए खुद को जबसे आपको देखा कहती हैं दुनिया चाँदनी, तो है चाँद से होती हमको लगा बस झूठ ही,... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 105 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2024 · 1 min read यह शहर पत्थर दिलों का यह शहर पत्थर दिलों का है सभी बेनाम लोग इस शहर में रह रहे हैं अजनबी अंजाम लोग शीशे का दिल इस शहर में लेके आना है मना तोड़ देते... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · गजल 1 79 Share VINOD CHAUHAN 6 May 2024 · 1 min read कांटों से तकरार ना करना अन्जाने में कोई गुनाह हो जाए तो इन्कार ना करना फूलों की चाहत में लूटे हो काटों से तकरार ना करना रिमझिम रिमझिम बरसे बादल जब सावन का मौजम आए... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 80 Share VINOD CHAUHAN 6 May 2024 · 1 min read पानी की तस्वीर तो देखो अरे पानी तो पानी है लेकिन पानी की तस्वीर तो देखो कहीं बना झरना बहता है कहीं बना है सागर पानी बना कहीं पर ओश का मोती कहीं भाप बन... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान 2 88 Share VINOD CHAUHAN 6 May 2024 · 1 min read कोई जिंदगी में यूँ ही आता नहीं कोई जिन्दगी में यूँ ही आता नहीं आ जाए तो फिर निभाता नहीं दो दिन की बस होती है ये दोस्ती कोई उम्र भर ये निभाता नहीं खुद के लिए... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 72 Share VINOD CHAUHAN 6 May 2024 · 1 min read दोस्ती क्या है दोस्ती क्या है क्या तुम जानते हो कहते हो तुम दोस्त हूँ मैं तुम्हारा तुम्हारे लिए जान दे दूँ अपनी क्या जान देने को कहते है दोस्ती मैं पूछता हूँ... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 108 Share VINOD CHAUHAN 6 May 2024 · 1 min read मौसम सुहाना बनाया था जिसने सवेरे-सवेरे घर से निकल कर बाहर जो देखा बारिश की टिप-दिप,महक हवा की मौसम सुहाना बनाया था जिसने दिल को मेरे बहलाया था जिसने-- मौसम सुहाना पेड़ों का हिलना फ्तों... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 110 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read ये जिन्दगी तुम्हारी तितली सी उड़ान है या दूध सा उफ़ान है दो पल का तुफान है ये जिंदगी तुम्हारी....... बचपन सी उमंग है यौवन सी तरंग है बुढ़ापे सा भुजंग है ये... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 85 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read बख्श मुझको रहमत वो अंदाज मिल जाए पढ़े जो सभी शौंक से अल्फाज़ मिल जाए सुनें जो हर कोई गौर से आवाज मिल जाए आता नहीं मुझे यूँ रूठना, मनाना मेरे खुदा बख्श मुझको रहमत वो अंदाज़... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 76 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read गंगा से है प्रेमभाव गर गंगा से है प्रेमभाव गर अरे गंगा को मन में उतार लो शुद्ध कर्म अपनाकर सारे गंगा अपने मन में धार लो गंगा से है प्रेमभाव गर............... क्या होगा गंगा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 108 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read शराफत नहीं अच्छी शराफ़त नहीं ये अच्छी गुमनाम ही रहने दो लियाकत नहीं ये अच्छी गुमनाम ही रहने दो हर आदमी के दिल में लौ प्यार की जलती है मोहब्बत नहीं है अच्छी... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 81 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read इस पार मैं उस पार तूँ दो किनारे दरिया के हूँ इस पार मैं उस पार तूँ दोनों का बस एक हाल है हूँ बेकरार मैं बेकरार तूँ एक हवा का झौंका आया दे गया संदेशा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 84 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है सूना घर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है तुम भी हो अकेले और हम भी हैं अकेले ये तन्हाई का घेरा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 86 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read तोड़ डालो ये परम्परा तोड़ डालो ये परम्परा छोड़ दो भगवान को माँ, बेटी और बहन को हर घड़ी सम्मान दो माँ, बेटी और बहन को.......... है कहाँ भगवान,किसने देखा है भगवान को है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 92 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read मेरी फितरत ही बुरी है न नियत ही बुरी है मेरी न हसरत ही बुरी है पर लोग समझते हैं मेरी फितरत ही बुरी है पर लोग समझते हैं.......... मैं बोलता हूँ सच जो होता... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 100 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read मेरी फितरत तो देख मैं लड़खड़ा के यूँ चलता हूँ मेरी किस्मत ना देख मैं गिर-गिर के सम्भलता हूँ मेरी फितरत तो देख मैं गिर-गिर के सम्भलता हूँ....... जीवन के इन रास्तों में, डग-डग... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 75 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ न रह गया कहीं ख्वाब रह गए कहीं अरमान रह गया जिंदगी तेरे सफर में........... बचपन था खुशनुमा वो खुशियाँ बटोरते थे प्रवाह नहीं थी... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 91 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ कर्म ही बड़ा है इसीलिए,मैं बस काम जानता हूँ धर्म मजहब के नाम पर, सदाचार खो रहे हो जानते हो... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 108 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं अपने ही सवालों से बस मौन हूँ मैं बचपन से जवानी खयालों में गुजरी हर घड़ी देखो बस सवालों मैं गुजरी डूबा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 100 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read मैं भी साथ चला करता था मैं भी साथ चला करता था, अब मेरी मजबूरी देखो जिनके साथ रहा करता था, आज उन्हीं से दूरी देखो मैं भी साथ चला करता था............... जिनके काम किए हैं... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 99 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read सत्य की खोज अधूरी है मंदिर में ना तो राम मिला मस्जिद में ना रहमान मिला ईसा मिला ना गिरजाघर में सत्य की खोज अधूरी है सत्य की खोज अधूरी है.......... वो स्वर्ग कहाँ किसने... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 115 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read बीज अंकुरित अवश्य होगा जीवन की सच्चाई समझो क्यों फिरते हो नादान बने बीज अंकुरित अवश्य होगा पर पुनर्जन्म नहीं होगा कब सुखे पेड़ हैं हरे हुए कहाँ लहराए पौधे मरे हुए ये सत्य... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 89 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read हाय वो बचपन कहाँ खो गया ख्वाबों ख्यालों का जहाँ सो गया हाय वो बचपन कहाँ खो गया ढूंढता हूँ बहुत मैं आज कोने कोने नही मिल रहे मिट्टी के वो खिलौने हर कोई वस अब... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 97 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read चलो जिंदगी का कारवां ले चलें कुछ जमीं ले चलें कुछ आस्माँ ले चलें चलो जिंदगी का कारवाँ ले चलें न देखें है कौन कैसा यहाँ सभी इस जहां के हैं सबका जहाँ प्रेम सद्भाव सबके... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 98 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है खाक मुझको भी होना है खाक तुझको भी जरा ये तो बता तेरा-मेरा खुदा अलग क्यों है ख़ाक मुझको भी होना है............ मैं हिन्दू हूँ तूँ मुस्लिम है बता कहाँ... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 99 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read सुना है हमने दुनिया एक मेला है सुना है हमने दुनिया एक मेला है तो हर आदमी दिखता क्यों अकेला है भला कैसे ये दुनिया एक मेला है--सुना है हमने लोग भीड़ में भी अकेले नजर आते... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 94 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया बेरोजगारी ने शिक्षित को मजबूर बना दिया दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया सोचता हूँ आज क्यों दब गई आवाज रुठी कलम नाराज हमसे कायदा हुआ शिक्षित होना... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 61 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read जब काँटों में फूल उगा देखा जीवन में एक नई राह मिली जब काँटों में फूल उगा देखा जीवन में एक नई चाह दिखी जब काँटो में फूल खिला देखा ना उगता बबूल मरूस्थल में तो... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 83 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read परछाईयों की भी कद्र करता हूँ अरे अपनों की तो बात ही क्या मैं गैरों से मोहब्बत करता हूँ सच कहता हूँ इंसान तो क्या मैं परछाइयों की भी कद्र करता हूँ जग से भी क्या... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 82 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read लो फिर गर्मी लौट आई है लो फिर गर्मी लौट आई है मन में वो यादें घिर आई हैं--लो फिर हर घर में मटकों का पानी दलिया रबड़ी सबको खानी बड़े बुजुर्गो की बात सयानी आज... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 113 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read आज बगिया में था सम्मेलन आज बगिया में था सम्मेलन फूलों का और कलियों का लिए शिकायत खड़े हुए थे सब अपनी मंडलियों का कमल सुने फूलों की दूविधा दूर खड़ा हो पानी में तितली... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 2 118 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read मेघों का इंतजार है मेघों का इंतजार है हाँ मेघों का इंतजार है तपन भी है और जलन भी है मिलन की वही एक लगन भी है चाहत है दरकार है--मेघों का इंतजार है... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 85 Share VINOD CHAUHAN 2 May 2024 · 2 min read मैं प्रगति पर हूँ ( मेरी विडम्बना ) मैं प्रगति पर हूँ आदम से आदमी बन गया हूँ प्राचीन से आधुनिक बन गया हूँ ना मानवता की फिक्र मुझे ना प्रकृति की फिक्र मुझे मैं मनमानी करता हूँ... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 1 2 133 Share VINOD CHAUHAN 30 Apr 2024 · 1 min read मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ अपने हाथ में कलम कंधे पे बस्ता रखता हूँ रोज ही आते हैं गम रुलाने को मुझे फिर भी मैं लबों पे हँसी... Quote Writer 1 81 Share VINOD CHAUHAN 30 Apr 2024 · 1 min read मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ तूँ हर जगह मैं कहीं नहीं हूँ मेरी सांसों में धड़कने वाले सुन तूँ आस्मां से ऊँचा मैं जमीं नहीं हैँ Quote Writer 2 82 Share VINOD CHAUHAN 30 Apr 2024 · 1 min read अपने ख्वाबों से जो जंग हुई अपने ख्वाबों से जो जंग हुई वो जीत गए हम हार गए जज्बातों की तौहीन हुई सपने भी नागवार हुए Quote Writer 1 77 Share VINOD CHAUHAN 30 Apr 2024 · 1 min read यह जीवन भूल भूलैया है यह जीवन भूल भूलैया है या भटकी हुई सी नैया है सबको यह नाच नचाता है यह कैसा ता-ता-थैया है Quote Writer 1 102 Share Previous Page 4 Next