Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2024 · 1 min read

पानी की तस्वीर तो देखो

अरे पानी तो पानी है लेकिन
पानी की तस्वीर तो देखो
कहीं बना झरना बहता है
कहीं बना है सागर पानी

बना कहीं पर ओश का मोती
कहीं भाप बन उड़ जाता है
बादल बनकर उड़ता रहता
कहीं बना हिम बरसे पानी

है कौन जगह नजर ना आए
कौन बिना इसके रह जाए
हर महफिल में रहता पानी
आँसू बनकर बहता पानी

चर लेता विकराल रूप जब
काल समान नजर आता है
पल में सर्वनाश कर डाले
इतना भयंकर है ये पानी

धरती की हरियाली है इससे
ये घटा बनी है काली इससे
लब पे आया गीत है पानी
जीवन का संगीत है पानी

कूप,ताल,सागर में यह रहता
‘V9द’ नदी धारा बन बहता
अनधुआ जजबात है पानी
जीवन की सौगात है पानी

स्वरचित
V9द चौहान

2 Likes · 28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all
You may also like:
गुरु श्रेष्ठ
गुरु श्रेष्ठ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
parvez khan
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
नाम कमाले ये जिनगी म, संग नई जावय धन दौलत बेटी बेटा नारी।
नाम कमाले ये जिनगी म, संग नई जावय धन दौलत बेटी बेटा नारी।
Ranjeet kumar patre
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*पुष्प-मित्र रमेश कुमार जैन की कविताऍं*
*पुष्प-मित्र रमेश कुमार जैन की कविताऍं*
Ravi Prakash
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
गुमनाम 'बाबा'
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
होंठ को छू लेता है सबसे पहले कुल्हड़
होंठ को छू लेता है सबसे पहले कुल्हड़
सिद्धार्थ गोरखपुरी
पर्यायवरण (दोहा छन्द)
पर्यायवरण (दोहा छन्द)
नाथ सोनांचली
प्रेम
प्रेम
पंकज कुमार कर्ण
प्रिये का जन्म दिन
प्रिये का जन्म दिन
विजय कुमार अग्रवाल
मसरूफियत बढ़ गई है
मसरूफियत बढ़ गई है
Harminder Kaur
आता है उनको मजा क्या
आता है उनको मजा क्या
gurudeenverma198
शायद ये सांसे सिसक रही है
शायद ये सांसे सिसक रही है
Ram Krishan Rastogi
विजयादशमी
विजयादशमी
Mukesh Kumar Sonkar
मौन देह से सूक्ष्म का, जब होता निर्वाण ।
मौन देह से सूक्ष्म का, जब होता निर्वाण ।
sushil sarna
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
AJAY AMITABH SUMAN
*** मुफ़लिसी ***
*** मुफ़लिसी ***
Chunnu Lal Gupta
13. पुष्पों की क्यारी
13. पुष्पों की क्यारी
Rajeev Dutta
आग लगाना सीखिए ,
आग लगाना सीखिए ,
manisha
"क्वालीफिकेशन"
*प्रणय प्रभात*
अपने कदमों को
अपने कदमों को
SHAMA PARVEEN
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
ruby kumari
समझ ना आया
समझ ना आया
Dinesh Kumar Gangwar
प्रेम जीवन में सार
प्रेम जीवन में सार
Dr.sima
कदीमी याद
कदीमी याद
Sangeeta Beniwal
परिवर्तन
परिवर्तन
Paras Nath Jha
लत / MUSAFIR BAITHA
लत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मां भारती से कल्याण
मां भारती से कल्याण
Sandeep Pande
Loading...