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8 May 2024 · 1 min read

मेरे कफन को रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी

लगने दे इस दिल में चाहे आग मेरी जिंदगी
मेरे कफन को तूँ रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी
जिंदगी में अब रहा है क्या सुनाने के लिए
मौत भी आ जाए तो मत भाग मेरी जिंदगी

अब जनाजा निकले मेरा तो भी कोई गम नहीं
होंगे खुश सुनके यही वो इस जहां में हम नहीं
जिंदगी में अब रहा है क्या मुस्कुराने के लिए
मिट गए अरमान और सब ख्वाब मेरी जिंदगी

बन गई थी एक हिस्सा ये जिंदगी संगीत का
याद आता है वो लिखना और गाना गीत का
जिंदगी में अब रहा क्या गुनगुनाने के लिए
हो चुका संगीत ही जब बर्बाद मेरी जिंदगी

अपना समझा था जिन्हें चल दिए मुंह मोड़ कर
गम में डूबा रहता है दिल महफिलों को छोड़कर
जिंदगी में अब रहा क्या दिल बहलाने के लिए
“V9द” बस तन्हाईयां है अब साथ मेरी जिंदगी

स्वरचित
V9द चौहान

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