Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2023 · 1 min read

“अभी” उम्र नहीं है

“अभी” उम्र नहीं है
“अब” उम्र नहीं रही

बस इसी कशमकश में
जिंदगी झूलती रही ताउम्र

ना उन्हें समय मिला
और नाही हमें
समय फिसलता रहा
हाथ की मुठ्ठी से
अब चलाचली का समय
आ गया है
फिर भी हसरतें
जवान हो रही है

मिलना और बिछड़ना
यही जीवन का क्रम है
परन्तु यहाँ नहीं तो वहां
हमें मिलना ही होगा
फिर नहीं होगा कोई समझाने वाला
अभी” उम्र नहीं है
“अब” उम्र नहीं रही

Language: Hindi
318 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जागो रे बीएलओ
जागो रे बीएलओ
gurudeenverma198
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
दोस्त
दोस्त
Neeraj Agarwal
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तकलीफ ना होगी मरने मे
तकलीफ ना होगी मरने मे
Anil chobisa
गीता जयंती
गीता जयंती
Satish Srijan
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
(17) यह शब्दों का अनन्त, असीम महासागर !
(17) यह शब्दों का अनन्त, असीम महासागर !
Kishore Nigam
आदमियों की जीवन कहानी
आदमियों की जीवन कहानी
Rituraj shivem verma
" चले आना "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
💐 Prodigy Love-25💐
💐 Prodigy Love-25💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जब जब भूलने का दिखावा किया,
जब जब भूलने का दिखावा किया,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"कश्मकश"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ रिश्तो में हम केवल ..जरूरत होते हैं जरूरी नहीं..! अपनी अ
कुछ रिश्तो में हम केवल ..जरूरत होते हैं जरूरी नहीं..! अपनी अ
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पैर धरा पर हो, मगर नजर आसमां पर भी रखना।
पैर धरा पर हो, मगर नजर आसमां पर भी रखना।
Seema gupta,Alwar
राजाराम मोहन राॅय
राजाराम मोहन राॅय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
Dushyant Kumar
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
बचपन
बचपन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
धन जमा करने की प्रवृत्ति मनुष्य को सदैव असंतुष्ट ही रखता है।
धन जमा करने की प्रवृत्ति मनुष्य को सदैव असंतुष्ट ही रखता है।
Paras Nath Jha
■
■ "शिक्षा" और "दीक्षा" का अंतर भी समझ लो महाप्रभुओं!!
*Author प्रणय प्रभात*
2645.पूर्णिका
2645.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जीवन गति
जीवन गति
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
नामुमकिन
नामुमकिन
Srishty Bansal
क्रूरता की हद पार
क्रूरता की हद पार
Mamta Rani
जिंदगी
जिंदगी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आग और पानी 🔥🌳
आग और पानी 🔥🌳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...