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30 Apr 2024 · 1 min read

मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ

मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
तूँ हर जगह मैं कहीं नहीं हूँ
मेरी सांसों में धड़कने वाले सुन
तूँ आस्मां से ऊँचा मैं जमीं नहीं हैँ

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