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4 May 2024 · 1 min read

तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है

खाक मुझको भी होना है खाक तुझको भी
जरा ये तो बता तेरा-मेरा खुदा अलग क्यों है
ख़ाक मुझको भी होना है…………

मैं हिन्दू हूँ तूँ मुस्लिम है बता कहाँ पर लिखा है
तेरे दिल पर लिखा है ना मेरे दिल पर दिखा है
और सब भ्रम है,खेल है ना भरमा खुद को ही
ख़ाक मुझको भी होना है………..

मंदिर मस्जिद पर भला तुम झगड़ते क्यों हो
छोड़ इंसानियत एक दूसरे से लड़ते क्यों हो
और सब भ्रम है,खेल है ना भरमा खुद को ही
ख़ाक मुझको भी होना है…………

गीता कुरान कब किससे नफरत सिखाती है
गुरुग्रंथ बाईबल भी सबको नेकी दिखाती है
और सब भ्रम है,खेल है ना भरमा खुद को ही
ख़ाक मुझको भी होना है…………

क्यों बंट रहे हैं हम यहां मज़हब के नाम पर
लोग सेंकते हैं रोटियां हमारी इसी आन पर
और सब भ्रम है,खेल है ना भरमा खुद को ही
ख़ाक मुझको भी होना है………..

‘V9द’ कर्म कर ये बात सभी धर्म कहते हैं
जिसे ढूंढते फिरते वो कण-कण में रहते हैं
और सब भ्रम है,खेल है ना भरमा खुद को ही
ख़ाक मुझको भी होना है…………

स्वरचित
V9द चौहान

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