" पाती जो है प्रीत की "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
" एक बार फिर से तूं आजा "
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
पेट भरता नहीं है बातों से
"खुरच डाली है मैंने ख़ुद बहुत मजबूर हो कर के।
पत्रकारो द्वारा आज ट्रेन हादसे के फायदे बताये जायेंगें ।
*दुखड़ा कभी संसार में, अपना न रोना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
एक विद्यार्थी जब एक लड़की के तरफ आकर्षित हो जाता है बजाय कित
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
पहला प्यार नहीं बदला...!!
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष
कभी हुनर नहीं खिलता
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)