अंजनीत निज्जर Language: Hindi 261 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next अंजनीत निज्जर 24 Nov 2020 · 1 min read ज़िंदगी को चखा है बड़े चाव से, ज़िंदगी को चखा है, आँखें खोल और देख, देखने को कितना कुछ बचा है, कहीं चटकती हैं अनखिली कलियाँ, तो कहीं हरियाली घास है, कहीं बिछड़ता कोई... Hindi · कविता 3 8 604 Share अंजनीत निज्जर 2 Nov 2020 · 1 min read थोड़ा सा आसमान किसे तमन्ना थी, मिलें ख़ुशियाँ तमाम, हमारे लिए तो काफ़ी है थोड़ा सा आसमान, रहगुज़र-रहबसर हम इसी में कर लेंगे, चाहिए बस चुटकी भर छाँव, और छोटा सा ऊँचे टीले... Hindi · कविता 3 4 400 Share अंजनीत निज्जर 27 Sep 2020 · 1 min read कुछ कुरते टंगे रहते हैं कुछ कुरते अलमारी में यूँ के त्यूँ और नए कुरते से अलमारी भरती जाती है अक्सर इन पुराने कुरतों को निकाल कर, बाहर रखती हूँ, देखती हूँ,फिर... Hindi · कविता 3 4 403 Share अंजनीत निज्जर 20 Sep 2020 · 1 min read एक अकेला एक अकेला , आया था इस शहर में, ढूँढने चंद सिक्के, क़ीमत हर एशो-आराम की, छोड़ आया था पीछे, अपनी घिसी-पीटी सी ज़िंदगी, बहुत आम सी, सोचा था शहर में,... Hindi · कविता 2 4 421 Share अंजनीत निज्जर 20 Sep 2020 · 1 min read ज़रा सा ज़रा सा कष्ट कर लेते ज़रा सा एडजस्ट कर लेते, क्या फ़र्क़ था ही पड़ता जो तुम आवाज़ धीमी कर लेते, क्या मुमकिन नही था तुम्हारा, कुछ देर बाहर टहल... Hindi · कविता 3 4 363 Share अंजनीत निज्जर 3 Sep 2020 · 1 min read किसे पता था ? किसे पता था, ऐसा कुछ हो जाएगा, कोई अजनबी यूँ दिल के क़रीब आएगा, रुके से कदम फिर चल पड़ेगें, बेजान रास्ते फ़िर महक उठेंगें, कभी थे अजनबी-अनजान, जैसे दो... Hindi · कविता 4 2 573 Share अंजनीत निज्जर 31 Aug 2020 · 1 min read शायर दिल आज दिल शायर है, ख़्वाबों का परिंदा, उम्मीदों से घायल है, हर एक शह है उसकी, आवारगी की क़ायल, ग़म बना इक़ नगमा, और दिल शायर है, देख कर उसकी... Hindi · कविता 3 2 322 Share अंजनीत निज्जर 30 Aug 2020 · 1 min read तुम्हारी याद तुम्हारी याद , अगर सच कहूँ तो तुम्हें याद नहीं करती मैं, तुम ख़ुद ही याद आ जाते हो, ठीक वैसे ही जैसे खिड़की पर लगे गुलाब में फूल; गर... Hindi · कविता 4 6 316 Share अंजनीत निज्जर 15 Aug 2020 · 2 min read मैं छटपटाती हूँ मैं हूँ इस भारत की स्वतन्त्र नागरिक, आओ कुछ बातें दिखलाऊँ, किन किन बातों के लिए हाए मैं छटपटाऊँ क्या मनाऊँ जश्न मैं? अपनी अधूरी भौतिक स्वतंत्रता पर या पूरी... Hindi · कविता 6 6 767 Share अंजनीत निज्जर 5 Aug 2020 · 1 min read मूढ़ दुनिया बैठी तबाही के ढेर पर, मर रहा इंसान, छोटा सा इक वायरस, ले रहा है सबकी जान, काम धंधे उजड़ गए सब, सब कुछ हुआ बेजान, गूँगे-बहरे,अंधे बने रहो... Hindi · कविता 3 4 526 Share अंजनीत निज्जर 4 Aug 2020 · 2 min read कुछ औरतें कुछ औरतें रहती हैं चुप, जानती,बुझती,समझती सब कुछ, पर रहती हैं चुप, सुनती हैं वो चुपके से कलरव चिड़िया का, माँग लेतीं हैं उससे पर उड़ने के लिए, पर दिखाती... Hindi · कविता 3 4 672 Share अंजनीत निज्जर 1 Aug 2020 · 1 min read औरत वो लड़ रही है,जूझ रही है, गर्म-सर्द साँसों को पी रही है, वो टूट रही है,जुड़ रही है, मिट्टी से रूह तक का सफ़र कर रही है उससे न कहो... Hindi · कविता 5 10 662 Share अंजनीत निज्जर 30 Jul 2020 · 1 min read नादान ज़िंदगी बड़ी मायूस सी रहती है मेरी ज़िंदगी, मुझसे कहती है हरदम, परेशान हो चुकी हूँ , तुझे सवांरते - सवांरते, तेरी खामियों को नजरअंदाज करते करते नादान है मुझसे शिकायत... Hindi · कविता 5 6 273 Share अंजनीत निज्जर 30 Jul 2020 · 1 min read पहले जैसी बात नही पहले जैसी बात नही, अब नाम के रह गए रिश्ते-नाते, अब रिश्तों में वो मिठास नही, था हर रंग मौजूद रंगीन होली का, अब रंगों में भी वो बात न... Hindi · कविता 4 4 603 Share अंजनीत निज्जर 22 Jul 2020 · 1 min read कोई एक हज़ारों में से किसी एक को होता है हक़ स्त्री के अंदर झाँकने का, ख़ुशी के पीछे के दर्द को समझने का, मुस्कुराहट के पीछे के ग़म देख पाने का,... Hindi · कविता 4 2 297 Share अंजनीत निज्जर 15 Jul 2020 · 1 min read पहचान में नही आता यहाँ कोई भी शख़्स अब, पहचान में नही आता, मर गई हैं सब की संवेदनाएँ, किसी दूसरे का दर्द तड़पने, के लिए मजबूर नही है कर पाता यहाँ कोई भी... Hindi · कविता 5 6 380 Share अंजनीत निज्जर 14 Jul 2020 · 1 min read वापिस तुमको जाने न देंगे जाने नही देंगे, अबकी बार जो आओगे परदेसी, वापिस तुमको जाने न देंगे, देख तेरे शहर की गलियाँ, आज भी सूनी तेरे बिन, घर की छत पर उड़ती पतंगे, ढूँढती... Hindi · कविता 6 8 396 Share अंजनीत निज्जर 11 Jul 2020 · 1 min read तेरी आवाज़ के फूल आवाज़ों के जंगल में, वो तेरी आवाज़ के फूल कभी रहते इससे रूबरू तो कभी जाते हो भूल महज़ कुछ लम्हें करने हैं तुम्हें नाम हमारे, इन लम्हों में भी... Hindi · कविता 5 4 273 Share अंजनीत निज्जर 11 Jul 2020 · 1 min read कितनी दूर कितनी दूर, चलना है अभी कितनी दूर? थक गए हैं पाँव, देह हो गई चूर, अभी चलना है बताओ कितनी दूर? मेरे साथ-साथ थक गए हैं, चाँद-सितारे, बादल-पंछी, नदी-सागर,हैं दूर... Hindi · कविता 5 8 407 Share अंजनीत निज्जर 9 Jul 2020 · 1 min read आओ, बातें करते हैं आओ,कुछ बातें करें, रंग जीवन में फिर से भरें, इक चुप्पी सी है दोनों में छाई, दूर हो रही ख़ुद से ख़ुद की परछाई ख़्वाबों के पंखों में फिर से... Hindi · कविता 5 4 272 Share अंजनीत निज्जर 8 Jul 2020 · 1 min read अपनी तरफ़ अपनी तरफ़ भी देखो, ईमानदारी औरों को सिखला रहे, पर ख़ुद बेईमान होते जा रहे हो तुम, नीति, न्याय और धर्म की बातें फ़िज़ूल, स्वार्थ अपना साधाए जा रहे हो... Hindi · कविता 5 2 513 Share अंजनीत निज्जर 6 Jul 2020 · 1 min read त्याग दो त्याग दो, त्यागना पड़े तो उन तमाम सुखों को तुम दो त्याग, जो बेड़ियाँ बन कर पाँव में हैं पड़े, और बन कर रुकावट विकास की, रास्ते में हैं खड़े,... Hindi · कविता 6 2 302 Share अंजनीत निज्जर 4 Jul 2020 · 2 min read सोच मेरी लगता है तुम्हें कि थोड़ी अलग है सोच मेरी हाँ मानती हूँ, चीजों को देखने का नज़रिया अलग है थोड़ा मेरा, तुम्हें तकलीफ़ है विरोध के हर तरीक़े से मेरे,... Hindi · कविता 5 6 592 Share अंजनीत निज्जर 3 Jul 2020 · 1 min read वो एहसास वो एहसास कि ख़ास हो तुम, वो एहसास कि मेरे आसपास हो तुम, ज़िंदगी की भागदौड़ में, एक सकूँ भरा विश्राम हो तुम, थक कर हो जाऊँ चूर तपती दोपहरी... Hindi · कविता 2 4 299 Share अंजनीत निज्जर 2 Jul 2020 · 1 min read ज़माने की नज़र में ज़माने की नज़र में, एक गुज़रा हुआ कल हूँ मैं, अक्सर खोजती हूँ अपनी अहमियत मैं, ज़माने की नज़र में, अब थोड़ी बेपरवाह, बेफ़िक्री हो गई हूँ मैं, अब डूब... Hindi · कविता 4 4 311 Share अंजनीत निज्जर 29 Jun 2020 · 1 min read तुम्हारी ज़रूरत मुझे ज़रूरत नही, यक़ीन मानों, तुम्हें चाहने के लिए अब तुम्हारी ज़रूरत नही, कभी था वो वक़्त, जब इंतज़ार रहता था, तेरा इन नज़रों को, अब नज़रें बन्द करके भी... Hindi · कविता 6 6 547 Share अंजनीत निज्जर 28 Jun 2020 · 1 min read रिश्ते कुछ रिश्ते ज़िंदगी होते हैं दौड़ते भागते हैं ज़िंदगी बन कर साँस बनकर बदन में कभी तो कभी दौड़ते हैं रगों में लहू बनकर जी चाहता है इन्हें चुरा लूँ,... Hindi · कविता 3 2 541 Share अंजनीत निज्जर 28 Jun 2020 · 1 min read आप अपने अहसास की ख़ुश्बू से सरोबर कर जाते हैं आप, जब कभी मेरे ख़्यालों की गली से गुज़र जाते हैं आप, मैं खुली आँखों से देखती हूँ बस आप ही... Hindi · कविता 3 2 407 Share अंजनीत निज्जर 27 Jun 2020 · 1 min read माँझी माँझी की धूल झाड़ दे, जो बीत गया उसे बिसार दे, अपनी उम्मीदों को इक नया परवाज़ दे, अतीत को कमज़ोरी न मान, उसे नया ही इक आग़ाज़ दे, जो... Hindi · कविता 5 4 379 Share अंजनीत निज्जर 24 Jun 2020 · 1 min read याद मेरे पास छोड़ जाओ, अपनी यादों के मौसम से निकाल कर, कुछ रुई के गोले से बादल, जो बरस जाए जब भी मैं चाहूँ, तेरी यादों में भीगना, कोरी आँखों... Hindi · कविता 5 263 Share अंजनीत निज्जर 22 Jun 2020 · 1 min read मन मेरा जलती धरती मन मेरा, हर पल अवसादों ने था घेरा, तपन दुःख की बढ़ती थी जाती, कोई ठौर न इसका न कोई रैन बसेरा, तलाश कर रहा था राहत डेरा,... Hindi · कविता 3 2 252 Share अंजनीत निज्जर 22 Jun 2020 · 1 min read ग्रहण ग्रहण लग जाता है उन तमाम सपनों पर उम्मीदों पर उमंगों पर जो आती हैं अँज़ुरी भर सिंदूर और काले दानों के साथ जब हिस्से आती है, केवल अपेक्षाएँ, कभी... Hindi · कविता 5 2 581 Share अंजनीत निज्जर 21 Jun 2020 · 1 min read इक कोना इस पूरे कुल ज़हान में, मेरे पास कहने को ख़ुद का इक अदद कोना भी नही है, आख़िर कब तक इस ज़हान में भटकूँगी मैं बिना किसी अपने कोने के,... Hindi · कविता 3 6 264 Share अंजनीत निज्जर 19 Jun 2020 · 1 min read बंधन २ सही गलत की परिभाषा अपनी-अपनी सोच है। नियम निर्धारण एवं प्रति पालन मानव की खोज है। स्वच्छंदता पर लगाम के नाम पर ये परतंत्रता के बंधन हैं। सभ्यता और संस्कृति... Hindi · कविता 5 2 583 Share अंजनीत निज्जर 19 Jun 2020 · 1 min read बंधन सही-ग़लत, ग़लत सही की परिभाषा, किसने बनाए नियम, और इन नियमों की भाषा, बंधन महज़ मानने भर से सिर चढ़े, या ज़बरदस्ती थे सब पर मढ़ें, अंकुश मन के नियंत्रण... Hindi · कविता 7 6 483 Share अंजनीत निज्जर 18 Jun 2020 · 1 min read बेनिशाँ बेनिशाँ है तेरा अहसास, मगर बहुत गहरा है, कहीं दूर कहीं अंदर तक, तू मुझ में ठहरा सा है, अक्सर छिटक कर, ज़हन से, दिमाग़ से, कोशिश करती हूँ, दूर... Hindi · कविता 7 2 496 Share अंजनीत निज्जर 18 Jun 2020 · 1 min read एक वही था एक वही था, जो मेरा हो कर भी मेरा नही था, जो था जुगनू सा, जिसके साथ होने से, अँधेरा भी अँधेरा नही था, जो था चाँद सा, चमकता था... Hindi · कविता 6 2 350 Share अंजनीत निज्जर 15 Jun 2020 · 1 min read नया दिन देखो दिन नया निकलता है, वक़्त नए रंग में ढलता है, देखो दिन नया निकलता है, सुबह का सूरज आशा की किरण बन, दिल में उतरता है, देखो दिन नया... Hindi · कविता 4 6 326 Share अंजनीत निज्जर 13 Jun 2020 · 1 min read दो किनारे एक इस छोर तो एक उस ओर, नदी के दो किनारे, चुपचाप निहारते, दूर से इक दूजे को, एकटक-एकठौर, दोनों चाहतें हों जैसे, कि हो जाए वो किनारा, भी इस... Hindi · कविता 7 585 Share अंजनीत निज्जर 10 Jun 2020 · 1 min read शक्ल दिखाने आए हो ? शक्ल दिखाने आए हो महज़ या हमें फुसलाने आए हो, यह पहली बार तो नही, जब बहलाने आए हो, आते हो, हर पाँच साल में एक बार, हर बार झूठे... Hindi · कविता 7 2 287 Share अंजनीत निज्जर 9 Jun 2020 · 1 min read नदी दूर कहीं दूर, जा सोचा मैंने, शांति चाहिए, खोजूँ उसे, कुछ दूर इस शहर से चलूँ, शहर के पार, था एक सुनसान जंगल, बहती थी इक शांत नदी, नदी किनारे... Hindi · कविता 5 303 Share अंजनीत निज्जर 8 Jun 2020 · 1 min read माँ की याद तब तुम बहुत याद आती हो माँ, जब सुबह से शाम तक काम करती हूँ मैं, काम कर कर के थोड़ा थक जाती हूँ मैं कब सुबह से रात होती... Hindi · कविता 7 6 556 Share अंजनीत निज्जर 7 Jun 2020 · 1 min read हस्ताक्षर औरत की बेफ़िक्री, चुभती है अक्सर हर किसी को, औरत की हँसी, अक्सर बेपरवाह सी लगती है हर किसी को, औरत का नाचना, अक्सर बेशर्म होना सा लगता है हर... Hindi · कविता 4 8 392 Share अंजनीत निज्जर 7 Jun 2020 · 1 min read सुख सुख तो बस इतना है, जब पा लेने की चाहत ख़त्म हो जाए, मन भर जाए अंदर की शांति से, और मोह-माया से ऊपर उठ जाए, जब टूट जाए यह... Hindi · कविता 3 4 296 Share अंजनीत निज्जर 7 Jun 2020 · 1 min read आस गिरे गर टूटकर शाख से पत्ते, तो मिट्टी में मिल ही जाते हैं, गुज़रे जो दिन वो लौटकर, वापिस कभी नही आते हैं, रिश्तों को दोनो हाथों से सम्भाले रखना,... Hindi · कविता 4 2 566 Share अंजनीत निज्जर 4 Jun 2020 · 1 min read क्या हुआ गर? क्या हुआ गर? जो साथ न तेरा कभी मिला क्यूँ इतनी सी बात पर हो मुझे गिला क्या हुआ गर? जो साथ चल न पाए हम कभी, कहाँ साथ साथ... Hindi · कविता 2 3 393 Share अंजनीत निज्जर 3 Jun 2020 · 1 min read साथ साथ वही है, जो खड़ा तुम्हारे साथ नही, बल्कि खड़ा तुम्हारे पीछे है, जिसके हाथों में तुम्हारा हाथ नही, बल्कि कंधा तुम्हारा, उसके हाथ के नीचे है, जिसे तुम्हारे तन... Hindi · कविता 4 4 383 Share अंजनीत निज्जर 2 Jun 2020 · 1 min read शब्द इतने शब्द कहाँ से लाते हो तुम? कैसे बुनते हो ये ताना-बाना? किस्सों की चादर कैसे बिछाते हो? ये गीत-ग़ज़ल के तकियों पर कैसे ख़्वाब बनाते हो? कैसे गिरते हैं... Hindi · कविता 5 2 234 Share अंजनीत निज्जर 1 Jun 2020 · 1 min read अभागे पृथ्वी घर हम सबका, शायद, क्या सच में? हम सबका घर, पर कुछ थे, जो थे आभगे, जो शायद हम जैसे नही थे, मनुष्य नही थे, ढोर की तरह, विचरते... Hindi · कविता 3 2 246 Share अंजनीत निज्जर 1 Jun 2020 · 1 min read विदा किया विदा किया, जा तुझे विदा किया, जिस तरह पंछी दे देते हैं विदा, नही रखते हैं कोई अपेक्षा जिन्हें देते है जन्म, बिना किसी स्वार्थ के, छोटे से अपने हिस्से... Hindi · कविता 5 4 488 Share Previous Page 2 Next