Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2020 · 1 min read

नदी

दूर कहीं दूर,
जा सोचा मैंने,
शांति चाहिए,
खोजूँ उसे,
कुछ दूर इस शहर से चलूँ,
शहर के पार,
था एक सुनसान जंगल,
बहती थी इक शांत नदी,
नदी किनारे बैठ,
पाँव डाल नदी में,
नदी को देखा,
नदी में खेला,
नदी में नहाया,
की अठखेलियाँ,
शीतलता का अनुभव पाया,
सारा दिन नदी के क़रीब,
रह कर भी,
दिमाग़ में शहर रहा समाया,
नदी के साथ रह कर भी,
सब याद रहा,
बस नदी को छोड़ कर,
सब याद रहा……….

Language: Hindi
5 Likes · 275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्यूँ ख़्वाबो में मिलने की तमन्ना रखते हो
क्यूँ ख़्वाबो में मिलने की तमन्ना रखते हो
'अशांत' शेखर
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सुना था,
सुना था,
हिमांशु Kulshrestha
मेरी कहानी मेरी जुबानी
मेरी कहानी मेरी जुबानी
Vandna Thakur
लिखने से रह गये
लिखने से रह गये
Dr fauzia Naseem shad
Harmony's Messenger: Sauhard Shiromani Sant Shri Saurabh
Harmony's Messenger: Sauhard Shiromani Sant Shri Saurabh
World News
जेठ का महीना
जेठ का महीना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं (हास्य व्यंग)
बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
नैह
नैह
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तेरा सहारा
तेरा सहारा
Er. Sanjay Shrivastava
कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3363.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3363.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
प्रियवर
प्रियवर
लक्ष्मी सिंह
ऐसा क्यों होता है
ऐसा क्यों होता है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
नीर
नीर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अगर आप सही हैं, तो आपके साथ सही ही होगा।
अगर आप सही हैं, तो आपके साथ सही ही होगा।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चिंतन
चिंतन
ओंकार मिश्र
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
पूर्वार्थ
इश्क- इबादत
इश्क- इबादत
Sandeep Pande
कोई इतना नहीं बलवान
कोई इतना नहीं बलवान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
Atul "Krishn"
क्यूँ इतना झूठ बोलते हैं लोग
क्यूँ इतना झूठ बोलते हैं लोग
shabina. Naaz
तेरी चाहत का कैदी
तेरी चाहत का कैदी
N.ksahu0007@writer
होते यदि राजा - महा , होते अगर नवाब (कुंडलिया)
होते यदि राजा - महा , होते अगर नवाब (कुंडलिया)
Ravi Prakash
"मंजर"
Dr. Kishan tandon kranti
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
Paras Nath Jha
छोड़ दिया किनारा
छोड़ दिया किनारा
Kshma Urmila
Loading...