Comments (4)
2 Nov 2020 07:07 PM
हसरत नहीं आलीशान महलों की,
आरज़ू है इक छोटे से आशियाने की,
जो दो दिलों के ऩूर से रोश़न रहे,
जहां दो दिलों का प्यार पले ,
जिंदादिली से ये ज़िंदगानी कटे ,
रहते दम तक, एक दूजे के लिए ए़़हसास ज़िंदा रहे,
फ़ना होने पर ऱूहें यकसाँ हों , ख़ुदा भी जुदा ना कर पाए ,
श़ुक्रिया !
अंजनीत निज्जर
Author
2 Nov 2020 08:47 PM
बहुत उम्दा
Very nice….
Thanks ???