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18 Jun 2020 · 1 min read

एक वही था

एक वही था,
जो मेरा हो कर भी मेरा नही था,
जो था जुगनू सा,
जिसके साथ होने से,
अँधेरा भी अँधेरा नही था,
जो था चाँद सा,
चमकता था मेरे आकाश में,
वो महज़ प्रकाश का घेरा नही था,
जो था ठंडी हवा के झोंकें सा,
भरता जो जान रूह में,
वो महज़ कोहरा नही था,
जो था शांत समंदर सा,
समेटता था मुझ नदी को ख़ुद में,
वो महज़ लहर कलेवा नही था
जो था सूरज सा,
देता ज़िंदगी रवानगी का अहसास,
वो महज़ गर्म सवेरा नही था,
एक वही था,
जो सब कुछ था,
ज़िंदगी था,
बस मेरा नही था…..

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 327 Views
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